साल 2021-2022 में लंपी वायरस ने देशभर में जमकर कहर मचाया था. राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में हजारों गायों की मौत दर्ज की गई थी. राजस्थान में गायों के शवों को दफनाने के लिए जगह भी कम पड़ गई थी. अब लंपी वायरस ने एक बार फिर से पैर जमाने शुरू कर दिए हैं. नांदेड़ प्रशासन ने पूरे जिले को लंपी से प्रभावित क्षेत्र घोषित कर दिया. जिले में पशुओं के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
लंपी से अब तक 493 पशुओं की मौत
जिले में 1 अप्रैल से अब तक लंपी वायरस से 493 पशुओं की मौत हो चुकी है. फिलहाल, नांदेड़ में इस वक्त मवेशियों की संख्या 5 लाख 2 हजार 428 है. सरकार से अब 5 लाख 2 हजार 400 टीके मिल चुके हैं. कुल 4 लाख 67 हजार मवेशियों को टीके लगाए जा चुके हैं. यहां 93 फीसदी टीकाकरण हो चुका है. मवेशियों के बीच फैल रहे लंपी वायरस का इलाज निशुल्क किया जा रहा है. राज्य में लंपी के केस को देखते हुए बाहर से आने वाले जानवरों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है. अभी तक मवेशियों के साप्ताहिक बाजार पर कोई प्रतिबंध नहीं लगा है. बाजार प्रतिबंध पर आगे फैसला लिया जाएगा.
पशु स्वास्थ्य केंद्र पर लंपी वायरस की दवाएं उपलब्ध
प्रशासन के मुताबिक, जिले के सभी पशु स्वास्थ्य केंद्र पर लंपी वायरस की दवाएं उपलब्ध है. सभी उपचारात्मक योजनाएं क्रियान्वित किया जा रहा है. जिले में “माजा गोटा स्वच्छ गोटा” अभियान चलाया जा रहा है. मवेशियों को रखने वाली जगहों को साफ और स्वच्छ रखने का निर्देश दिया गया है.
जिले के चेक पोस्ट पर बाहर से आने वाले पशुओं की हो रही जांच
जिले के बाहर से जानवरों को नांदेड़ लाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है .जिले के चेक पोस्ट पर बाहर से आने वाले पशुओं की जांच की जा रही है. साप्ताहिक पशु बाजारों पर फिलहाल कोई रोक नहीं है. जिला पशु संरक्षण पदाधिकारी भूपेन्द्र बोधनकर ने बताया कि यदि बढ़ोतरी होती है तो जिलाधिकारी इस संबंध में निर्णय लेंगे.
(नांदेड़ से कुवरचंद मंडले की रिपोर्ट)
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