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बाकू37 मिनट पहले
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18 साल के भारतीय ग्रैंडमास्टर आर प्रगनानंद और 5 बार के वर्ल्ड चैंपियन मैग्नस कार्लसन के बीच चल रहे FIDE वर्ल्ड कप के फाइनल मुकाबले का पहला क्लासिकल गेम ड्रॉ रहा है। तय 90 मिनट में 35 मूव के बाद दोनों खिलाड़ियों के बीच हार-जीत का फैसला नहीं हो सका। ऐसे में अब बुधवार को खिताबी मुकाबले का सेकेंड क्लासिकल गेम खेला जाएगा।
अजरबैजान के बाकू में चल रहे फाइनल मुकाबले के पहले गेम में भारतीय स्टार ने अपने हाई रैंक और दिग्गज प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ अपनी पकड़ बनाए रखी और सफेद मोहरों से खेलते हुए 35 चालों में ड्रॉ खेलने पर सहमत किया।
भारतीय चेस स्टार आर प्रगनानंद ने वर्ल्ड नंबर-3 फैबियानो कारूआना को सेमीफाइनल में 3.5-2.5 से हराते हुए फाइनल में जगह बनाई है। आगे पढ़िए फाइनल का फॉर्मेट, मैच रिपोर्ट, इस टूर्नामेंट की अहमियत और इतिहास…
शुरुआत में समझिए कैसे होना है FIDE वर्ल्ड कप का फाइनल…?
2 क्लासिकल गेम में तय होता है वर्ल्ड कप विनर
2005 में शुरू हुए नॉकआउट फॉर्मेट के इस टूर्नामेंट का विजेता 2 क्लासिकल गेम के बाद तय होता है। क्लासिकल गेम यानी कि खिलाड़ी को 90 मिनट के अंदर प्रतिद्वंद्वी को चेक एंड मेट करना होता है। एक गेम जीतने पर एक अंक मिलते हैं, जबकि ड्रॉ की स्थिति में प्रत्येक खिलाड़ी को 0.5 अंक दिए जाते हैं। 2 क्लासिकल गेम के बाद ज्यादा अंक वाले प्लेयर को विजेता घोषित कर दिया जाता है।
2 क्लासिकल गेम के बाद भी बराबर अंक होने पर विजेता का फैसला रैपिड (15-15 मिनट के चार गेम) गेम के जरिए होता है। इसमें भी हर गेम जीतने पर एक अंक और बराबरी की स्थिति में आधा अंक दिया जाता है। रैपिड गेम के बाद भी अंक बराबर होने पर मुकाबला टाई ब्रेकर पर जाता है। जो ब्लिट्ज (blitz) फॉर्मेट पर खेला जाता है यानी कि 3-3 मिनट का गेम। पहला गेम जीतने वाले को विजेता घोषित कर दिया जाता है।
चेन्नई के प्रगनानंद ने 2018 में ग्रैंडमास्टर टाइटल हासिल किया था। वे भारत के सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर बने थे और विश्वनाथन आनंद का रिकॉर्ड तोड़ा था।
मैच रिपोर्ट: वर्ल्ड नंबर-1 को ड्रॉ पर रोका
भारत के युवा स्टार प्रगनानंद वर्ल्ड नंबर-1 के खिलाफ सफेद मोहरों के साथ उतरे और संतुलित शुरुआत की। समय की भारी कमी के बीच प्रगनानंद कार्लसन को बराबरी की स्थिति में रोकने में सफल रहे। भारतीय ने दमदार खेल दिखाया। आखिरकार नॉर्वे के दिग्गज को युवा ग्रैंडमास्टर के साथ 35 चालों के बाद ड्रॉ पर सहमत होना पड़ा। इस गेम के बाद अब 3 सिचुएशन बन सकती हैं। आगे पॉइंट्स में पढ़िए…
- प्रगनानंद दूसरा गेम जीते तो यदि भारतीय स्टार दूसरा गेम जीत लेते हैं, तो फाइनल मुकाबला 1.5-0.5 से जीत जाएंगे और 18 साल बाद भारत को FIDE वर्ल्ड कप टाइटल जिताएंगे। वे ऐसा करने वाले दूसरे भारतीय बनेंगे। इससे पहले दिग्गज शतरंज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद ऐसा कर चुके हैं।
- दूसरा गेम ड्रॉ रहने पर यदि फाइनल का दूसरा गेम ड्रॉ रहता है, तो विजेता का फैसला रैपिड (15 मिनट) में अंक बराबर होने पर टाई ब्रेकर पर ब्लिट्ज (चेस का सबसे छोटा प्रारूप है जो 3 मिनट का खेला जाता है) के जरिए रिजल्ट निकाला जाएगा।
- दूसरे गेम में प्रगनानंद के हारने पर यदि भारतीय स्टार प्रगनानंद दूसरा गेम हार जाते हैं, तो फाइनल हार जाएंगे और कार्लसन चैंपियन बन जाएंगे।
कल कार्लसन को सफेद मोहरों का फायदा मिलेगा : प्रगनानंद
वर्ल्ड नंबर-1 को ड्रॉ पर रोकने के बाद भारतीय खिलाड़ी ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि मैं किसी परेशानी में था, हालांकि कार्लसन को कल 2 मैचों की क्लासिकल सीरीज के दूसरे गेम में सफेद रंग से खेलने का फायदा मिलेगा।
दूसरे क्लासिकल गेम के बारे में पूछे जाने पर प्रगनानंद ने कहा कि यह टफ फाइट होगी, वे (कार्लसन) डेफिनेटली पूरा जोर लगाएंगे, लेकिन मैं प्रयास करूंगा कि प्रॉपर रेस्ट करूं और रिलैक्स होकर खेलने उतरूं। मुझे लगता है कि यह सबसे अच्छा है, जो मैं कर सकता हूं।
प्रगनानंद पहले भी वर्ल्ड नंबर-1 मैग्नस कार्लसन को मात दे चुके हैं।
अहमियत: विजेता को कैंडिडेट का टिकट
FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाले खिलाड़ी को कैंडिडेट का टिकट मिलता है, जो FIDE द्वारा आयोजित एक प्रतियोगिता है। इसमें दुनिया के टॉप-8 खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं, हालांकि प्रगनानंद पहले ही कैंडिडेट के लिए क्वालिफाई कर चुके हैं, क्योंकि कार्लसन ने कैंडिडेट में हिस्सा लेने से मना कर दिया है। यह प्रतियोगिता अगले साल खेली जाएगी।
दरअसल, FIDE 3 टूर्नामेंट का आयोजन करता है। इसमें वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप, FIDE वर्ल्ड कप और कैडिंडेट हैं। इनमें सबसे बड़ा चेस ओलिंपियाड और कैंडिडेट हैं।
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