पूर्वी उत्तर प्रदेश के मऊ जिले की घोसी विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव हो रहे हैं. घोसी सीट से सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने दारा सिंह चौहान पर दांव लगाया है. वहीं, विपक्षी समाजवादी पार्टी (सपा) ने पुराने समाजवादी सुधाकर सिंह को मैदान में उतारा है. घोसी सीट पर दो दलों के बीच ही नहीं, दो गठबंधनों के बीच भी सीधा मुकाबला है.
बीजेपी की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) भी घोसी विजय के लिए पूरी ताकत लगा रही है. वहीं, कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने सपा उम्मीदवार को समर्थन का ऐलान कर दिया है. एक तरफ से सुभासपा तो दूसरी तरफ से सपा के साथ अब कांग्रेस भी खुलकर खड़ी हो गई है.
विपक्षी गठबंधन का पहला टेस्ट
घोसी उपचुनाव विपक्षी इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस यानी I.N.D.I.A. के लिए पहले टेस्ट की तरह देखा जा रहा है. 2022 के चुनाव में इस सीट से सपा के टिकट पर दारा सिंह चौहान जीते थे. दारा सिंह चौहान ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और बीजेपी में शामिल हो गए थे. दारा के इस्तीफे से रिक्त हुई सीट पर उपचुनाव में सपा के सामने अपनी सीट बचाने की चुनौती है. वहीं, बीजेपी दारा के सहारे घोसी की जंग जीतना चाहती है.
अखिलेश और योगी करेंगे प्रचार
सत्ताधारी और विपक्षी, दोनों ही गठबंधन इस उपचुनाव को कितनी गंभीरता से ले रहे हैं? इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दोनों ही पक्ष अपने सबसे बड़े चेहरों को चुनाव प्रचार के लिए मैदान में उतारने जा रहे हैं. सपा प्रमुख अखिलेश यादव 29 अगस्त को घोसी में चुनावी रैली को संबोधित करेंगे. वहीं, सितंबर महीने में सीएम योगी आदित्यनाथ के भी जनसभा को संबोधित करने की संभावना है.
दोनों खेमों ने झोंकी पूरी ताकत
घोसी उपचुनाव में दोनों ही खेमों ने पूरी ताकत झोक दी है. सपा की ओर से रामगोपाल यादव और शिवपाल यादव ने प्रचार अभियान की कमान संभाल रखी है तो वहीं बीजेपी की ओर से योगी सरकार के दोनों डिप्टी सीएम केशव मौर्य और बृजेश पाठक लगातार घोसी के दौरे कर रहे हैं. यूपी बीजेपी के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने भी घोसी में डेरा डाल रखा है. सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर के लिए भी ये चुनाव प्रतिष्ठापरक बन चुका है.
5 सितंबर को होनी है वोटिंग
घोसी सीट के लिए 5 सितंबर को मतदान होना है. चुनाव नतीजे 8 सितंबर को आने हैं. घोसी उपचुनाव के लिए 3 सितंबर की शाम को चुनाव प्रचार थम जाएगा. चुनाव प्रचार जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है, बीजेपी और सपा की रणनीति आक्रामक होती जा रही है. चुनाव प्रचार के अंतिम चरण में दोनों ही पक्षों की रणनीति सबसे बड़े चेहरों को आगे कर मतदाताओं को अपने पाले में लाने की है.
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