आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) ने यूपी के झांसी में रक्षाबंधन को देखते हुए एक कार्यक्रम का आयोजन किया. इसमें भोपाल से सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर भी पहुंची. मालेगांव बम ब्लास्ट मामले पर बोलते हुए कहा कि इस मामले में उन्हें साजिश के तहत फंसाया गया था. एनआईए की क्लीन चिट के बाद पी. चिदंबरम ने ऐसा षड्यंत्र रचा कि कोई भी जेल से बाहर न निकल सके.
सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस कभी सफल नहीं होगी. कांग्रेस का विचार देश हित में नहीं है. उन्हें राष्ट्र प्रेम नहीं है. कांग्रेस का अंतर्मन कलुषित है. भारत विश्व गुरु बन रहा है, यही बात कांग्रेस को पच नहीं रही है. मालेगांव ब्लास्ट मामले में अदालत पर दबाव बनाकर मुझे और हिंदूवादी नेताओं को जेल भेजने का षड्यंत्र किया गया.
‘हम जैसे साधुओं को जेल में डालकर षड्यंत्र रचा’
उन्होंने कहा, जब हम लोग बाहर आए तो इनका षड्यंत्र उजागर हो गया. जल्द ही केस का निर्णय आएगा. तत्कालीन गृह मंत्री पी. चिदंबरम और सुशील कुमार शिंदे ने साजिश रचकर भगवा आतंकवादी कहा. हम जैसे साधुओं को जेल में डालकर बड़ा षड्यंत्र रचा. इनकी मंशा थी कि कभी भी कोई बाहर न आ सके. मगर षड्यंत्र विफल हुआ.
मालेगांव ब्लास्ट केस में ये हैं आरोपी
मामले के आरोपियों में बीजेपी नेता प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत प्रसाद पुरोहित, सुधाकर द्विवेदी, मेजर रमेश उपाध्याय (सेवानिवृत्त), अजय रहीरकर, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी शामिल हैं, जो जमानत पर बाहर हैं.
धमाके में छह लोगों की हुई थी मौत
29 सितंबर, 2008 को मुंबई से करीब 200 किलोमीटर दूर मालेगांव शहर में एक मस्जिद के पास बाइक से बंधा विस्फोटक फट जाने से छह लोगों की मौत हो गई थी. 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे. मालेगांव उत्तर महाराष्ट्र के नासिक जिले का एक सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील शहर है. धमाके के बाद 30 सितंबर 2008 को मालेगांव के आजाद नगर पुलिस थाने में मामले दर्ज किए गए.
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