अयोध्या में सरयू एक्सप्रेस ट्रेन में महिला सिपाही के साथ हुई दर्दनाक वारदात को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज फिर से चीफ जस्टिस की बेंच में मामले की सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान यूपी सरकार और रेलवे की तरफ से जवाब दाखिल किया गया. कोर्ट में एसपी रेलवे लखनऊ पूजा यादव, सीओ और विवेचना अधिकारी इंस्पेक्टर पेश हुए.
एसपी रेलवे पूजा यादव ने कोर्ट को अब तक हुई जांच के बारे में जानकारी दी. उन्होंने अदालत को बताया कि महिला सिपाही की हालत अभी गंभीर बनी हुई है और उसका बयान दर्ज नहीं किया जा सका है. हालात सामान्य होने पर महिला सिपाही का बयान दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
जांच संतोषजनक, जल्द से जल्द दोषियों को पकड़ें
एसपी रेलवे पूजा यादव ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में आरोपियों की पहचान की जा रही है. घटना की जांच और वर्कआउट के लिए कई टीमों का गठन किया गया है. मामले के जल्द से जल्द खुलासे को लेकर टीमें दिन-रात काम कर रही हैं.
कोर्ट ने जीआरपी ऑफिसर और यूपी सरकार के जवाब पर संतोष जताया है. कोर्ट ने यूपी सरकार को जल्द से जल्द जांच पूरी कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया है. वहीं, यूपी सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि गंभीर रूप से घायल महिला सिपाही के इलाज के बेहतर से बेहतर इंतजाम किए जा रहे हैं.
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रेलवे की तरफ से असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया कोर्ट में पेश हुए. उन्होंने बताया कि जिस कोच में वारदात हुई थी उसे सील कर दिया गया है. वे इस घटना को लेकर गंभीर है. मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट में अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल और शासकीय अधिवक्ता आशुतोष कुमार संड भी मौजूद रहे. हाईकोर्ट इस मामले में 13 सितंबर को फिर सुनवाई करेगा. 13 सितंबर को होने वाली अगली सुनवाई में कोर्ट में जांच की प्रोग्रेस रिपोर्ट दाखिल की जाएगी.
रविवार को छुट्टी के दिन रात में हुई थी सुनवाई
बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में सुओ मोटो लेकर रविवार को छुट्टी के दिन रात के वक्त चीफ जस्टिस के आवास पर बैठी स्पेशल बेंच ने सुनवाई की थी. हाईकोर्ट ने सुनवाई के लिए आज दोपहर रेलवे और यूपी सरकार से जवाब तलब किया था. जांच टीम का सुपरविजन करने वाले अधिकारी को तलब किया था. हालांकि, अब 13 सितंबर को होने वाली अगली सुनवाई में किसी अधिकारी को व्यक्तिगत तौर पर पेश नहीं होना होगा.
चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर और जस्टिस आशुतोष श्रीवास्तव की डिवीजन बेंच में मामले की सुनवाई हुई. हाईकोर्ट के वकील राम कौशिक ने भी इस मामले में चीफ जस्टिस को एक लेटर देकर उनसे इसे पीआईएल के तौर पर स्वीकार किए जाने का अनुरोध किया था. एडवोकेट राम कौशिक के इस लेटर को जनहित याचिका के तौर पर कायम कर हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई की है.
गौरतलब है कि महिला सिपाही के साथ 30 अगस्त को सरयू एक्सप्रेस ट्रेन में वारदात हुई थी. महिला सिपाही अर्धनग्न और बेहोशी की हालत में ट्रेन में खून से लथपथ पाई गई थी. हालत गंभीर होने की वजह से महिला सिपाही को इलाज के लिए लखनऊ के केजीएमयू में रेफर किया गया था. महिला सिपाही की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है. सुल्तानपुर में तैनात महिला सिपाही की ड्यूटी अयोध्या के सावन मेले में लगी हुई थी. मनकापुर से अयोध्या रेलवे स्टेशन के बीच चलती ट्रेन में वारदात को अंजाम दिए जाने की आशंका है. अभी तक अपराधी पुलिस की पकड़ से दूर हैं.
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