मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में अब करीब दो महीने का समय बचा है और सियासी पारा चढ़ रहा है. सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बड़े नेता लगातार मध्य प्रदेश के दौरे कर रहे हैं. बीजेपी जन आशीर्वाद यात्रा, आशीर्वाद सभाओं के जरिए मतदाताओं को अपने पाले में करने की कोशिशों में जुटी है.
इन सबके बीच जन आशीर्वाद यात्रा को हरी झंडी दिखाने मध्य प्रदेश के नीमच पहुंचे बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तुलना भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से कर दी है.
राजनाथ सिंह ने क्या कहा?
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि शिवराज सिंह चौहान सबसे लंबे समय तक प्रदेश के लोगों की सेवा करने वाले मुख्यमंत्रियों में से एक हैं. उन्होंने धोनी की तरह मैच को जीत के साथ खत्म करने की कला में महारत हासिल की है. शुरुआत कैसी भी हो लेकिन अच्छा फिनिश देकर मैदान जीतना शिवराज सिंह चौहान जानते हैं. शिवराज ने लोगों की सेवा की है इसलिए उन्हें जनता का विश्वास हासिल होता है.
उन्होंने आगे 2004 के आम चुनाव में बीजेपी की हार को लेकर भी बड़ा बयान दिया. राजनाथ सिंह ने कहा कि 2004 के चुनाव में हमने ‘इंडिया शाइनिंग’ का नारा देकर गलती की थी जिसका खामियाजा हार के रूप में भुगतना पड़ा. 2024 के चुनाव में इंडिया गठबंधन का भी वही हश्र होगा.
राजनाथ के बयान के मायने क्या?
राजनाथ सिंह ने ये बयान मध्य प्रदेश चुनाव को लेकर आयोजित एक कार्यक्रम में दिया है. वह भी ऐसे समय में, जब पार्टी सीएम पोस्ट के लिए शिवराज या किसी भी नेता का नाम आगे किए बिना सामूहिक नेतृत्व के फॉर्मूले को लेकर चुनाव मैदान में उतरने की रणनीति पर चल रही है. सवाल उठ रहे हैं कि राजनाथ सिंह सीएम शिवराज को धोनी जैसा फिनिशर बताकर क्या अगले सीएम को लेकर तस्वीर साफ कर दी है?
राजनीतिक विश्लेषक अमिताभ तिवारी ने इसे लेकर कहा कि चुनाव में प्रतीक और संकेत का बड़ा प्रभाव पड़ता है. 2018 के चुनाव में उज्जैन से जन आशीर्वाद यात्रा की शुरुआत करने के बाद बीजेपी के तत्कालीन अध्यक्ष अमित शाह ने चेहरे के सवाल पर कहा था कि बीजेपी संगठन के चेहरे पर चुनाव लड़ रहे हैं. इसका कार्यकर्ताओं, खासकर शिवराज समर्थकों पर नकारात्मक असर पड़ा था. राजनाथ की मंशा चाहे जो हो लेकिन उन्होंने एक तरह से शिवराज को चुनाव के लिए बीजेपी का कप्तान घोषित कर दिया है.
राजनाथ के शुरुआत चाहे कैसी भी हो वाले बयान को लेकर एक सवाल ये भी उठ रहा है कि क्या वे ये मान रहे हैं कि बीजेपी की स्थिति बहुत बेहतर नहीं थी? अमिताभ तिवारी ने कहा कि एक नहीं, दो-दो बार बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुका एक सधा राजनेता अगर कुछ बोलता है तो उसके पीछे जरूर कुछ होगा. खुलकर भले ही कोई नेता ना बोले लेकिन चुनाव अभियान की कमान केंद्रीय नेतृत्व का अपने हाथों में ले लेना, अमित शाह के लगातार मध्य प्रदेश के दौरे करना एक तरह से टाइट फाइट की स्वीकारोक्ति ही थी. बीजेपी की स्थिति अब बेहतर हुई है, राजनाथ का बयान इसी ओर इशारा करता है.
शाइनिंग इंडिया नारे के जिक्र के पीछे क्या?
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी पार्टियों ने नया गठबंधन बनाया है- इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस यानी इंडिया गठबंधन. राजनाथ सिंह ने इंडिया गठबंधन की हार का दावा करने के लिए ‘इंडिया शाइनिंग’ नारे का जिक्र किया तो इसके भी सियासी मीन-मेख निकाले जा रहे हैं. जानकारों का कहना है कि राजनाथ का इस नारे को गलती बताना एक तरह से ये संदेश है कि बीजेपी की रणनीति चुनाव को एलीट बनाम गरीब बनाने की होगी.
2004 के लोकसभा चुनाव में क्या रहा था परिणाम?
दरअसल, 2004 के आम चुनाव से पहले मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान विधानसभा चुनाव में जीत के बाद अटलबिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार ने समय से छह महीने पहले ही चुनाव में जाने का फैसला किया. बीजेपी ने ‘इंडिया शाइनिंग’ का नारा दिया था. हालांकि, आम जनता पर ये नारा प्रभाव डालने में सफल नहीं रहा. चुनाव परिणाम आए तो बीजेपी 1999 की 182 सीटों के मुकाबले 138 सीटें ही जीत सकी और एनडीए 185 सीटों तक पहुंच सका था.
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