दुनियाभर में तबाही मचा चुके कोरोनावायरस ने एक बार फिर टेंशन बढ़ा दी है. कारण, अमेरिका में कोरोना के मामलों में 24 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिली है. वहीं इसको ध्यान में रखते हुए विशेषज्ञों ने सर्दियों में महामारी के एक बार फिर फैलने की चेतावनी जारी करते हुए तैयार रहने को कहा है. इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कोरोना की नई वैक्सीन बनाने के लिए और फंड की मांग की है. वहीं अब यह चर्चा शुरू हो गई है कि क्या कोरोना के नए वैरिएंट के लिए अलग वैक्सीन होगी?
दरअसल, लेक ताहो क्षेत्र में छुट्टियां मना रहे राष्ट्रपति बाइडेन ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा है कि मैंने आज सुबह एक प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें मैंने नई वैक्सीन के लिए अतिरिक्त फंडिंग जारी करने के लिए कांग्रेस से मांग की है. ये बहुत जरूरी है. साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि ये वैक्सीन हर किसी को लगाई जाए, चाहे उन्हें पहले से ही कोरोना वैक्सीन क्यों न लगी हो.
जानकारी के मुताबिक फंड जारी होने पर सितंबर महीने में ये नई वैक्सीन लोगों के लिए उपलब्ध करा दी जाएगी. वहीं कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर अमेरिका की कुछ संस्थानों ने एक बार फिर मास्क पहनना जरूरी कर दिया है. इसको लेकर एडवाइजरी भी जारी की गई है. वहीं विशेषज्ञ लोगों को भी मास्क का इस्तेमाल करने की सलाह दे रहे हैं. अस्पतालों में बढ़ते मामलों ने एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है. लोगों को सतर्कता बरतने को कहा जा रहा है.
वायरस में तेजी से हो रहा म्यूटेशन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले कुछ हफ्तों में कोविड-19 के कारण अस्पताल में भर्ती होने की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. कई कंपनियों ने ओमीक्रॉन स्ट्रेन XBB.1.5 के लिए नई वैक्सीन पहले से ही बना ली है. इन्हें बनाने वाली कंपनियों में फाइजर, नोवावैक्स और मॉडर्ना शामिल हैं. हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि वायरस में लगातार हो रहे म्यूटेशन को ध्यान में रखते हुए नई वैक्सीन बनाने की आवश्यकता होगी. इसी के चलते बाइडेन ने नई वैक्सीन बनाने के लिए फंड जारी करने को कहा है.
11 अगस्त के प्रस्ताव में नहीं था महामारी का जिक्र
बता दें कि 11 अगस्त को बाइडेन सरकार ने कांग्रेस से 40 मिलियन डॉलर की फंडिंग का अनुरोध किया था. हालांकि इसमें कोरोनावायरस को लेकर फंड शामिल नहीं था. इसकी बजाय सरकार ने यूक्रेन के लिए अधिक सहायता, संघीय आपदा निधि, जलवायु परिवर्तन और सीमा प्राथमिकताओं जैसी चीजों के लिए ये फंड मांगा है. वहीं इससे पहले 2022 में बाइडेन सरकार ने कोरोना संकट से निपटने के लिए $9.25 बिलियन का फंड मांगा था, लेकिन प्रस्ताव को अमेरिकी संसद ने ठुकरा दिया था.
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