नई दिल्ली4 मिनट पहले
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मनी लॉन्ड्रिंग के केस में गोयल के साथ उनकी पत्नी भी आरोपियों में शामिल है।
बैंक धोखाधड़ी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जेट एयरवेज (इंडिया) लिमिटेड के फाउंडर नरेश गोयल को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। उन पर 538 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप है। 74 साल के गोयल को आज (2 सितंबर) स्पेशल PMLA कोर्ट में पेश किया जाएगा। ED उनकी हिरासत की मांग करेगी।
गोयल को शुक्रवार को ED के मुंबई ऑफिस में पूछताछ के लिए तलब किया गया। लंबी पूछताछ के बाद उन्हें प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत गिरफ्तार किया गया। इससे पहले दो बार ED के बुलाने पर वे पेश नहीं हुए थे।
यह मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की ओर से इस साल मई में दर्ज की गई एक FIR पर आधारित है। इस केस में नरेश गोयल की पत्नी अनिता, जेट एयरवेज एयरलाइन के डायरेक्टर रहे गौरंग आनंद शेट्टी और कुछ अन्य लोग भी आरोपियों में शामिल हैं।
क्या है पूरा मामला
केनरा बैंक ने नरेश गोयल पर धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया था। FIR में बताया गया था कि उन्हें 848.86 करोड़ रुपए की क्रेडिट लिमिट और लोन सेंशन किए थे, जिसमें से 538.62 करोड़ रुपए बकाया हैं।
CBI ने 5 मई को गोयल के मुंबई स्थित ऑफिस सहित 7 ठिकानों की तलाशी ली थी। कार्रवाई में नरेश गोयल, अनीता गोयल और गौरांग आनंद शेट्टी के आवासों और कार्यालयों पर छापे मारे गए थे।
CBI की FIR के आधार पर ED ने 19 जुलाई को गोयल पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया। तब ED ने भी गोयल और उनके साथियों के ठिकानों पर छापेमारी कर तलाशी ली थी। इसके बाद अब कार्रवाई की है।
बैंक का आरोप- पैसों की हेराफेरी की गई
बैंक ने आरोप लगाया कि कंपनी के फोरेंसिक ऑडिट से पता चला कि उसने कुल कमीशन खर्चों में से ”संबंधित कंपनियों” को 1,410.41 करोड़ रुपए का भुगतान किया। इस तरह यह धन कंपनी से निकाल लिया गया।
इसमें कहा गया कि गोयल परिवार के कर्मचारियों के वेतन, फोन बिल और वाहन खर्च जैसे निजी खर्चों का भुगतान जेट की सहायक कंपनी जेट लाइट (इंडिया) यानी JIL से किया गया था। इन आरोपों के अलावा, फॉरेंसिक ऑडिट में यह सामने आया कि JIL के माध्यम से एडवांस पेमेंट और इन्वेस्टमेंट के जरिए पैसों की हेराफेरी की गई।
विवादों में फंसने के बाद से जेट एयरवेज के मामलों की कई एजेंसियां जांच कर रही हैं। इनमें ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स और एसएफआईओ शामिल हैं।
अप्रैल 2019 से बंद है जेट एयरवेज
जेट एयरवेज एक समय भारत की सबसे बड़ी प्राइवेट एयरलाइंस में से एक थी और एयरलाइन को साउथ एशियन नेशन की सबसे बड़ी प्राइवेट एयरलाइन का दर्जा हासिल था। लेकिन, कर्ज में दबे होने के कारण जेट एयरवेज 17 अप्रैल 2019 में ग्राउंडेड हो गई थी।
इसके बाद जून 2021 में एयरवेज को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) के बैंकरप्सी रिजॉल्यूशन प्रोसेस के तहत जालान-कालरॉक (Jalan-Kalrock) कंसोर्टियम ने बोली जीतने के बाद अपने कब्जे में ले लिया था। इसके बाद से एयरलाइन के रिवाइवल की प्रोसेस चल रही है।
ये कंसोर्टियम मुरारी लाल जालान और कालरॉक कैपिटल की जॉइंट कंपनी है। जालान एक दुबई बेस्ड इंडियन ओरिजिन बिजनेसमैन हैं। वहीं कालरॉक कैपिटल मैनेजमेंट लिमिटेड फाइनेंशियल एडवाइजरी और अल्टरनेटिव एसेट मैनेजमेंट के क्षेत्र में काम करने वाली लंदन बेस्ड ग्लोबल फर्म है। इसके फाउंडर फ्लोरियन फ्रेच हैं।
नरेश गोयल ने की थी जेट एयरवेज की शुरुआत
1990 के दशक की शुरुआत में टिकटिंग एजेंट से एंटरप्रेन्योर बने नरेश गोयल ने जेट एयरवेज की शुरुआत कर लोगों को एयर इंडिया का अल्टरनेटिव दिया था। एक वक्त में जेट के पास कुल 120 प्लेन थे।
‘दि जॉय ऑफ फ्लाइंग’ टैग लाइन वाली कंपनी जब पीक पर थी तो हर रोज 650 फ्लाइट्स का ऑपरेशन करती थी। जब कंपनी बंद हुई तो उसके पास केवल 16 प्लेन रह गए थे। मार्च 2019 तक कंपनी का घाटा 5,535.75 करोड़ रुपए का हो चुका था।
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