खेती-किसानी में कई बदलाव आ चुके हैं. किसान पारंपरिक फसलों से इतर कम लागत में बंपर मुनाफा देने वाली फसलों की खेती की तरफ रुख कर रहा है. गेंदे का फूल भी कुछ इसी तरह की फसल है. बिहार सरकार ने इसकी खेती करने वाले किसानों को 70 प्रतिशत सब्सिडी देने का फैसला किया है.
गेंदे के फूल की खेती पर 28 हजार रुपये
बिहार सरकार एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के तहत गेंदा फूल की खेती करने के लिए 70% अनुदान दे रही है. सरकार ने प्रति हेक्टेयर गेंदे के फूल की लागत 40 हजार रुपये रखी है. ऐसे में 70 फीसदी की सब्सिडी के हिसाब से किसानों को गेंदे के फूल की खेती पर 28 हजार रुपये मिलेंगे. इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान http://horticulture.bihar.gov.in पर आवेदन कर सकते है.
एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के अंतर्गत गेंदा फूल की खेती करने के लिए मिलेगा 70% अनुदान | योजना का लाभ लेने हेतु ऑनलाइन https://t.co/YMKKKvCXul पर आवेदन कर सकते है।@KumarSarvjeet6@SAgarwal_IAS@dralokghosh@abhitwittt@Agribih@AgriGoI#horticulture #Bihar #Flowers pic.twitter.com/EIK4NwSixY
— Directorate Of Horticulture, Deptt of Agri, Bihar (@HorticultureBih) August 23, 2023
कम समय में फसल तैयार हो जाती है
गेंदे के फूल की खेती की सबसे खास बात है कि ये 45 से 60 दिनों के अंदर इसकी फसल तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है. इसके अलावा इसे बारहमासी पौधा भी माना जाता है. सालभर में किसान तीन बार इसकी खेती कर सकते हैं. इसके अलावा हर शुभ त्योहारों में उपयोग होने की वजह से इसकी मांग भी बनी रहती है.
कम लागत ज्यादा मुनाफा
विशेषज्ञों के अनुसार एक एकड़ में गेंदे की खेती में सिंचाई, गुड़ाई और निड़ाई के साथ तकरीबन 40 हजार की लागत में 2 से 4 लाख रुपये तक मुनाफा कमा लेते हैं. ऐसे में लघु और सीमांत किसानों के लिए पारंपरिक फसलों के मुकाबले बढ़िया विकल्प साबित हो सकता है.
गेंदे के पौधे में औषधीय गुण मौजूद
गेंदे के फूल की पत्तियों में औषधीय गुण समाहित होते हैं, ऐसे में इसे पशुओं के द्वारा खराब भी नहीं किया जाता है. साथ ही इनके पौधों पर लाल मकड़ी के अलावा कोई कीट भी नहीं लगता है. ऐसे में अन्य फसलों के मुकाबले इसके रख-रखाव में कोई दिक्कत नहीं होती है. इसके पौधे लगाने से मिट्टी के अंदर लगने वाली कई बीमारियां भी दूर हो जाती हैं.
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