अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बार फिर से पाकिस्तान को फजीहत का सामना करना पड़ा है. पाकिस्तान ने 2019-21 के बीच म्यांमार की सैन्य सरकार जुंटा को JG-17 थंडर मल्टी-रोल फाइटर जेट की आपूर्ति की थी जिन्हें अब इस्तेमाल के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया है. म्यांमार के पास पाकिस्तान के दिए लड़ाकू विमानों में से कुल 11 विमान तकनीकी खराबियों के कारण काम नहीं कर रहे हैं जिसे लेकर सैन्य जुंटा पाकिस्तान से काफी नाराज है. जुंटा ने पाकिस्तान को सख्त संदेश भेजकर कहा है कि वो इतनी संख्या में विमानों की खराबी को लेकर जवाब दे.
पाकिस्तान ने JF-17 लड़ाकू विमानों को 2016 के एक समझौते के तहत म्यांमार को दिया था. लड़ाकू विमानों को पाकिस्तान की एयरोनॉटिकल कॉम्प्लेक्स ने चीन के चेंगदू एयरक्राफ्ट इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन के साथ मिलकर बनाया है.
म्यांमार की नरिंजरा न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आपूर्ति मिलने के कुछ समय बाद ही म्यांमार को विमानों का परिचालन बंद करना पड़ा क्योंकि उनमें कई खराबी और स्ट्रक्चरल खामियों का पता चला था. पाकिस्तान ने 2022 में भी म्यांमार को JF-17 लड़ाकू विमान भेजे थे और उनमें भी इसी तरह की खामी का पता चला था. तब पाकिस्तान में शहबाज शरीफ की सरकार थी.
खराब विमानों को लेकर भड़का म्यांमार का जुंटा
बिजनेस टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, म्यांमार सैन्य जुंटा के नेता जनरल मिन आंग लाइंग ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के प्रति भारी नाराजगी जताई है.
रिपोर्ट में कहा गया कि चीन और पाकिस्तान के संयुक्त प्रयास से निर्मित JF-17 विमानों में आई खराबी को ठीक करने के लिए पिछले साल सितंबर में पाकिस्तानी इंजीनियरों ने म्यांमार का दौरा किया था. लेकिन लड़ाकू विमानों में अब भी वो दिक्कतें बरकरार हैं जिसे लेकर म्यांमार की सैन्य सरकार अब गुस्से में है. जुंटा ने गड़बड़ी को ठीक करने के लिए पाकिस्तान को एक कड़ा संदेश भेजा है.
लड़ाकू विमानों की खराबी के कारण म्यांमार की जुंटा को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. इससे म्यांमार के प्रतिरोध समूहों से लड़ने की जुंटा की हवाई क्षमता कमजोर हुई है. सैन्य जुंटा यह भी मांग कर रही है कि चीन इस मामले में हस्तक्षेप करे. चीन में म्यांमार के राजदूत ने हाल में नेपीताव (म्यांमार की राजधानी) की यात्रा की थी और चीन के शीर्ष नेतृत्व का एक संदेश जुंटा नेता जनरल मिन आंग को दिया था.
म्यांमार के साथ समझौता बरकरार रखने के लिए पाकिस्तान कर रहा कोशिश
सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान कोशिश कर रहा है कि वो म्यांमार को JF-17 के नए संस्करण देकर समझौते को कायम रखे. ऐसी संभावना है कि नए लड़ाकू विमानों को पाकिस्तान का एयरोनॉटिकल कॉम्प्लेक्स और चीन के चेंगदू एयरक्राफ्ट इंडस्ट्रीज कॉर्पोरेशन मिलकर बनाएंगे. हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि म्यांमार की जुंटा ने इस पर अपनी सहमति दी है या नहीं.
पाकिस्तान JF-17 विमानों को लैटिन अमेरिकी देशों को भी बेचना चाहता था लेकिन म्यांमार से विवाद के बाद अब उसके लिए अपने लड़ाकू विमान बेच पाना टेढ़ी खीर हो गया है. यह बात भी गौर करने लायक है कि चीन के वायुसेना में आज तक एक भी JF-17 लड़ाकू विमानों को शामिल नहीं किया गया है.
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