हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्टार जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने गोल्ड जीतकर इतिहास रच दिया. वहीं पारुल चौधरी ने महिलाओं की 3000 मीटर स्टीपलचेज नेशनल रिकॉर्ड बनाय दिया है. हालांकि वह इस रेस में 11वें स्थान पर रहीं. लेकिन इसी के साथ उन्होंने पेरिस 2024 ओलंपिक क्वालीफाइंग स्टैंडर्ड को पार के लिया है.
मेरठ की रहने वाली भारतीय धाविका पारुल चौधरी ने 9:15.31 के समय के साथ नया नेशनल रिकॉर्ड बनाया है. इसके साथ ही उन्होने ओलंपिक 2024 में अपनी जगह भी पक्की कर ली है. इसके बाद पारुल के परिजनों में खुशी की लहर है. उनका कहना है कि अब तक जो रिकॉर्ड था, वह ललिता बब्बर के नाम था, जिसको पारुल ने ब्रेक किया है. उनको गर्व है कि पारुल ने यह रिकॉर्ड बनाया है और ओलंपिक के लिए क्वालिफाइ कर लिया है.
दौराला क्षेत्र के इकलौता गांव की रहने वाली हैं पारुल
बता दें कि पारुल मेरठ के दौराला क्षेत्र के इकलौता गांव की रहने वाली हैं. पारुल के चार भाई बहन हैं और वह अपने भाई बहनों में तीसरे नंबर की हैं. पारुल के पिता कृष्ण पाल सिंह किसान हैं और माता राजेश देवी गृहणी हैं. दोनों ने ही बड़ी मेहनत से अपने बच्चों को पढ़ा लिखा कर और काफी परेशानियां झेल कर यहां तक पहुंचने में साथ दिया. पारुल की बड़ी बहन भी अब स्पोर्ट्स कोटे से सरकारी नौकरी पर हैं और पारुल का एक भाई उत्तर प्रदेश पुलिस में है.
पारुल के पिता कृष्णपाल अपनी बेटी की कामयाबी से खुश हैं. उनके परिजनों ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार किया. परिजनों का कहना है कि पारुल ने बचपन में काफी परेशानी से अपना वक्त गुजारा और पैदल गांव से बाहर जाकर बस में बैठकर मेरठ के कैलाश प्रकाश स्टेडियम में अपनी प्रैक्टिस की थी.
4×400 मीटर रिले में भारतीय टीम पांचवें स्थान पर रही
4×400 मीटर पुरुष रिले रेस में भारतीय टीम पांचवें स्थान पर रही. वहीं अमेरिका ने 2:57.31 समय के साथ नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाते हुए गोल्ड जीता. भारतीय टीम में मुहम्मद अनस याहिया, अमोज जैकब, मुहम्मद अजमल वरियाथोडी और राजेश रमेश शामिल हैं. टीम 2:59.92 समय के साथ पांचवें स्थान पर रही. इसी चौकड़ी ने फाइनल के लिए क्वालीफाई करने के लिए 2.59.05 सेकेंड का समय दर्ज करते हुए नया एशियाई और राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया था.
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