3 दिन पहले
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सितंबर में 60 से 70 रुपए प्रति किलो तक पहुंच सकते हैं प्याज के दाम। – सिम्बॉलिक इमेज
टमाटर के बाद अब प्याज के बढ़ते दामों ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। देश में प्याज की कीमतों को काबू में रखने के लिए केंद्र सरकार ने एक्सपोर्ट पर 40% ड्यूटी लगा दी है।
अभी तक इसके एक्सपोर्ट पर कोई टैक्स नहीं वसूला जाता था। सरकार इस कदम से देश में प्याज की अवेलेबलिटी को बनाए रखना चाहती है और इससे कीमतें भी नियंत्रण में रहेंगी। वित्त मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी कर बताया है कि प्याज पर एक्सपोर्ट ड्यूटी तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है, जो 31 दिसंबर तक रहेगी।
पिछले साल से 14 गुना महंगा हुआ प्याज
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, प्याज की कीमतें बढ़ना शुरू हो गई हैं, क्योंकि 10 अगस्त को इसका ऑल इंडिया रिटेल प्राइस ₹27.90/kg था, जो कि एक साल पहले इसी अवधि में ₹2/KG से थोड़ा ज्यादा था। यानी पिछले साल के मुकाबले प्याज 14 गुना महंगा हो चुका है।
सरकार के पास फिलहाल 3 लाख टन स्टॉक
सरकार ने आपात स्थिति से निपटने के लिए प्राइस स्टैबलाइजेशन फंड (PSF) के तहत 3 लाख टन प्याज का स्टॉक बनाए रखा है, ताकि कम सप्लाई वाले मौसम के दौरान बढ़ती कीमतों को रोका जा सके।
इसके अलावा सरकार प्याज की कीमतों को बाजार में जारी करने के लिए कई विकल्प आजमा रही है, इसमें प्याज का ई-ऑक्शन, ई-कॉमर्स के साथ-साथ राज्यों के साथ मिलकर कंज्यूमर को-ऑपरेटिव रिटेल आउटलेट्स के जरिए प्याज को मार्केट में उतारा जा रहा है।
अगले माह दोगुने हो सकते हैं प्याज के भाव
क्रिसिल के मुताबिक, सप्लाई घटने से सितंबर की शुरुआत में प्याज 60-70 रुपए प्रति किलो तक पहुंच सकता है। अभी यह 15-30 रुपए किलो बिक रहा है।
क्रिसिल का कहना है कि फरवरी में महाराष्ट्र जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में रबी की फसल जल्दी पक गई। मार्च में इन इलाकों में बेमौसम बारिश से शेल्फ लाइफ 6 महीने से घटकर 4-5 महीने रह गई।
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