भारतीय मूल के थर्मन शनमुगरत्नम को सिंगापुर का नया राष्ट्रपति चुना गया है. थर्मन ने 70.4 फीसदी वोटों के साथ राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया है. उन्होेने अपने दो प्रतिद्वंद्वियों भारी बहुमत से हराकर इतिहास रचा है.
देश के नौवें राष्ट्रपति के चुनाव के लिए शुक्रवार को मतदान हुआ था. देश में आखिरी बार राष्ट्रपति चुनाव 2011 में हुआ था. इस चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला था लेकिन सिंगापुर में जन्मे भारतीय मूल के थर्मन ने यह बड़ी जीत हासिल की. उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद कहा कि मुझे इतनी बड़ी जीत की उम्मीद नहीं थी. इसका मतलब है कि इन लोगों ने मुझे वोट देने का फैसला किया था. यह काफी प्रेरणादायक है.
उन्होंने इन नतीजों को सिंगापुर के लोगों की एकता का प्रतीक बताते हुए कहा कि देश के लोगों ने बहुत ही समझदारी से वोट किया है. मुझे लगता है कि लोगों को एक निष्पक्ष राष्ट्रपति चाहिए था. यह लोगों, उनके चरित्र और प्रतिष्ठा पर निर्भर करता है.
2011 के बाद पहली बार हुए राष्ट्रपति चुनाव
थर्मन ने कहा कि वह निवर्तमान राष्ट्रपति हलीमा याकूब से मिलने को लेकर आश्वस्त हैं. वह उनसे मिलकर उनकी सलाह लेंगे. थर्मन ने कहा कि हलीमा ने बेहतरीन तरीके से देश की सेवा की है. मैं उनकी सराहना करता हूं. मैं उनके साथ बैठकर बीते छह सालों के उनके अनुभवों और देश को लेकर उनकी राय को सुनूंगा. मैं लोगों के जनादेश का सम्मान करता हूं.
बता दें कि राष्ट्रपति हलीमा का छह साल का कार्यकाल 13 सितंबर को खत्म हो रहा है. वह देश की आठवीं और पहली महिला राष्ट्रपति हैं. देश में 2011 के बाद पहली बार राष्ट्रपति चुनाव हुए हैं. इस बीच दुनियाभर के नेताओं से थर्मन को बधाइयां मिलने लगी.
पीएम मोदी ने दी थर्मन को बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी थर्मन को सिंगापुर का राष्ट्रपति चुने जाने पर बधाई देते हुए कहा कि मैं भारत-सिंगापुर रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए आपके साथ मिलकर काम करने को लेकर आशान्वित हूं.
सिंगापुर में यूक्रेन की राजदूत कैटरीना जेलेन्को ने भी थर्मन को बधाई देते हुए कहा कि हम उनके साथ अच्छे सहयोग और मैत्रीपूर्ण संबंधों की उम्मीद करते हैं.
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि अमेरिका और सिंगापुर के संबंध दीर्घकालीन और काफी मजबूत हैं और ये आपसी सहयोग, सम्मान और समान हितों पर आधारित हैं.
बता दें कि 22 साल के अपने राजनीतिक करियर के बाद थर्मन ने सत्तारूढ़ पीपुल्स एक्शन पार्टी और कैबिनेट में सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दिया था.
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