बॉलीवुड के किंग,सुपरस्टार शाहरुख खान की फिल्म जवान 7 सितंबर को रिलीज होने वाली है. शाहरुख इस समय के सबसे बड़े सुपरस्टार हैं. उनकी हर फिल्म रिलीज होने के पहले सुनामी जैसा बज क्रिएट करती है. 2-4 दिन पहले ये सुनामी दुबई में नजर आई थी, जब शाहरुख खान अपनी फिल्म जवान का प्रमोशन करने दुबई गए हुए थे. बुर्ज खलीफा के आसपास जो सैलाब देखा गया वो किंग खान की लोकप्रियता की कहानी कहता है.फिल्म की टिकट खिड़की पर जबरदस्त एडवांस बुकिंग बताती है कि पहले दिन ही शाहरुख खान का खुद का बनाया रिकॉर्ड टूट सकता है.
हालांकि बॉक्स ऑफिस के रिकॉर्ड बताते हैं कि पिछले कुछ सालों में पठान को छोड़कर उनकी कई फिल्में फ्लॉप हुईं हैं. पर उन फिल्मों की भी कमाई खराब नहीं रही.दरअसल सुपर स्टार की फिल्में अगर सुपर डुपर हिट नहीं हैं तो उसे फ्लॉप ही समझा जाता है.पठान ने बहुत दिनों बाद उन्हें सफलता का स्वाद चखाया था.अब सवाल हो रहा है कि क्या पठान की तरह जवान भी हिट होगी? जवान का ट्रेलर देखकर जो बातें समझ में आईं वो यही हैं कि क्या ये फिल्म दर्शकों को पसंद आएगी? आइए देखते हैं कि क्यों ऐसा लग रहा है कि फिल्म में शाहरुख को छोड़कर हर एक चीज ऐसी है जो उसे फ्लॉप कराने के लिए काफी है.
मल्टी फेस या मल्टी रोल वाले नायक को एक्सेप्ट नहीं करता रहा है दर्शक
अमिताभ बच्चन की महान (3 रोल), संजीव कुमार की नया दिन -नई रात ( 9 चेहरे), दशावतार में कमल हासन ( 10 चेहरे) वाली फिल्में में एक चीज कामन हैं कि ये सभी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर पानी नहीं मांगीं थीं .महान भी ऐसे समय रिलीज हुई थी जब अमिताभ बच्चन अपने चरम पर थे. उनकी फ्लॉप फिल्में भी जुबली मनाती थीं. पर महान सुपर फ्लॉप हुई थी. भारतीय फिल्मों का दर्शक चाहे उत्तर में हो या दक्षिण में सीधी रो में चलने वाली फिल्में पसंद करता रहा है. जवान मूवी के ट्रेलर में शाहरुख खान के 7 चेहरे दिख रहे हैं. कई बार ट्रेलर देखने पर भी यह समझ में नहीं आ रहा है कि डायरेक्टर ने कौन सी खिचडी पकाई है. इतने इनग्रेडिएंट्स वाली खिचड़ी का स्वाद कैसा होगा? अकसर किचेन में जब यह सोचकर खिचड़ी पकाई जाती है कि वो तीखी खाने वाले और मीठी खाने वाले, सादा खाने वाले सबको पसंद आए तो फिर उसका स्वाद भगवान भरोसे हो जाता है. अब जवान के डायरेक्टर एटली ने कौन सी स्वाद वाली खिचड़ी पकाई है ये फिल्म देखने के बाद ही पता चलेगा.
ढेर सारे कैरेक्टर कहानी को कॉम्प्लिकेटेड कर देते हैं
दर्शक को सीधी लाइन में चलने वाली कहांनियां पसंद आती हैं. दरअसल डायरेक्टर और स्क्रिप्ट राइटर के लिए ढाई घंटे में ढेरी सारी चीजें दिखाना बहुत कठिन हो जाता है.कभी चरित्रों के निर्माण का संकट खड़ा हो जाता है तो कभी उनको विस्तार नहीं मिल पाता. कोई भी सुपर डुपर हिट फिल्म तभी होती है जब उसके चरित्र लोगों की दिमाग में जगह बना लेते हैं. मुगलेआजम, मदर इंडिया या शोले इसलिए ही ऑलटाइम हिट फिल्में हैं जिनके कैरेक्टर आज भी लोगों की जुबान पर होते हैं. हाल ही में हिट हुई पठान और गदर2 के कैरेक्टर भी लोगों को फिल्म देखने के बाद याद आते हैं. जवान का ट्रेलर देखकर जो चीज समझ में आती है वो यह है कि कुछ समझ में ही नहीं आता है.नयनतारा की बात हो रही थी कि दीपिका पादुकोण भी नजर आ गईं.इसके अलावा एक गर्ल गैंग भी है. सात तरह के शाहरुख तो नजर ही आ रहे हैं, विलेन भी 2 तरह के नजर आ रहे हैं. डायरेक्टर बेचार कब चरित्र निर्माण करेगा ,कब उनका विस्तार करेगा , कब स्टोरी को क्लाइमेक्स पर ले जाएगा और कब स्टोरी को समअप करेगा.
एटली की फिल्मों का सब्जेक्ट साउथ के दर्शकों को पसंद आती हैं
शाहरुख की एक खूबी रही है कि वो अपने पूर्ववर्ती सुपरस्टार अमिताभ बच्चन को फॉलो करते रहे हैं. अमिताभ बच्चन अपने कांपिटिटिव एक्टर्स के हिट डायरेक्टर को भी अपने कैंप में शामिल कर लेते थे. राजेश खन्ना से लेकर नाना पाटकर तक के डायरेक्टरों को उन्होंने बुलाकर उनकी फिल्में की.ताकि हिट फिल्म देते रहें. पर शक्ति सामंत, मेहुल कुमार,ऋषिकेश मुखर्जी,राज खोसला के साथ एक दो फिल्मों को छोड़कर उनकी अधिकतर फिल्में फ्लॉप ही हुईं. शाहरुख भी अपने दौर के सभी डायरेक्टरों को आजमा रहे हैं.कुछ तो फ्लॉप हो चुके हैं. अब एटली और राजकुमार ईरानी उन्हें सफलता दिला पाते हैं या नहीं ये देखना है. एटली अच्छी फिल्में बनाते होंगे पर साउथ के दर्शकों के लिए भी उन्होंने ऐसी कोई मास हिट नहीं बनाई है जिन्हें उत्तर भारत का भी बच्चा बच्चा जान जाए. जिन लोगों ने एटली की फिल्में देखी होंगी उन्हें पता है कि उनका कंटेंट प्योर साउथ वाला होता है. हालांकि पिछले 5 सालों का ट्रेंड ये है कि साउथ की मसाला फिल्में उत्तर भारत मे भी पसंद की जा रही हैं. पर डायरेक्टर ने उत्तर और दक्षिण के नाम मिक्चर न बना दिया हो. दर्शक आजकल खालिस शुद्ध चीजें चाहता है.देखना है एटली ने क्या किया है?
अब तक कोई गाना जुबान पर नहीं चढ़ा
पठान की म्यूजिक रिलीज होने के पहले ही हिट हो चुकी थी. जिन लोगों ने फिल्म के रिलीज के पहले तीन चार हफ्तों में किसी मल्टिप्लेक्स या सिंगल स्क्रीन थियेटर में मूवी देखी होगी उन्होंने फिल्म के अंत में झूमे जो पठान गाने पर झूमते दर्शक जरूर याद होंगे. दशकों बाद थियेटर में ये माहौल दिखा था जब लोग पागलों की तरह सीट से उठकर सीटियां बजाते हुए डांस करते थे. दरअसल फिल्म के गाने हिट हो चुके थे. जवान का ट्रेलर देखकर नहीं लगता है कि इस फिल्म का कोई गाना हिट होने वाला है. दरअसल फिल्म को पैन इंडियन बनाने के चक्कर में गीतकार भी साऊथ इंडियन ही रख लिया गया है.अनुवादित गीतों के बोल सुनने पर लगता है कि किसी साउथ की फिल्म के गीत बज रहे हों. शाहरुख की फिल्मों के गाने गुलजार और जावेद अख्तर जैसे लोग लिखा करते रहे हैं. यही कारण रहा है कि उनकी फ्लॉप फिल्मों के गाने भी लोगों की जुबान पर चढ़ जाया करते थे . जो इस फिल्म में मिसिंग दिख रहा है.
‘पठान’ के बाद शाहरुख से उम्मीदों का पहाड़
पठान के ग्रैंड सक्सेस ने शाहरुख खान से दर्शकों की उम्मीद बढ़ गई है. इसके साथ ही जवान की इतना हाइप क्रिएट हो गया है कि अगर जरा भी फिल्म कमजोर हुई तो फिल्म का डूबना तय है. बॉलिवुड को इतिहास में इस तरह के हाइप से कई बार नुकसान उठाना पड़ा है. जब हाइप क्रिएट होने के चलते कई बार बड़े बजट वाली फिल्में बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह फ्लॉप हुई हैं. जबकि कई बार कमतर फिल्में रिलीज हुईं और अच्छा चल गईं हैं. जवान को लेकर भी लोगों ने काफी उम्मीदें पाल ली हैं. जवान भी पठान की तरह एक्शन पैक्ड फिल्म है. बैक टु बैक एक्शन फिल्में आना भी शाहरुख के फैन्स के लिए बोझिल हो सकता है.
( जवान का ट्रेलर देखने के बाद एक दिलजले की प्रतिक्रिया)
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