उत्तर प्रदेश का महराजगंज जिला रेलवे नेटवर्क से जुड़ने जा रहा है. केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी चौधरी के प्रयास के बाद रेलवे बोर्ड ने रेल लाइन को मंजूरी दे दी है. 52.7 किलोमीटर लंबी आनंदनगर-घुघली वाया महराजगंज इलेक्ट्रिक रेल लाइन 958.27 करोड़ की लागत से तैयारी होगी. केंद्र सरकार ने गति शक्ति स्कीम के तहत इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है. केंद्रीय रेलवे बोर्ड ने इस नए रेल रूट के लिए अधिसूचना जारी कर दी है.
रेलवे बोर्ड से मंजूरी मिलने के बाद अब सिविल, सिग्नल, टेलीकॉम और इलेक्ट्रिकल कार्य के लिए टेंडर जारी होगा. नई रेल लाइन के लिए रेलवे बोर्ड जमीन भी मुहैया कराएगा. भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी जल्द शुरू होगी.
केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि पूर्वोत्तर रेलवे के आनंदनगर से घुघली वाया महराजगंज रेल लाइन को हरी झंडी मिली है. इस रेल लाइन से पंजाब और दिल्ली से असम समेत पूर्वोत्तर का रास्ता आसान हो जाएगा. उन्होंने कहा कि महराजगंज के व्यवसायियों और आमजन के लिए यह नई रेल लाइन लाइफ लाइन होगी.
केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री ने कहा कि बहुप्रतीक्षित रेलवे लाइन के बिछ जाने से पंजाब और दिल्ली से असम समेत पूर्वोत्तर के राज्यों की ओर चलने वाली ज्यादातर रेलगाड़ियां इसी रूट से चलेंगी. इससे रेल रूट घट जाएगा, वहीं रेलवे की ढुलाई लागत में कमी आएगी. भारतीय रेलवे के नेटवर्क पर महराजगंज मुख्यालय अलग-थलग पड़ा था. यहां के लोगों को गोरखपुर- जाकर ट्रेन पकड़नी पड़ती थी. जिले की व्यावसायिक गतिविधियां भी प्रभावित हो रही थीं. गोरखपुर से अलग महराजगंज जिला बनने के बाद यहां के 30 लाख लोगों को विकास की आस बढ़ गई थी.
तीन दशक से जिला मुख्यालय को रेलवे से जोड़ने की हो रही थी मांग
इस रेल लाइन को कई बार झटका लगा. पिछले सप्ताह केंद्रीय रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव और वित्तराज्य मंत्री पंकज चौधरी के बीच लंबी वार्ता हुई, जिसमें इस रेल लाइन को हरी झंडी मिल गई. भारतीय रेलवे बोर्ड के गतिशक्ति के संयुक्त निदेशक अभिषेक जगवात ने 25 अगस्त 2023 अधिसूचना जारी की.
रेल लाइन के सिविल कार्य के लिए कुल 875.30 करोड़ रुपये, सिग्नल व टेलीकॉम कार्य के लिए 18.17 करोड़ और इलेक्ट्रिकल कार्यों के लिए 64.26 करों रुपये मंजूर किए गए हैं. पूर्वोत्तर रेलवे के इस सेक्शन की रेल लाइन के तैयार होने पर कुल लागत 958.27 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान है. इसकी सूचना गोरखपुर स्थित पूर्वोत्तर रेलवे के जनरल मैनेजर को भेज दी गई है.
नेपाल के साथ आर्थिक समृद्धि की भी इबारत लिखेगा यह रेलवे रूट
केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री ने बताया कि महराजगंज जिले की उत्तरी सीमा नेपाल और दक्षिणी गोरखपुर से मिलती है, जबकि पूर्वी सीमा पर बिहार और पश्चिमी सीमा राज्य के सिद्धार्थ नगर से लगी हुई है. इस नई रेललाइन के बन जाने से जिले की 11 नगर निकायों वाले इस जिले की कारोबारी गतिविधियों को बल मिलेगा. नारायणी, गंडक, राप्ती, चंदन, प्यास, घोंघी और डंडा जैसी नदियों के किनारे बसे यहां के लोगों के लिए रेलवे का यह तोहफा सपने के पूरा होने जैसा है.
हल्दिया बंदरगाह से नेपाल बॉर्डर तक शुरू होगी कंटेनर सेवा
केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री ने कहा कि इस नए रेलवे रूट से पश्चिम बंगाल के हल्दिया बंदरगाह से नेपाल बॉर्डर के सोनौली में बनने वाले इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट से रेलवे का कंटेनर सेवा शुरू होगा. इससे नेपाल के साथ आर्थिक रिश्ते मजबूत होंगे, कारोबार में वृद्धि होगी. पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय गोरखपुर के प्लेटफार्म का लोड भी कम होगा. बंगाल, बिहार, असम आदि पूर्वोत्तर राज्य की ट्रेनें महराजगंज-गोंडा होते हुए दिल्ली समेत अन्य गंतव्य को रवाना हो सकेंगी.
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