दिल्ली5 दिन पहले
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2016 रियो और 2020 टोक्यो ओलिंपिक में देश का प्रतिनिधित्व कर चुकी एथलीट दुतीचंद पर चार साल का बैन लगा दिया गया है। वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (WADA) ने उनके दो डोप टेस्ट किए थे, दोनों ही सैंपल पॉजिटिव मिले थे। उन पर प्रतिबंधन 3 जनवरी 2023 से लागू माना जाएगा।
पिछले साल दिसंबर में दुती के दोनों नमूने लिए गए थे। उनके खून में एनाबोलिक एजेंट- एसएआरएमएस पाए गए, जो WADA की 2023 प्रतिबंधित पदार्थों की सूची में शामिल हैं। एसएआरएमएस ऐसे नॉन स्टेरॉइड पदार्थ हैं, जिनका इस्तेमाल आमतौर पर आस्टियोपोरोसिस (हड्डी संबंधित बीमारी), एनीमिया (खून की कमी) और मरीजों में जख्मों से उबरने के लिए किया जाता है।
दुती के दोनों नमूने 5 और 26 दिसंबर को लिए थे। उनके पहले सैंपल में एंडारॉइन, ऑस्ट्राइन और लिंगनड्रोल पाया गया है। वहीं, दूसरे सैंपल में एंडारॉइन और ऑस्ट्राइन मिला है।
अपनी बेगुनाही साबित नहीं कर पाईं
NADA (नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी) के मुताबिक दुती एंटी डोपिंग डिस्पलेनरी पैनल (ADDP) के सामने खुद को बेगुनाह साबित नहीं कर पाईं। ADDP को उन्होंने बताया कि उन्होंने हडि्डयों से संबंधित समस्या होने पर अपने पर्सनल फिजियो के कहने पर इस दवा का सेवन किया था।
उन्होंने मान्यता प्राप्त फिजियो से सलाह नहीं ली और न ही इसकी जानकारी उन्होंने फेडरेशन या स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) को दी। यही नहीं उन्होंने दवा लेने से पहले वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (WADA) के बैन पदार्थों की भी जांच नहीं की।
दो ओलिंपिक में दौड़ीं, लेकिन जीत नहीं सकीं
दुती चंद 2016 के रियो और 2020 के टोक्यो ओलिंपिक में देश का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। रियो ओलंपिक में दुती किसी ओलिंपिक के 100 मीटर इवेंट में हिस्सा लेने वाली तीसरी भारतीय महिला खिलाड़ी बनीं, लेकिन फाइनल तक नहीं पहुंच पाईं। उस वक्त उन्होंने 11.69 सेकेंड्स का समय निकाला था।
टोक्यो ओलिंपिक में 200 मीटर रेस में 42 एथलीटों में 38 वें स्थान पर रहीं थी।
2018 एशियन गेम्स में जीते थे दो सिल्वर मेडल
दुती 2018 एशियन गेम्स में देश को दो सिल्वर मेडल दिला चुकी हैं। उन्होंने 100 मीटर और 200 मीटर में सिल्वर मेडल जीते थे। इससे पहले उन्होंने एशियन चैंपियनशिप 2013 में पुणे में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। वे 2017 में भुवनेश्वर में भी ब्रॉन्ज जीत चुकी हैं। दुती ने साउथ एशियन गेम्स 2016 में 100 मीटर में सिल्वर और 200 मीटर रेस में ब्रॉन्ज मेडल जीता था।
दुती से जुड़े विवाद
1. जेंडर विवाद के कारण एक साल का बैन लगा था
दुती पर 2014 ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों से पहले जेंडर विवाद के कारण एक साल का बैन लगा था। वे टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं ले सकीं थीं। दुती का टेस्टोस्टोरेन (हार्मोन) बढ़ जाता था, इससे उन पर पुरुष होने के आरोप लगे थे।
उनकी अपील पर लुसाने (स्विट्जरलैंड) स्थित खेल मध्यस्थता अदालत ने इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ एथलेटिक्स फेडरेशन (IAAF) के फैसले को पलट दिया था। इसके बाद दुती 2016 रियो ओलिंपिक में हिस्सा ले सकीं थीं।
2. दुती चंद समलैंगिक रिश्ते को स्वीकारने वाली पहली भारतीय एथलीट
दुती ने साल 2019 में उन्होंने पहली बार स्वीकारा था कि किया कि वो समलैंगिक रिश्ते में हैं। इसके बाद उन्हें गांव और परिवार के विरोध का सामना करना पड़ा, पर उन्होंने हार नहीं मानी।
वे भारत की पहली एथलीट हैं जिन्होंने इस तरह की बात सार्वजनिक तौर पर स्वीकार की है। दुती ने बताया था कि वे अपने गृहनगर चाका गोपालपुर (ओडिशा) में एक लड़की के साथ रिश्ते में हैं।
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