अभी बीते दिनों ही एक मित्र से बात हुई. तमाम मिन्नतें कर और ‘किडनी बेचने’ वाले जोक की बात बताकर उसने iPhone 14 लेने की बात बताई. उसने दुनिया की परवाह न करते हुए ब्रैंड न्यू iPhone 14 लिया था. दोस्त की ख़ुशी बस देखने लायक थी. खैर अभी जब उससे बात हुई तो उसकी उदासी देखकर दिल रोया. ज़ार ज़ार रोया. लगातार रोया. दोस्त अभी अपने नए iPhone 14 के फीचर समझ ही रहा था, Siri से उल्टी सीधी गपशप कर ही रहा था कि कंपनी ने घोषणा कर दी कि वो इसी सितम्बर 2023 में iPhone 15 लांच करेगी.
न केवल मेरा वो दोस्त बल्कि वो तमाम लोग जिन्होंने अभी हाल फ़िलहाल में iPhone 13 या 14 लिए थे उनके अरमानों पर चूना मल चुका है. ऐसे लोग गहरे अवसाद में हैं. चूंकि टेक्नोलॉजी अपग्रेड मांगती है ये लोग भी इस बात से इत्तेफाक रखते हैं कि अगर सच में एलीट बनना है तो 14 को 15 में बदलना ही होगा.
14, iPhone15 बन जाए. जतन क्या क्या होंगे? लोगों की प्लानिंग जारी है. सवाल ये है कि क्या ये वाक़ई जरूरी है? क्या सच में तकनीक की अंधी दौड़ में दौड़ने को हम कुछ इस हद तक बेक़रार है कि उसकी पूर्ति के लिए खुद को कुंठाग्रस्त कर रहे हैं. जवाब जो भी हो मगर इस बात में भी कोई संदेह नहीं है कि जब हमें दिखावा करना ही है तो हम क्यों ही कोई कसर छोड़ें.
चूंकि एप्पल बार बार इस बात को कह रहा है कि आने वाले नए फोन यानी iPhone 15 में जरूरी बदलाव किये गए हैं. कंपनी के अनुसार इस बार एप्पल अपने आईफोन में डायनेमिक आइलैंड नॉच पेश करेगा. नए आईफोन के लिहाज से इसे एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है. यदि ऐसा है तो हम बस इतना ही कहेंगे कि आखिर इसकी जरूरत ही क्या थी?
देखो भइया मैटर बहुत क्लियर है. कंपनी अपनी तरफ से कुछ भी क्लेम करने के लिए आजाद है लेकिन चीजों बल्कि ये कहें कि आईफोन और उसकी प्रासंगिकता के प्रति जैसा रवैया हम लोगों का है, हमें उसके नॉच से नहीं बल्कि फ़ोन के पीछे बने आधे कटे सेब की आकृति से मतलब है. बस जब तक वो सही है अपना काम होता रहेगा. iPhone और उसके बदलाव हम लोगों के लिए मुद्दा तब बनेंगे जब कंपनी इसके लोगो के साथ छेड़छाड़ नहीं करती.
बताया ये भी जा रहा है कि लॉन्च होने वाले नए आईफोन में इस बार ऐप्पल के लाइटनिंग पोर्ट के बजाय यूएसबी टाइप-सी पोर्ट का उपयोग होगा. यदि ऐसा है तो वाक़ई बड़ी अच्छी बात होगी. पहले जब किसी से चार्जर या केबल मांगों और वो न मिले (क्योंकि सबके पास आईफोन होता नहीं है) तो बड़ा मूड ख़राब होता था. अच्छी बात ये रही कि अब ऐसा बिलकुल भी नहीं होगा. अब किसी से भी चार्जर मांगकर इसे आसानी से चार्ज कर लिया जाएगा.
अच्छा क्योंकि आईफोन का डिज़ाइन हमेशा ही लोगों के कौतुहल का विषय रहा है तो सुनने में ये भी आ रहा है कि इस बार इसमें पंच-होल डिस्प्ले डिज़ाइन रहेगा. ऐसे में हम फिर उसी बात को दोहराना चाहेंगे कि अपना मुद्दा कंपनी का लोगों या ये कहें कि कटा सेब है. एक आम कस्टमर होने के नाते हम इतना जरूर कहेंगे कि अगर कंपनी को सच में फोन में बदलाव करने का कीड़ा काट ही रहा है तो वो लोगो में कुछ ऐसा करे कि अगर पांच किलोमीटर दूर खड़े किसी व्यक्ति ने आईफोन पकड़ा हो तो उसका लोगो दिख जाए.
खैर जैसा आज का ट्रेंड है, जब भी हम कोई नया फ़ोन खरीदने जाते हैं तो जो सबसे ज्यादा सवाल फोन को लेकर होता है. वो उसकी बैटरी और चिपसेट से जुड़ा होता है. तो फॉर्मेलिटी के नाते ही सही बता दें कि बेसिक मॉडल में A16 चिपसेट होगा वहीं जो टॉप वेरिएंट होंगे उनमें A17 चिपसेट लगाया जाएगा. फ़ोन नवीनतम iOS 17 सॉफ़्टवेयर के साथ लांच किये जाएंगे. वहीं बात बैटरी की हो तो इस बार कंपनी बैटरी बह अपग्रेड कर रही है. आईफोन 15 बेसिक मॉडल में 3,877 mAh की बैटरी होगी और इसमें 35 वाट की तेज चार्जिंग होगी.
करने को तो हम आईफ़ोन 15 की तरह तरह से आलोचना कर सकते हैं. लेकिन जिस बात को लेकर इसकी तारीफ होनी चाहिए वो इसका ऐतिहासिक कैमरा है. रिपोर्ट्स की मानें तो इसका कैमरा बहुत धांसू है. इससे सेल्फी भी अच्छी आएगी और इससे कील मुंहासों को भी बड़ी ही आसानी के साथ छिपाया जा सकता है. कुछ लोग तो ये भी बता रहे हैं कि जो लोग थोड़े ‘वजनी’ हैं अब उन्हें भी घबराने की जरूरत नहीं है, सिर्फ इस नए आईफोन के इस्तेमाल करने भर से उन्हें दुबला पतला और सिक्स पैक वाला बड़ी ही आसानी के साथ दर्शाया जा सकता है.
बहरहाल, अब जबकि नए लांच हो रहे आईफोन 15 की खूबियां हमारे सामने हैं तो लाजमी है कि उसे खरीदने का मन बहुत है लेकिन जो सवाल अभी भी मन में है वो यही कि एक ऐसे समय में जब पिछले आईफोन खरीदने के चक्कर में हम पहले ही बहुत कुछ लुटा चुके हैं और क्योंकि भौकाल के हाथों पहले ही मजबूर हैं. उसे मेंटेन करना है तो अब जबकि सितम्बर में iPhone 15 आ रहा है तो उसे लेने के चक्कर में अब बेचें तो बेचें क्या?
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