पानीपत9 मिनट पहले
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पहलवानों के बृजभूषण के खिलाफ आरोपों के बाद सबकी नजर इन चुनावों पर है। जिस हरियाणा रेसलिंग एसोसिएशन की पिटीशन पर चुनाव रोके गए, उसके प्रधान सांसद दीपेंद्र हुड्डा हैं।
भारतीय कुश्ती संघ के चुनावों पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के रोक लगाने के आदेश पर हस्तक्षेप करने से सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर पर इनकार कर दिया है। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के चुनाव पर रोक जारी रखते हुए मामले की सुनवाई 25 सितंबर तक स्थगित कर दी है। इससे पहले हाई कोर्ट ने 11 अगस्त को चुनाव पर रोक का आदेश जारी किया था।
पीठ ने हाई कोर्ट जाने को कहा
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने याचिकाकर्ता, आंध्र प्रदेश एमेच्योर कुश्ती संघ से अपनी शिकायतों के साथ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने को कहा है।
याचिका पर विचार करने से इनकार
पीठ ने कहा, “हमें इस मामले पर सुनवाई क्यों करनी चाहिए? आप उच्च न्यायालय जाएं, अंतरिम रोक हटाने के लिए आवेदन करने के बजाय, याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का विकल्प चुना है। इसलिए, हम इस विशेष अनुमति याचिका पर विचार करने से इनकार करते हैं।”
WFI के नए अध्यक्ष पद के लिए बृजभूषण के करीबी संजय सिंह और हरियाणा की अनीता श्योराण के बीच चुनावी मुकाबला है।
मतदान से 1 दिन पहले 11 अगस्त को लगाई थी रोक
गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने मतदान से एक दिन पहले, 11 अगस्त को कांग्रेसी सांसद दीपेंद्र हुड्डा की अगुवाई वाली हरियाणा रेसलिंग एसोसिएशन (HWA) की याचिका पर सुनवाई करते हुए चुनाव पर रोक लगा दी थी। HWA ने WFI चुनाव में वोटिंग का अधिकार न दिए जाने पर हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी।
HWA की ओर से हाईकोर्ट में दायर याचिका में दलील दी गई कि WFI चुनाव में उसे वोटिंग का अधिकार नहीं दिया गया, जबकि वह WFI और हरियाणा ओलिंपिक एसोसिएशन से एफिलिएटेड हैं। HWA का कहना था कि उसकी जगह हरियाणा एमेच्योर रेसलिंग एसोसिएशन (HAWA) को वोटिंग का अधिकार दिया गया है जो गलत है।
हरियाणा एमेच्योर रेसलिंग एसोसिएशन (HAWA) के वकील ने HWA के दावे को गलत बताते हुए हाईकोर्ट में कहा कि उनकी संस्था रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया से एफिलिएटेड हैं इसलिए उसे WFI चुनाव में वोट डालने का अधिकार है।
काफी देर चली बहस में दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने WFI के 12 अगस्त को होने वाले चुनाव पर अगले आदेश तक रोक लगाते हुए मामले की सुनवाई 28 अगस्त तय कर दी। अब अगली तारीख 25 सितंबर तय की गई है।
WFI की सदस्यता हो चुकी रद्द
इस बीच यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) 4 दिन पहले भारतीय कुश्ती संघ (WFI) की सदस्यता रद्द कर चुका है। दरअसल इस साल जनवरी और अप्रैल में इंटरनेशनल रेसलर साक्षी मलिक, विनेश फोगाट व बजरंग पुनिया की अगुआई में पहलवानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर WFI के तत्कालीन अध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगाए।
विवाद के बाद इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन (IOA) ने WFI को भंग करते हुए एडहॉक कमेटी बना दी। उसके बाद UWW ने 30 मई को लेटर लिखकर 45 दिन यानी 15 जुलाई तक WFI के नए चुनाव कराने का अल्टीमेटम दिया था। UWW ने अपने लेटर में स्पष्ट किया था कि ऐसा न होने पर वह WFI की सदस्यता सस्पेंड कर देगा।
UWW के लेटर के बाद IOA ने एडहॉक कमेटी को WFI के नए पदाधिकारियों का चुनाव कराने की जिम्मेदारी दी। एडहॉक कमेटी ने 12 अगस्त को मतदान की तारीख तय कर दी। मतदान से एक दिन पहले, 11 अगस्त को HWA ने वोटिंग राइट के मुद्दे पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका लगा दी और अदालत ने चुनाव पर रोक लगा दी।
उधर तय समय सीमा में चुनाव नहीं होने पर UWW ने WFI की सदस्यता रद्द कर दी।
संजय सिंह के नाम का पहलवान कर चुके विरोध
बृजभूषण सिंह WFI चुनाव में किसी भी हरियाणवी उम्मीदवार के लिए तैयार नहीं थे। उन्होंने हरियाणा से ताल्लुक रखने वाले देवेद्र सिंह कादियान, अनीता श्योराण और प्रेमचंद लोचब के नाम पर असहमति जताई। वह चाहते थे कि उत्तराखंड कुश्ती फेडरेशन के अध्यक्ष सतपाल सिंह या हरियाणा के अलावा किसी दूसरे राज्य से ताल्लुक रखने वाले को WFI की कमान सौंपी जाए।
मंत्रालय और स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) के अधिकारी भी नहीं चाहते थे कि बृजभूषण का कोई करीबी अध्यक्ष का पद संभाले। ऐसे में संजय सिंह का नाम आगे किया गया लेकिन पहलवानों ने इसका विरोध कर दिया।
इसे मुद्दे पर साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया ने केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से भी शिकायत की। ये तीनों पहलवान अनीता श्योराण का सपोर्ट कर रहे हैं।
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