सावन का आखिरी मंगला गौरी व्रत 29 अगस्त यानी आज रखा जाएगा. इस बार सावन 58 दिन का होने की वजह से 9 मंगला गौरी व्रत रखे जाने थे, जिनमें से आखिरी आज रखा जा रहा है. मान्यता है कि सावन के माह में जो भी कुंवारी लड़कियां इस व्रत को रखती हैं, उन्हें मां गौरी का विशेष आशीर्वाद मिलता है. उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. मनचाहे वर की प्राप्ति होती है. शादी के जल्द योग बन जाते है.
वहीं शादीशुदा महिलाएं सौभाग्यवती बने रहने के लिए यह व्रत रखती हैं और मां पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त करती हैं. मां पार्वती ने ही शिव भगवान को अपने पति के रूप में पाने के लिए यह व्रत रखा था.
मंगला गौरी व्रत के लिए अविवाहित लड़कियां सबसे पहसे सुबह उठकर स्नान करें. स्नान से पहले अपने घर की साफ-सफाई जरूर कर दें. स्नान करने के बाद भगवान शिव, मां पार्वती की चौंकी पर मूर्ति स्थापित करें.
मूर्ति स्थापित करने के बाद मां गौरी को सिंदूर लगाएं. धूप, दीप से पूजा करें और फल व फूल अर्पित करें. फिर मां पार्वती की आरती करें. आरती के बाद मंगला व्रत की कथा भी सुनें. साथ ही ”मम पुत्रापौत्रासौभाग्यवृद्धये श्रीमंगलागौरीप्रीत्यर्थं पंचवर्षपर्यन्तं मंगलागौरीव्रतमहं करिष्ये” जाप करें.
जानिए मंगला गौरी व्रत को रखने का महत्व
जो मंगला गौरी व्रत रखता है, उसका जीवन सुख-समृद्धि से भर जाता है. लड़कियां या महिलाएं, व्रत का संकल्प लेते हुए जो भी मनोकामनाएं मांगती हैं, मां पार्वती उन्हें जरूर पूरा करती हैं. मंगला गौरी व्रत करने से जीवन के दुख-कष्ट दूर हो जाते हैं. मान्यता है कि मां गौरी की उपासना से संतान का सुख भी मिलता है
www.aajtak.in
Source link