Sawan Somwar 2023: भगवान शिव की पूजा के लिए सावन के सोमवार बड़े महत्वपूर्ण होते हैं. इस दिन शिवलिंग को जल व बेलपत्र अर्पित करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. इस दिन विशेष तरह के प्रयोग भी किए जाते हैं. आज सावन का अंतिम सोमवार है और अंतिम सोमवार पर सोम प्रदोष का संयोग भी बन रहा है. आइए आपको इसका मुहूर्त और पूजन विधि बताते हैं.
सोम प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त (Sawan Somwar 2023 Shubh Muhurt)
प्रदोष व्रत हर महीने की दोनों त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाता है. सावन शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि सोमवार, 28 अगस्त की शाम 06.48 बजे से प्रारंभ होकर मंगलवार, 29 अगस्त को दोपहर 02.47 बजे तक रहेगी. सावन सोमवार की प्रदोष व्रत पूजा प्रदोष काल में करना श्रेष्ठ माना गया है.
सावन के सोमवार की पूजा विधि (Sawan Somwar 2023 Puja Vidhi)
प्रातः काल या प्रदोषकाल में स्नान करने के बाद शिव मंदिर जाएं. घर से नंगे पैर जायें तथा घर से ही लोटे में जल भरकर ले जाएं. मंदिर जाकर शिवलिंग पर जल अर्पित करें, भगवान को साष्टांग करें. वहीं पर खड़े होकर शिव मंत्र का 108 बार जाप करें. दिन में केवल फलाहार करें. शाम भगवान के मंत्रों का फिर जाप करें और उनकी आरती उतारें. पूजा की समाप्ति पर केवल जलीय आहार ग्रहण करें. अगले दिन पहले अन्न वस्त्र का दान करें तब जाकर व्रत का पारायण करें.
सावन के अंतिम सोमवार के विशेष प्रयोग (Sawan Somwar 2023 Upay)
1. संपूर्ण कामनाओं की सिद्धि के लिए शिवजी को जल की धारा अर्पित करें. जल अगर अपने घर से भरकर ले जाएं तो उत्तम होगा. “नमः शिवाय” की 11 माला का जाप करें.
2. शीघ्र विवाह के लिए शिव जी को सुगंध और जल अर्पित करें. केवड़े की सुगंध न चढाएं. “ॐ पार्वतीपतये नमः” की 11 माला का जाप करें.
3. संतान सुख के लिए शिव जी को खीर का भोग लगाएं. घी के नौ दीपक जलाएं. “ॐ शं शंकराय नमः” इस मंत्र का जाप कम से कम 11 माला करें.
4. मृत्युतुल्य कष्ट से बचने के लिए शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए शिवलिंग पर पहले 108 बेलपत्र चढाएं. इसके बाद जल धारा अर्पित करें. “ॐ जूं सः माम पालय पालय ” का 11 माला जाप करें.
5. अगर अपार धनलाभ चाहिए तो शिवजी का पंचामृत से अभिषेक करें. इसके बाद उनको उनको जल धारा अर्पित करें. “ॐ नमः शम्भवाय” की 11 माला जाप करें.
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