उत्तर प्रदेश में इन दिनों डिजिटल क्रॉप सर्वे किए जा रहे हैं. योगी सरकार ने अधिकारियों को इस प्रकिया में और तेजी लाने के निर्देश दिए हैं. इसके लिए सर्वेयर की संख्या बढ़ाने को भी कहा गया है. प्रति सर्वेयर के लिए महीने में 1500 प्लॉट्स और 45 दिन में 2250 प्लॉट्स को सुनिश्चित करने को कहा गया है. इसके अलावा 54 जिलों के 10 राजस्व ग्रामों में आगामी 15 दिनों में सर्वे पूरा करने के भी निर्देश दिए गए हैं.
21 जिलों में डिजिटल क्रॉप सर्वे का काम हो चुका है पूरा
उत्तर प्रदेश में इन दिनों डिजिटल क्रॉप सर्वे प्रगति पर है. इसके लिए स्टेट प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (एसपीएमयू) की स्थापना की गई है. 10 सेक्टर्स में हेल्प डेस्क भी संचालित की जा रही है. सर्वेयर्स को इंटरनेट कनेक्टिविटी और पावर पैक से जोड़ा गया है. मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र के मुताबिक 21 जिलों में डिजिटल क्रॉप सर्वे पूरा कर लिया गया है. 54 जिलों में ये काम प्रगति पर है.
मिर्जापुर में सर्वाधिक 17 राजस्व ग्रामों में डिजिटल क्रॉप सर्वे
अब तक मिर्जापुर में सर्वाधिक 2607 प्लॉट्स में डिजिटल क्रॉप सर्वे कर लिया गया है. प्रतापगढ़ में 2543, सुल्तानपुर में 2370, जालौन में 2047, झांसी में 2027, फर्रूखाबाद में 1486, फिरोजाबाद में 1183, गाजीपुर में 1147, देवरिया में 1136 और ललितपुर में 1124 शामिल है. मिर्जापुर में सर्वाधिक 17 राजस्व ग्रामों में डिजिटल क्रॉप सर्वे किया जा चुका है.
खेती-किसानी में होगा फायदा
डिजिटल क्राप सर्वे की समीक्षा के दौरान मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने बताया कि राजस्व कर्मियों के काम को आसान और बेहतर बनाने के लिए डिजिटल टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर ई-सर्वे कराया जा रहा है. ई-पड़ताल के तमाम फायदे हैं. प्राप्त आंकड़ों का उपयोग प्लानिंग टूल के रूप में किया जाएगा, इससे न केवल फसल के सटीक आंकड़े प्राप्त होंगे और रियल टाइम होंगे, बल्कि किस फसल का उत्पादन कम है या अधिक होगा, इसकी जानकारी पहले से होने पर समय रहते कदम उठाए जाएंगे. सटीक रिपोर्टिंग से जनपद के कृषि सेक्टर की जीडीपी भी बढ़ेगी.
बैठक में बताया गया कि सभी 75 जनपदों (21 जनपदों में पूर्ण रूप से तथा 54 जनपदों के 10 राजस्व ग्राम) में खरीफ फसल के डिजिटल क्राप सर्वे का कार्य शुरू हो गया है. 534 राजस्व ग्रामों में सर्वे का कार्य चल रहा है. 75 राजस्व ग्रामों का सर्वे का काम पूरा भी हो चुका है। सर्वे में कहीं कोई बड़ी (मेजर) समस्या नहीं है, छोटी मोटी समस्याओं का हेल्प डेस्क द्वारा समाधान कराया जा रहा है. ऐप के माध्यम से बहुत आसानी से डाटा कलेक्शन हो रहा है.
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