इनकम टैक्स विभाग (Income Tax Department) ने ऐसे टैक्सपेयर्स (Taxpayers) के लिए सूचना जारी की है, जिन्होंने अपने इनकम टैक्स रिटर्न का ई-वेरिफिकेशन (ITR-E verification) नहीं किया है. अगर आपने इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल कर दिया है और ई-वेरिफिकेशन नहीं किया है, तो फाइलिंग प्रोसेस को अधूरा माना जाता है. इसलिए अगर आपने ये काम पूरा नहीं किया है, तो इसे जल्द से जल्द निपटा लीजिए. विभाग ने कहा कि ई-वेरिफिकेशन को पूरा नहीं करने वालों को जुर्माना भरना पड़ सकता है.
30 दिनों के भीतर ई-वेरिफिकेशन अनिवार्य
इनकम टैक्स विभाग ने ट्वीट किया कि आईटीआर दाखिल करने 30 दिनों के भीतर ई-वेरिफिकेशन करना याद रखें. देर से वेरिफिकेशन पर आयकर अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के अनुसार लेट फाइन लगाया जा सकता है. इनकम टैक्स रिटर्न को वैलिड साबित करने के लिए उसका ई-वेरिफिकेशन जरूरी है. इनकम टैक्स विभाग ने ITR फाइल करने के 30 दिनों के भीतर रिटर्न का ई-वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया है. अगर आपने 31 जुलाई 2023 को अपना आईटीआर दाखिल किया था, तो ई-वेरिफिकेशन के लिए आपके पास बेहद की कम समय बचा है.
आईटीआर के ई-वेरिफिकेशन के लिए स्टेप
- इनकम टैक्स के ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाएं. ‘ई-वेरिफाई रिटर्न’ पर क्लिक करें.
- आप अपना पैन, एसेसमेंट ईयर और एक्नॉलेजमेंट नंबर दर्ज करें.
- आप अपने पैन और पासवर्ड से भी लॉग इन कर सकते हैं, फिर ‘माय अकाउंट’ पर जाएं और फिर ‘ई-वेरिफाई रिटर्न’ पर क्लिक करें.
- इसके बाद आपकी स्क्रीन में पर नया पेज ओपन हो जाएगा, जिससे पता लग जाएगा कि आपका वेरिफिकेशन पेंडिंग है.
- आधार ओटीपी के जरिए वेरिफिकेशन की प्रक्रिया काफी आसान है. कोई भी व्यक्ति रिटर्न की पुष्टि और ई-वेरिफिकेशन के लिए आधार के साथ रजिस्टर्ड और मैप किए गए मोबाइल नंबर पर आए ओटीपी का इस्तेमाल कर सकता है.
वरना नहीं मिलेगा रिफंड
इनकम टैक्स रिटर्न भरने वालों को रिफंड तभी प्राप्त होगा, जब आपने ITR के ई-वेरिफिकेशन प्रोसेस को पूरा किया होगा. अगर आपने इस काम को पूरा नहीं करते हैं, तो 120 दिन के बाद आपके रिटर्न को इनवैलिड कर दिया जाएगा. सीबीडीटी अध्यक्ष नितिन गुप्ता ने पिछले दिनों बताया था कि रिटर्न प्रोसेसिंग में लगने वाला औसत समय पिछले साल के 26 दिन की तुलना में इस वर्ष घटकर 16 दिन रह गया है. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में इसे और कम किया जाएगा.
कब तक दाखिल कर सकते हैं आईटीआर?
31 जुलाई के बाद इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने वाले टैक्सपेयर्स को लेट फीस चुकानी होगी. अगर कोई इंडिविजुअल साल में पांच लाख रुपये से अधिक की कमाई करता है, तो उसे लेट फाइन के रूप में 5,000 रुपये देने होंगे. अगर किसी टैक्सपेयर्स की सालाना इनकम पांच लाख रुपये से कम है, तो उसे लेट फीस के रूप में 1,000 रुपये का भुगतान करना होगा. जुर्माना के साथ देर से ITR दाखिल करने का विकल्प 31 दिसंबर, 2023 तक उपलब्ध है.
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