दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस न्यायिक प्रक्रिया में ह्यूमन इंटेलिजेंस और ह्यूमन एलिमेंट की जगह नहीं ले सकता है. साथ ही कहा कि ChatGPT अदालत में कानूनी या तथ्यात्मक मुद्दों के निर्णय का आधार नहीं हो सकता है.
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'ह्यूमन इंटेलिजेंस की जगह नहीं ले सकता AI'
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