2 घंटे पहले
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भारत में दौड़ने वाली कार कितनी सेफ या अनसेफ है इसका फैसला कोई विदेशी एजेंसी नहीं बल्कि स्वदेशी एजेंसी करेगी। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी आज (22 अगस्त) सुबह 11 बजे भारतीय सेफ्टी एजेंसी भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (Bharat NCAP या BNCAP) की ओपनिंग करेंगे।
इससे पहले विदेशी एजेंसी ग्लोबल एनकैप (GNCAP) और लेटिन एनकैप (LNCAP) अपने स्टैंडर्ड (मानक) के अनुसार भारतीय कारों का टेस्ट कर उन्हें सेफ्टी रेटिंग देती थीं। जिन पर भारतीय कारों को कम रेटिंग देने के आरोप लगते रहे हैं। ‘भारत NCAP’ में भारतीय माहौल के अनुसार तय किए गए मानकों के अनुसार कारों का क्रैश-टेस्ट किया जाएगा और उन्हें सेफ्टी रेटिंग दी जाएगी।
5 स्टार मिलने का मतलब बेहतर सेफ्टी
NCAP टेस्ट में सेफ्टी रेटिंग 0 से 5 के बीच दी जाती है। 0 स्टार का मतलब एकदम अनसेफ यानी दुर्घटना के समय 0 स्टार वाली कार सुरक्षा के मामले में बेहद खराब है। वहीं, 5 स्टार रेटिंग वाली कार हादसे के समय सुरक्षित मानी जाती है।
कैसे मिलती है सेफ्टी रेटिंग
हाल ही में खबर आई थी कि रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री ने देश में कारों का क्रेश टेस्ट करने और उन्हें सेफ्टी रेटिंग देने के लिए पैरामीटर तय कर लिए हैं। BNCAP क्रैश टेस्ट में कार को एडल्ट ऑक्युपेंट प्रोटेक्शन (AOP), चाइल्ड ऑक्युपेंट प्रोटेक्शन (COP) और सेफ्टी असिस्ट टेक्नोलॉजीस (SAT) के आधार पर सेफ्टी रेटिंग देगा।
क्रैश-टेस्ट में सेफ्टी रेटिंग के तीन पैरामीटर्स
- एडल्ट ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन (AOP) रेटिंग में ये देखा जाता है कि जब कार सामने और साइड की तरफ से टकराती है, तब इसमें बैठने वाले पैंसेजर और ड्राइवर कितने सुरक्षित रहे।
- चाइल्ड ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन (COP) रेटिंग से ये देखा जाता है कि कार में सामने और साइड से टक्कर होने पर इसमें बैठने वाले बच्चे कितने सुरक्षित रहे।
- सेफ्टी टेक्नोलॉजी किस लेवल की है। यानी सरकार के नियम अनुसार कार में स्टैंडर्ड सेफ्टी फीचर्स हैं या नहीं और वे हादसे के समय सही से काम करते हैं या नहीं।
क्रैश टेस्ट की प्रोसेस
- इसके लिए इंसान जैसी डमी का इस्तेमाल किया जाता है। टेस्ट के दौरान गाड़ी को फिक्स स्पीड से किसी हार्ड ऑब्जेक्ट के साथ टकराया जाता है।
- इस दौरान कार में 4 से 5 डमी का इस्तेमाल किया जाता है। बैक सीट पर बच्चे की डमी होती है। ये चाइल्ड सेफ्टी सीट पर फिक्स की जाती है।
- क्रैश टेस्ट में देखा जाता है कि एयरबैग ने काम किया या नहीं। डमी कितनी डैमेज हुई। कार के सेफ्टी फीचर्स ने कितना काम किया। इन सभी के आधार पर रेटिंग दी जाती है।
भारत NCAP से फायदा क्या होगा?
इससे ग्राहकों को स्टार-रेटिंग के आधार पर सेफ्टी वाली कारों को चुनने का ऑप्शन मिलेगा। साथ ही देश में सेफ व्हीकल्स के मैन्युफैक्चरिंग के लिए ओरिजनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स (OEM) के बीच फेयर कॉम्पिटिशन को भी बढ़ावा मिलेगा।
नई व्यवस्था से लोकल कार मैन्युफैक्चर्स को भी मदद मिलेगी। वे अपने वाहनों की टेस्टिंग भारत की इन-हाउस टेस्टिंग सर्विस में कर सकेंगे। इसके अलावा उन्हें क्रैश टेस्ट और स्टार रेटिंग के लिए अपनी कारों को विदेश भेजना नहीं पड़ेगा, जो बहुत महंगा है।
वेबसाइट पर देख सकेंगे क्रेश टेस्ट के रिजल्ट
केंद्र सरकार द्वारा स्थापित एक मॉनीटरिंग कमेटी से मंजूरी मिलने के बाद BNCAP अपनी वेबसाइट पर स्टार रेटिंग और टेस्ट रिजल्ट्स शो करेगा। शुरुआत में क्रैश टेस्ट स्वैच्छिक होगा, इसके लिए सेंपल के तौर पर ओरिजनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स (OEMs) अपनी कारों भेज सकेंगे या फिर BNCAP डीलरों के शोरूम से रेंडमली कारों को उठाएगा।
जून-2022 में BNCAP को दी थी मंजूरी
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने जून-2022 में BNCAP शुरू करने के लिए GSR नोटिफिकेशन के ड्राफ्ट को मंजूरी दी थी। भारत NCAP में टेस्टिंग प्रोटोकॉल ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्ट प्रोटोकॉल के जैसा ही होगा। क्रैश टेस्ट में मौजूदा भारतीय नियमों को ध्यान में रखा जाएगा।
कार के जरूरी सेफ्टी फीचर
कार को सेफ बनाने के लिए कई सेफ्टी फीचर्स होते हैं। इनमें प्रमुख रूप से एयरबैग, टायर प्रेशन मॉनिटरिंग सिस्टम (TPMS), इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल (ESC), व्हीकल स्टेबिलिटी मैनेजमेंट (VSM), हिल असिस्ट कंट्रोल (HAC), चाइल्ड सीट एंकर (ISOFIX), एंटी लॉक ब्रैक सिस्टम (ABS), इलेक्ट्रॉनिक ब्रैक डिस्ट्रीब्यूशन (EBD), सीट बेल्ट प्रिटेंशनर & रिमाइंडर (ड्राइवर+पैसेंजर), पार्किंग असिस्ट-रिवर्स पार्किंग सेंसर, इंपेक्ट सेंसिंग ऑटो डोर अनलॉक, स्पीड सेंसिंग ऑटो डोर लॉक, इमरजेंसी स्टॉप सिग्नल (ESS), रियर कैमरा विथ डिस्प्ले ऑन ऑडियो, डे-टाइम रनिंग लाइट्स, रिअर डीफॉगर और वाइपर, ऑटो डोर लॉक/अनलॉक और रियर कैमरा शामिल हैं।
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