राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) स्कूली छात्रों को हमारे देश के बहादुर सैनिकों के बलिदान और राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (National War Memorial या NWM) के इतिहास, महत्व और अवधारणा को पाठ्यपुस्तक में शामिल करने जा रहा है. इस पहल का उद्देश्य स्कूली बच्चों के बीच देशभक्ति, कर्तव्य के प्रति समर्पण और साहस और बलिदान के मूल्यों को विकसित करना है.
रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि इस वर्ष से कक्षा 7 के एनसीईआरटी पाठ्यक्रम में ‘राष्ट्रीय युद्ध स्मारक – हमारे बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि’ पर एक अध्याय शामिल किया गया है. रक्षा और शिक्षा मंत्रालयों द्वारा संयुक्त रूप से शुरू की गई इस पहल का उद्देश्य स्कूली बच्चों के बीच “देशभक्ति, कर्तव्य के प्रति समर्पण और साहस और बलिदान के मूल्यों को विकसित करना” और राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भागीदारी को बढ़ाना है.
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “अध्याय स्वतंत्रता के बाद राष्ट्र की सेवा में सशस्त्र बलों के बहादुरों द्वारा किए गए सर्वोच्च बलिदान के अलावा, राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (एनडब्ल्यूएम) के इतिहास, महत्व और अवधारणा पर प्रकाश डालता है.” इसमें कहा गया है, “अध्याय में, दो दोस्त एक-दूसरे को पत्र लिखकर बहादुरों द्वारा किए गए बलिदानों के कारण मिली स्वतंत्रता के लिए अपनी कृतज्ञता की भावनाओं को साझा करते हैं.”
मंत्रालय ने आगे कहा, “प्रतिष्ठित स्मारक देखने के दौरान बच्चों के मन और दिल में जो गहरा भावनात्मक प्रभाव और जुड़ाव पैदा होता है, उसे एनसीईआरटी के लेखकों ने रचनात्मक ढंग से सामने लाया है.”
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 फरवरी 2019 को नई दिल्ली में NWM को राष्ट्र को समर्पित किया था. राष्ट्रीय युद्ध स्मारक उन सैनिकों और गुमनाम नायकों की याद में बनाया गया था जिन्होंने आजादी के बाद से देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी. नया स्मारक इंडिया गेट परिसर में 40 एकड़ में फैला है, जिसकी दीवारों पर शहीद हुए सैनिकों के नाम हैं.
(पीटीआई इनपुट के साथ)
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