Neeraj Chopra: नीरज चोपड़ा के टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के बाद भारत में जैवलिन थ्रो (भाला फेंक) स्पर्धा में नई क्रांति आ गई है. इसी का परिणाम है कि तीन भारतीय खिलाड़ियों ने वर्ल्ड एथलेटिक्स चैम्पियनशिप के टॉप-6 में जगह बना कर नया वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाया.
भाला फेंक में कभी जर्मनी का दबदबा रहा करता था और 1983 में वर्ल्ड चैम्पियनशिप शुरू होने के बाद 4 मौकों (1995, 2003, 2015, 2017) पर उसके खिलाड़ी टॉप-8 में शामिल रहे थे.
मगर इस बार ऐसा पहला मौका रहा, जबकि किसी एक देश के खिलाड़ी फाइनल में टॉप-6 में जगह बनाने में सफल रहे. यह भी नीरज की ही एक बड़ी कामयाबी है, जिसने देशभर में सुनामी सी ला दी है. अब हर कोई युवा जैवलिन थ्रोअर बनने का सपना देख रहा है.
किशोर और मनु ने भी दिखाया जलवा
बुडापेस्ट में रविवार को ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता चोपड़ा ने वर्ल्ड चैम्पियनशिप में सोने का तमगा हासिल किया जबकि किशोर जेना और डीपी मनु क्रमश: पांचवें और छठे स्थान पर रहे. जेना और मनु पहली बार वर्ल्ड चैम्पियनशिप में भाग ले रहे थे जबकि चोपड़ा ने 2022 में रजत पदक जीता था.
असल में भारत के चार खिलाड़ियों को इस स्पर्धा में भाग लेना था क्योंकि चोपड़ा को डायमंड लीग चैंपियन होने के कारण वाइल्ड कार्ड मिला था. भारत के चौथे खिलाड़ी रोहित यादव हालांकि कोहनी के ऑपरेशन के कारण इस प्रतियोगिता से हट गए थे.
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इससे पहले यही देश रहे थे टॉप-8 में
इससे पहले केवल जर्मनी, अमेरिका और फिनलैंड जैसे देशों के तीन खिलाड़ी फाइनल में पहुंचे थे. राष्ट्रीय एथलेटिक्स कोच राधाकृष्णन नायर ने कहा, ‘निश्चित तौर पर यह अभूतपूर्व उपलब्धि है.’ भारतीय एथलेटिक्स महासंघ ( एएफआई) ने इस संभावना से इनकार नहीं किया कि भविष्य में प्रमुख चैम्पियनशिप में भारत पुरुषों के भाला फेंक में दो पदक जीतने में सफल रहे.
चोपड़ा के ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के बाद भाला फेंक के प्रति खिलाड़ियों में दिलचस्पी पैदा हुई. इससे भी महत्वपूर्ण बात यह थी कि खिलाड़ियों में यह विश्वास पैदा हुआ कि भारतीय प्रमुख प्रतियोगिताओं में पदक जीत सकते हैं.
9 भारतीय एथलीट 80 मी. से दूर भाला फेंकते हैं
भाला फेंक के सक्रिय भारतीय खिलाड़ियों में नौ खिलाड़ी ऐसे हैं जो 80 मीटर से अधिक दूरी तक भाला फेंक चुके हैं. इनमें चोपड़ा, शिवपाल सिंह, जेना, मनु, रोहित, यश वीर सिंह, विक्रांत मलिक, साहिल सिलवाल और सचिन यादव शामिल हैं। इनके अलावा अभिषेक सिंह, अनुज कालेरा और अभिषेक द्राल इस दूरी को पार करने के करीब हैं.
जेना के कोच समरजीत सिंह मल्ही ने कहा, ‘देश में भाला फेंक में कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं और चोपड़ा की उपलब्धियों ने देश के युवाओं के लिए दरवाजा खोल दिया है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि चोपड़ा ने दिखा दिया है कि भारतीय विश्व स्तर पर एथलेटिक्स में पदक जीत सकते हैं। इससे पहले भारतीयों में आत्मविश्वास की कमी थी. भारत भविष्य में इस स्पर्धा में लगातार बेहतर परिणाम हासिल करता रहेगा.’
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