स्पोर्ट्स डेस्क13 मिनट पहले
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भारत ने वनडे वर्ल्ड कप 2023 के लिए अपनी 15 सदस्यीय टीम घोषित कर दी है। रोहित शर्मा कप्तान और हार्दिक पंड्या उप कप्तान हैं। टीम में 5 बैटर, 2 विकेटकीपर, 5 तेज गेंदबाज और 3 स्पिनर्स हैं। इन्हीं में 4 ऑलराउंडर्स भी शामिल हैं।
एशिया कप टीम का हिस्सा तेज गेंदबाज प्रसिद्ध कृष्णा, युवा बैटर तिलक वर्मा और बैकअप विकेटकीपर संजू सैमसन वर्ल्ड कप स्क्वॉड में जगह नहीं बना सके। इस स्टोरी में हम इनके सिलेक्ट नहीं होने के पीछे वजह जानेंगे। साथ ही जानेंगे कि जिन 15 प्लेयर्स का सिलेक्शन हुआ, उसके क्या कारण रहे और उनकी स्ट्रेंथ-वीकनेस क्या है।
शुरुआत वर्ल्ड कप स्क्वॉड के 15 प्लेयर्स से…
1. रोहित शर्मा, कप्तान
36 साल के अनुभवी रोहित शर्मा वर्ल्ड कप में टीम की कप्तानी करेंगे। साल 2007 में डेब्यू करने के बाद 2013 में उन्होंने ओपनिंग करनी शुरू की। यहीं से वह परफॉर्म कर रहे हैं और लगातार टीम का हिस्सा भी हैं। रोहित अब तक 9922 रन बना चुके हैं और 2022 से टीम के चौथे टॉप रन स्कोरर हैं। कप्तानी में रोहित ने भारत को 29 में से 21 वनडे जिताए हैं।
- स्ट्रेंथ: दुनिया के मौजूदा बेस्ट ओपनर्स में शामिल रोहित शॉर्ट पिच गेंदों पर सबसे अच्छा खेलते हैं। सेट होने के बाद पेस और स्पिन दोनों के खिलाफ बहुत तेजी से रन बनाते हैं।
- वीकनेस: लेफ्ट आर्म पेसर के खिलाफ पिछले 5 साल में 9 बार आउट हुए हैं। नई गेंद इन स्विंग हो कर स्टंप्स की तरफ आए तो कई बार आउट हो जाते हैं।
2. शुभमन गिल, ओपनिंग बैटर
23 साल के युवा शुभमन गिल पिछले 12 महीने से ड्रीम फॉर्म में चल रहे हैं। ओपनिंग करते हुए वह टेस्ट, वनडे और टी-20 के साथ IPL में भी शतक लगा चुके हैं। उनकी काबिलियत को देखते हुए उन्हें फ्यूचर स्टार बताया जा रहा है। शुभमन जनवरी 2022 से भारत के टॉप रन स्कोरर भी हैं और टीम में रोहित के साथ ओपनिंग करेंगे।
- स्ट्रेंथ: पावरप्ले में अटैक करते हैं। स्क्वेयर कट, पुल, बैकफुट पंच, स्वीप, स्ट्रैट ड्राइव जैसे कई शॉट्स लगाने की काबिलियत है। इस साल तीनों फॉर्मेट में 5 सेंचुरी लगाई हैं।
- वीकनेस: लेफ्ट आर्म पेसर के खिलाफ 3 बार आउट हो चुके हैं। लेफ्ट आर्म स्पिनर के खिलाफ भी शुरुआत में मुश्किलें होती हैं, अब तक 3 बार उनका शिकार हुए हैं।
3. विराट कोहली, बैटर
34 साल के राइट हैंड बैटर विराट कोहली 13 हजार वनडे रन पूरे करने से 98 रन दूर हैं। अनुभवी विराट ने पिछले साल एशिया कप में ही अफगानिस्तान के खिलाफ टी-20 सेंचुरी लगाकर अपने शतकों का सूखा खत्म किया था। सचिन के 49 वनडे शतक के वर्ल्ड रिकॉर्ड को तोड़ने से महज 4 सेंचुरी दूर हैं। इस बार भी नंबर-3 पर बैटिंग करेंगे और रोहित के साथ उनके कंधों पर टीम को वर्ल्ड कप जिताने की जिम्मेदारी रहेगी।
- स्ट्रेंथ: चेज मास्टर कोहली मुश्किल से मुश्किल सिचुएशन में टीम को जिताने की काबिलियत रखते हैं। टारगेट का पीछा करते हुए 26 शतक लगाए हैं। पिछले एक साल में तीनों फॉर्मेट मिलाकर 6 सेंचुरी लगा चुके हैं।
- वीकनेस: 2019 से लेफ्ट आर्म सीमर के खिलाफ 10 और लेफ्ट आर्म स्पिनर के खिलाफ 8 बार आउट हो चुके हैं। सेट होने के बाद भी लेग स्पिनर के सामने 6 बार अपना विकेट गंवाया है।
4. श्रेयस अय्यर, बैटर
28 साल के श्रेयस अय्यर नंबर-4 पोजिशन पर टीम इंडिया की पहली पसंद है। इस पोजिशन पर 2019 से उन्होंने सबसे ज्यादा रन बनाए हैं। इंजरी के कारण वह टीम से दूर थे, लेकिन अब वह पूरी तरह फिट हैं और जनवरी 2022 से टीम के दूसरे टॉप रन स्कोरर भी हैं।
- स्ट्रेंथ: शुरुआती विकेट गिरने के बाद टीम को संभाल लेते हैं। स्पिनर्स के खिलाफ हर तरह की बॉल पर छक्का लगाने की काबिलियत है। लेफ्ट आर्म पेसर के खिलाफ 137 के स्ट्राइक रेट से रन बनाते हैं।
- वीकनेस: शॉर्ट बॉल और लेग स्पिनर के खिलाफ कई बार फंसते हैं। इंजरी से लौटे हैं और अब तक फॉर्म में लौटे हैं या नहीं इसका पता नहीं चल सका है।
5. सूर्यकुमार यादव, बैटर
32 साल के विस्फोटक बैटर सूर्यकुमार यादव का सिलेक्शन उनके टी-20 फॉर्म के आधार पर किया गया है। मैनेजमेंट का मानना है कि उनकी विस्फोटक शॉट्स मारने की क्षमता को टीम फिनिशिंग के रूप में इस्तेमाल कर सकती है। वह टीम में बैकअप मिडिल ऑर्डर बैटर के रूप में शामिल किए गए हैं।
- स्ट्रेंथ: टी-20 रैंकिंग के नंबर-1 बैटर सूर्यकुमार सभी तरह के गेंदबाजों के खिलाफ 360 डिग्री दिशा में शॉट्स खेलते हैं। टीम में सबसे तेज गति से रन बनाने की काबिलियत इन्हीं के पास है।
- वीकनेस: वनडे फॉर्मेट में ढल नहीं सके हैं। 26 वनडे खेले, लेकिन 24.33 के मामूली औसत से 511 रन ही बना सके। इसी साल 3 बार लगातार पहली गेंद पर आउट हो चुके हैं।
6. केएल राहुल, विकेटकीपर बैटर
31 साल के विकेटकीपर बैटर केएल राहुल सर्जरी कराने के बाद वापसी कर रहे हैं। वह नंबर-5 पोजिशन पर विकेटकीपर के रूप में टीम की पहली पसंद है। इस पोजिशन पर उन्होंने 18 मैचों में 53 की औसत से 742 रन बनाए हैं।
- स्ट्रेंथ: कोहली जैसे क्लासिकल शॉट्स लगाते हैं। नंबर-5 की पोजिशन पर एक शतक और 7 फिफ्टी हैं, इसी साल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मुश्किल सिचुएशन में मैच जिता चुके हैं।
- वीकनेस: इंजरी से लौट रहे हैं, फॉर्म वापस पाने में समय लग सकता है। एशिया कप में अब तक एक भी मैच नहीं खेला। 2019 से लेग स्पिनर ने 5 बार आउट किया है।
7. ईशान किशन, विकेटकीपर बैटर
25 साल रे लेफ्ट हैंड विकेटकीपर बैटर ईशान किशन बैकअप प्लेयर के रूप में पिछले एक साल से टीम का हिस्सा थे। लेकिन एशिया कप के पहले ही मैच में पाकिस्तान के खिलाफ समझदारी भरी 82 रन की पारी ने टीम में उनकी जगह पक्की कर दी। लेफ्ट हैं से बैटिंग, ओपनिंग से नंबर-5 पोजिशन पर बैटिंग करना और विकेटकीपिंग स्किल के कारण वह टीम का हिस्सा बने। हालांकि अब भी वह टीम के सेकेंड चॉइस विकेटकीपर ही हैं।
- स्ट्रेंथ: लेफ्ट हैंड बैटर हैं, वैरायटी देते हैं। ओपनिंग के साथ नंबर-5 पोजिशन पर खुद को साबित कर चुके हैं। पिछले 4 वनडे में लगातार फिफ्टी भी बनाई हैं।
- वीकनेस: अनुभव की कमी, फिफ्टी को बड़े स्कोर में कन्वर्ट नहीं कर पाते। 145+ किमी से स्पीड की गेंदबाजी के सामने परेशानी होती हैं। जरूरत नहीं होने पर भी बड़े शॉट की कोशिश में विकेट गंवा देते हैं।
8. हार्दिक पंड्या, ऑलराउंडर
29 साल के बैटिंग ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या टीम के उप कप्तान हैं। लम्बे-लम्बे शॉट्स लगाने और अब बॉलिंग में विकेट लेने की क्षमता उन्हें टीम का फर्स्ट चॉइस ऑलराउंडर बनाती है। नंबर-6 पर बैटिंग करने के साथ उन पर 7 से 10 ओवर बॉलिंग की जिम्मेदारी भी रहेगी। जनवरी 2022 से 16 मैचों में 17 विकेट लिए हैं और 500 के करीब रन भी बनाए हैं।
- स्ट्रेंथ: क्रीज पर आते ही बड़े शॉट्स लगा सकते हैं। स्पिन और पेस दोनों के खिलाफ अटैक करना जानते हैं। जल्दी विकेट गिरने पर टीम को संभालने की क्षमता भी रखते हैं। बॉलिंग में कई बार अहम विकेट निकालते हैं।
- वीकनेस: IPL में कप्तानी शुरू करने के बाद बैटिंग में अब जरूरत से ज्यादा डिफेंसिव अप्रोच अपनाते हैं। बॉलिंग में महंगे साबित होते हैं।
9. रवींद्र जडेजा, ऑलराउंडर
34 साल के ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा ने इसी साल जनवरी में इंजरी से वापसी की। वापसी करने के बाद से बॉलिंग से ज्यादा बैटिंग के दम पर टीम को संभाला है। 200 वनडे विकेट पूरे करने से महज 3 विकेद दूर हैं। टीम में नंबर-7 पोजिशन पर बैटिंग करने के साथ 10 ओवर बॉलिंग करने की भूमिका निभाएंगे। जरूरत पड़ने पर नंबर-4 पर भी बैटिंग कर सकते हैं।
- स्ट्रेंथ: दुनिया के बेस्ट फील्डर जडेजा पिछले कुछ सालों में टीम के बेस्ट बैटर साबित हुए हैं। कई बार मुश्किल परिस्थितियों में जिताया है। बॉलिंग में स्पिन पिच पर आसानी से रन नहीं बनाने देते, बहुत तेजी से ओवर निकालते हैं।
- वीकनेस: फ्लैट पिच होने पर बॉलिंग में बहुत पिटाई होती है। सेट नहीं होने पर कई बार तेज गेंदबाजों को विकेट दे देते हैं। लेग स्पिनर के सामने 2019 से 4 बार आउट हुए हैं।
10. शार्दूल ठाकुर, ऑलराउंडर
31 साल के ऑलराउंडर शार्दूल ठाकुर ने 2019 वनडे वर्ल्ड कप के बाद से भारत के लिए सबसे ज्यादा 53 विकेट लिए हैं। लेकिन टीम में उनका सिलेक्शन बैटिंग क्षमता के कारण किया गया है। टीम इंडिया लोअर ऑर्डर की खराब बैटिंग के कारण कई मैच गंवा चुकी है। शार्दूल नंबर-8 की पोजिशन पर बाकी प्लेयर्स के मुकाबले बेस्ट ऑप्शन हैं, इसीलिए उन्हें चुना गया।
- स्ट्रेंथ: अहम विकेट निकालते हैं, कई मौकों पर विपक्षी टीम के बेस्ट बैटर के विकेट ले चुके हैं। लोअर ऑर्डर में बैटिंग कर जरूरी रन बनाते हैं।
- वीकनेस: बॉलिंग में सटीक लाइन पर गेंदबाजी नहीं करते, कई बार बेहद महंगे साबित होते हैं। बैटिंग में भी कई बार फ्लॉप हो चुके हैं। फील्डिंग बेहद साधारण करते हैं।
11. अक्षर पटेल, ऑलराउंडर
29 साल के लेफ्ट आर्म स्पिन ऑलराउंडर अक्षर पटेल का सिलेक्शन मैनेजमेंट की डिफेंसिव सोच का नतीजा है। टीम में वह बतौर ऑलराउंडर शामिल किए गए हैं, क्योंकि उनकी बैटिंग रविचंद्रन अश्विन और युजवेंद्र चहल जैसे स्पिनर्स के मुकाबले बेहतर हैं। स्पिन पिच पर टीम उन्हें नंबर-8 की पोजिशन पर शार्दूल ठाकुर की जगह मौका देगी। अक्षर अब तक 52 वनडे में 58 विकेट ले चुके हैं।
- स्ट्रेंथ: नंबर-8 पोजिशन पर शार्दूल से बेहतर बैटिंग कर सकते हैं। पावरप्ले में नई गेंद से बॉलिंग कर विकेट निकालने की काबिलियत है। अच्छे फील्डर भी हैं।
- वीकनेस: जडेजा के कारण प्लेइंग-11 में मौका नहीं मिलता, इसलिए मैच एक्सपीरियंस कम है। ऑलराउंडर हैं, लेकिन वनडे में गेंदबाजी उनका प्लस पॉइंट नहीं है।
12. जसप्रीत बुमराह, तेज गेंदबाज
29 साल के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह एक साल बाद इंटरनेशनल में वापसी कर सके हैं। वह लगातार इंजरी से जूझ रहे थे। 2016 में डेब्यू के बाद से ही बुमराह ने अपना इम्पैक्ट छोड़ा है। उनके खाते में विकेट महज 121 हैं, लेकिन छोटे से करियर में ही वह देश के बेस्ट तेज गेंदबाज बन चुके हैं। यॉर्कर और स्लोअर बॉल के एक्सपर्ट बन चुके बुमराह वर्ल्ड कप में टीम के पेस अटैक को लीड करेंगे।
- स्ट्रेंथ: पावरप्ले, मिडिल और डेथ ओवर्स में कभी भी विकेट निकालने की काबिलियत है। यॉर्कर और स्लोअर बॉल के साथ नई गेंद को दोनों तरफ स्विंग कराते हैं।
- वीकनेस: इंजरी से लौटने के बाद अब तक वनडे में बॉलिंग नहीं की। कभी भी इंजर्ड होने का खतरा रहता है, उनके बाहर होने पर टीम कमजोर नजर आती है।
13. मोहम्मद सिराज, तेज गेंदबाज
29 साल के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज बुमराह के साथ टीम के दूसरे पेसर रहेंगे। जनवरी 2022 से वह भारत के लिए 25 मैचों में सबसे ज्यादा 46 विकेट ले चुके हैं। ICC वनडे बॉलर्स की रैंकिंग में नंबर-4 पर काबिज हैं। डेब्यू के बाद तेजी से सुधार किया है, अब नई गेंद से विकेट निकालने लगे हैं।
- स्ट्रेंथ: पावरप्ले में वॉबल सीम डालकर विकेट निकालते हैं। वनडे करियर के 46 में से 26 विकेट टॉप ऑर्डर बैटर के लिए हैं।
- वीकनेस: शुरुआती ओवर्स में विकेट नहीं मिलने पर शांत नहीं रहते और लाइन से भटक जाते हैं। इस कारण उनके खिलाफ बैटर्स आसानी से रन बना लेते हैं।
14. मोहम्मद शमी, तेज गेंदबाज
33 साल के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी लगातार तीसरी बार वनडे वर्ल्ड कप खेलेंगे। बुमराह ओर सिराज के बाद इस वक्त भारत के बेस्ट तेज गेंदबाज हैं। वह टीम में इन दोनों गेंदबाजों के बैकअप के रूप में शामिल किए गए हैं। तेज गेंदबाजी को मददगार पिच पर टीम इंडिया बुमराह, सिराज और शमी तीनों को प्लेइंग-11 में रखेगी।
- स्ट्रेंथ: नई गेंद को दोनों तरफ स्विंग कराते हैं, डेथ और मिडिल ओवर्स में विकेट निकालने की काबिलियत है। यॉर्कर फेंकने और रिवर्स स्विंग कराने की क्षमता है।
- वीकनेस: शॉर्ट पिच लेंथ पर ज्यादा भरोसा करते हैं, स्लोअर बॉल ज्यादा नहीं डालते, इसलिए कई बार महंगे साबित होते हैं। बड़ी टीमों के प्लेयर उन्हें समझ चुके हैं, इसलिए आसानी से रन बना लेते हैं।
15. कुलदीप यादव, स्पिनर
28 साल के लेफ्ट आर्म स्पिनर कुलदीप यादव टीम के एकमात्र फुल टाइम स्पिनर हैं। इनके अलावा बाकी 2 ऑलराउंडर्स हैं। डेब्यू के बाद से टीम में अंदर-बाहर होते रहे कुलदीप पिछले 12 महीनों से लगातार टीम का हिस्सा हैं। वह बतौर रिस्ट स्पिनर टीम में खेलेंगे। कुलदीप अब तक 86 मैचों में 141 विकेट ले चुके हैं और जनवरी 2022 से भारत के तीसरे टॉप विकेट टेकर हैं।
- स्ट्रेंथ: गेंद को दोनों तरफ टर्न कराते हैं, फ्लाइट पर भरोसा करते हैं। बड़े-बड़े बल्लेबाज उनकी टर्न नहीं पढ़ पाते और कई बार विकेट दे देते हैं।
- वीकनेस: फ्लैट पिच पर पिटाई होने पर तेज और शॉर्ट पिच गेंदबाजी करना शुरू कर देते हैं। जिस कारण उनके खिलाफ और भी ज्यादा रन बनते हैं।
क्यों बाहर हुए तिलक, प्रसिद्ध और सैमसन?
तेज गेंदबाज प्रसिद्ध कृष्णा और युवा लेफ्ट हैंड बैटर तिलक वर्मा एशिया कप के 17 सदस्यीय स्क्वॉड में शामिल हैं। वहीं संजू सैमसन बतौर बैकअप विकेटकीपर टीम का हिस्सा हैं। तीनों ही वर्ल्ड कप के 15 सदस्यीय स्क्वॉड का हिस्सा नहीं बन सके। इन तीनों को ही एशिया कप में पाकिस्तान और नेपाल के खिलाफ प्लेइंग-11 का हिस्सा भी नहीं बनाया गया था।
3 पॉइंट्स में समझते हैं तीनों के वर्ल्ड कप स्क्वॉड में शामिल नहीं होने की वजह…
- प्रसिद्ध कृष्णा: 27 साल के तेज गेंदबाज इंजरी के कारण बाहर थे, अब एक साल बाद वापसी की। टीम में 5 पेसर्स हैं, वर्ल्ड कप भारत में होगा, जहां ज्यादातर पिचें स्पिन फ्रेंडली होंगी। ऐसे में प्रसिद्ध कृष्णा एक्स्ट्रा पेसर ही रहते, इस कारण उन्हें टीम में एंट्री नहीं मिली।
- तिलक वर्मा: 20 साल के युवा लेफ्ट हैंड बैटर ऑफ स्पिन भी फेंक लेते हैं। वह नंबर-4 पर बैटिंग करने के ऑप्शन थे, लेकिन टीम में इस पोजिशन पर श्रेयस और सूर्यकुमार दोनों हैं। तिलक का वनडे डेब्यू भी नहीं हुआ, इस कारण उन्हें वर्ल्ड कप में मौका नहीं मिला।
- संजू सैमसन : 28 साल के विकेटकीपर बैटर का विकेटकीपिंग अनुभव राहुल और ईशान से ज्यादा है। सैमसन मिडिल ऑर्डर में सूर्यकुमार से बेहतर बैटिंग भी कर चुके हैं। लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ ईशान की 82 रन की पारी और सूर्यकुमार की टी-20 स्टाइल बैटिंग के सामने सिलेक्टर्स ने सैमसन को चुनना सही नहीं समझा।
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