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- Chess World Cup 2023: India’s Praggnanandhaa Defeats Fabiano Caruana Magnus Carlsen
बाकू6 मिनट पहले
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FIDE चेस वर्ल्ड कप अजरबैजान के बाकू में खेला जा रहा है।
भारतीय ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानानंदा ने वर्ल्ड कप चेस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंच गए हैं। इसके साथ ही वह लीजेंड विश्वनाथन आनंद के बाद टूर्नामेंट का फाइनल खेलने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं। उन्होंने सोमवार रात अजरबैजान के बाकू में चल रहे फिडे वर्ल्ड कप टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में दुनिया के तीसरे नंबर के खिलाड़ी फैबियानो कारूआना को टाई-ब्रेक में 3.5-2.5 से हराया। फाइनल में उनका सामना दुनिया के नंबर-1 खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन से होगा।
टाई ब्रेकर में खिलाड़ी के पिछले मुकाबलों के स्कोर के आधार पर एक टाई ब्रेक स्कोर बनता है। इसमें बेहतर स्कोर वाले को विजेता घोषित किया जाता है।
7 महीने बाद कार्लसन से भिड़ेंगे
आर प्रज्ञानानंदा और मैग्नस कार्लसन के बीच हमेशा कांटे की टक्कर होती है। हेड टु हेड में मैग्नस कार्लसन आगे है। दोनों खिलाडियों के बीच अब तक 19 मुकाबले हुए है। इसमें से कार्लसन ने 7 और प्रज्ञानानंदा ने 5 मुकाबले जीते है। 6 मुकाबले ड्रॉ रहे है। आखिरी बार इस साल के जनवरी में उन्होंने कार्लसन से टाटा स्टील चैस चैंपियनशिप में ड्रॉ खेला थाा।
आर प्रज्ञानानंदा और मैग्नस कार्लसन आखिरी बार जनवरी 2023 में आयोजित टाटा स्टील चैस चैंपियनशिप में मिले थे। दोनों के बीच मुकाबला ड्रॉ हुआ था।
अब टूर्नामेंट के दौरान की तस्वीरें देखिए…
टूर्नामेंट के दौरान पास में ही प्रज्ञानानंदा की मां बैठी थीं और वो रोने लगीं।
प्रज्ञानानंदा की ये तस्वीर चेस टूर्नामेंट जीतने के बाद की है। उनकी मां पास में खड़ी हुई हैं। नागलक्ष्मी होम मेकर हैं।
प्रज्ञानानंदा सेमीफाइनल शुरू होने से पहले फैबियानो कारूआना से हाथ मिलाते हुए।
प्रज्ञानानंदा सेमीफाइनल मैच के दौरान कारूआना के दांव को देखते हुए।
सेमीफाइनल में मैच में अगले दांव से खेलने से पहले सोचते हुए प्रज्ञानानंदा ।
18 साल के प्रज्ञानानंद ने टाई-ब्रेक में कारूआना को 3.5-2.5 से हराया।
प्रज्ञानानंदा सेमीफाइनल जीतने के बाद इंटरव्यू देते हुए।
विश्वनाथन आनंद ने किया ट्वीट
चेस के लीजेंड विश्वनाथन आनंद ने सोशल नेटवर्किंग साइट ‘एक्स’, जो पहले ट्विटर था, पर पोस्ट किया कि, प्रज्ञानानंदा फाइनल में पहुंच गया। उन्होंने टाईब्रेक में फैबियानो कारूआना को हराया और अब मैग्नस कार्लसन से उनका मुकाबला होगा। बहुत खूब।
विश्वनाथन आनंद का ट्वीट।
भारत के ही खिलाड़ी को हरा कर सेमीफाइनल में बनाई थी जगह
प्रज्ञानानंद ने गुरुवार को सडन डेथ टाईब्रेक में भारत के ही अर्जुन एरिगैसी को 5-4 से हराकर सेमीफाइनल में जगह पक्की की थी। प्रज्ञानानंद ने पहले ही अगले साल के कैंडिडेट्स इवेंट में जगह पक्की कर ली है।टाईब्रेकर में अमेरिकी ग्रैंडमास्टर हिकारू नाकामुरा को हराने के बाद प्रज्ञानानंद ने फिडे विश्व कप के सबसे बड़े उलटफेर में से एक की शुरुआत की थी।
मुझे कार्लसन के खिलाफ खेलने की उम्मीद नहीं थी – प्रज्ञानानंद
फाइनल में जगह पक्की करने के बाद प्रज्ञानानंद ने कहा कि, मुझे इस टूर्नामेंट में मैग्नस के खिलाफ से खेलने की बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी क्योंकि मैं उनके खिलाफ केवल फाइनल में ही खेल सकता था। मुझे फाइनल में पहुंचने की उम्मीद नहीं थी। मैं बस अपना बेस्ट देने की कोशिश करूंगा और देखूंगा कि आगे क्या होता है।
सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर
चेन्नई के रहने वाले प्रज्ञानानंद ने 2018 में प्रतिष्ठित ग्रैंडमास्टर का तमगा हासिल किया था। वे यह उपलब्धि हासिल करने वाले भारत के सबसे कम उम्र के और उस समय दुनिया में दूसरे सबसे कम उम्र के खिलाड़ी थे।
10 साल की उम्र में बन गए थे इंटरनेशनल मास्टर
प्रज्ञानानंद भारत के तमिलनाडु राज्य के रहने वाले हैं। प्राज्ञनानंद का जन्म 10 अगस्त, 2005 को चेन्नई में हुआ है। उनके पिता रमेशबाबू तमिलनाडु स्टेट कॉर्पोरेशन बैंक में शाखा प्रबंधक के रूप में काम करते हैं जबकि उनकी मां नागलक्ष्मी होम मेकर हैं। प्रागननंदा 10 साल की उम्र में 2016 में शतरंज के सबसे युवा इंटरनेशनल मास्टर बने थे।
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