अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जवाहरलाल नेहरू (JN) मेडिकल कॉलेज में फायरिंग का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि घटना को अंजाम देने वाले बदमाश कैंटीन संचालक से हफ्ता मांग रहे थे. जब कैंटीन संचालक ने हफ्ता देने से इनकार कर दिया तो आरोपियों ने वहां फायरिंग कर दी.
यह वारदात जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के स्पेशल वार्ड के पास स्थित कैंटीन के बाहर हुई. आधा दर्जन से ज्यादा फायरिंग के चलते मौके पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया. इस घटना में एक महिला घायल हो गई. बताया जा रहा है कि कैंटीन के विवाद को लेकर यहां पहले भी लड़ाई और फायरिंग हो चुकी है.
हर महीने 50 हजार की मांग कर रहे थे बदमाश
घटना के बाद शिकायतकर्ता कैंटीन संचालक मुसब्बिर ने पुलिस को बताया कि बदमाश अदनान गोल्डन उससे हर महीने 50 हजार रुपए देने की मांग कर रहा था. वह शाम से ही लगातार उसे फोन कर रहा था. अदनान ने मुसब्बिर को धमकी दी थी कि अगर हर महीने 50 हजार रुपए नहीं दिए तो कैंटीन नहीं चल पाएगी. जब मुसब्बिर ने पैसे देने से इनकार कर दिया तो अदनाना अपने साथियों के साथ हथियार लेकर कैंटीन पहुंच गया.
कैंटीन में तोड़फोड़ के बाद चलाई गोलियां
हफ्ता देने से इनकार करने पर बदमाशों ने उग्र होते हुए कैंटीन का काउंटर तोड़ दिया और कई राउंड गोलियां चलाईं. घटनाक्रम पर जानकारी देते हुए डिप्टी एसपी अशोक कुमार सिंह ने बताया जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की कैंटीन पर बदमाशों ने लेनदेन के विवाद के बाद फायरिंग की घटना अंजाम दिया गया है. पुलिस ने मामले में दो टीमों का गठन कर दिया है. बदमाशों की तलाश लगातार की जा रही है.
पहले भी AMU में हो चुकी है फायरिंग
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में गोलीबारी का मामला 2018 में भी सामने आया था. तब कैंपस के आरएम हॉल में फायरिंग हुई थी. इस घटना में दो छात्र घायल हुए थे. दोनों घायल छात्र सगे भाई थे. पीड़ित पक्ष की तहरीर पर पुलिस ने केस दर्ज किया था. बताया गया था कि कुछ दबंग छात्र अन्य छात्रों से तीन लाख रुपये रंगदारी मांग रहे थे. जब रंगदारी देने से मना किया तो दबंगों ने छात्रों पर चाकू और तमंचे की बट से हमला कर दिया था. आरोप यह भी लगा था कि दबंग छात्र जबरन कुछ छात्रों को जिन्ना प्रकरण को लेकर चल रहे धरने पर बिठाना चाहते थे. मना करने पर उन्होंने पीड़ितों को गोली मार दी.
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