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- SBI Launches ‘e Rupee By SBI’ SBI Will Now Be Able To Transact In Digital Currency E rupee Through UPI, CBDC Was Started By RBI In December 2022
नई दिल्ली20 मिनट पहले
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स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने आज यानी 4 सितंबर से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की डिजिटल करेंसी को UPI के साथ जोड़ दिया है। इसका मतलब यह है कि अब SBI के कस्टमर्स भी डिजिटल करेंसी (e₹) का ट्रांजैक्शन UPI के जरिए कर पाएंगे। इसके लिए यूजर्स को ‘e-रुपी बाय SBI’ एप का डाउनलोड करना होगा। बैंक के यूजर इसे अब किसी भी ट्रांजैक्शन के लिए QR कोड स्कैन कर के कर सकते हैं।
SBI से पहले देश के 6 बड़े बैंक- यस बैंक, एक्सिस बैंक, HDFC, केनरा बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा ने इस सर्विस को लागू कर दिया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने पिछले साल दिसंबर में सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) प्रोग्राम लॉन्च किया था। SBI प्रोग्राम के पायलट प्रोजेक्ट में जुड़े बैंकों में से था।
क्या है डिजिटल ई-रुपी (e₹)?
ई-रुपी, कागज करेंसी का डिजिटल रूप है, जो क्रिप्टो करेंसी की तरह ब्लॉक-चेन टेक्नोलॉजी पर बेस्ड है। इसकी वैल्यू भी मौजूदा करेंसी के बराबर ही होता है। यह 100, 200 या 500 रुपए के नोट की तरह ही सरकार का एक लीगल टेंडर है, जिसे कोई लेने से इनकार नहीं कर सकता है। e₹ को मोबाइल वॉलेट में रखा जा सकता है। इसे रखने के लिए बैंक खाते की जरूरत नहीं होती है। ये दो तरह की है- CBDC होलसेल और CBDC रिटेल।
UPI से कैसे अलग है e-रुपी?
UPI से ट्रांजैक्शन करने के लिए बैंक अकाउंट में पैसा होना जरूरी है। इसके लिए या तो आपको खुद फिजिकल करेंसी को अकाउंट में डिपॉजिट करना होगा या फिर कहीं से अपने बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करवाना होगा। इसका मतलब यह है कि किसी न किसी को एक बार तो फिजिकल करेंसी अकाउंट में डिपॉजिट करना ही होगा तभी ये ट्रांसफर पॉसिबल हो पाएगा। लेकिन e-rupee में एक बार भी फिजिकल करेंसी को अकाउंट में नहीं डालना पड़ता है।
जबकि, e-rupee ट्रांजैक्शन में बैंक अकाउंट की जरूरत नहीं होती है। RBI फिजिकल करेंसी की जगह सीधे डिजिटल वॉलेट में पैसा (e₹) ट्रांसफर करता है। इसका मतलब है कि आप अभी जिस तरह से अपने जेब या लेदर वॉलेट में नोट रखते है उसकी जगह वॉलेट में e-rupee रखेंगे और ट्रांजैक्शन कर सकेंगे। ये डिजिटल वॉलेट बैंक की ओर से जारी किया जाता है।
यहां यह लेना जरूरी है कि अन्य पेमेंट सिस्टम जैसे Phone-pay, paytm, गूगल-पे में ट्रांजैक्शन के बाद बैंक सेटलमेंट की जरूरत होती है, यानी इन प्लेटफॉर्म पर आपका ट्रांजैक्शन कम से कम एक बैंक से होकर गुजरता है। जबकि e₹ सीधे कैश की तरह QR कोड स्कैन कर के किया जा सकता है।
100 का नोट छापने में 15-17 रुपए का खर्च
RBI के अनुसार, भारत में 100 रुपए के नोट को प्रिंट करने में 15-17 रुपए का खर्च आता है। एक करेंसी नोट ज्यादा से ज्यादा चार साल तक चलता है। सेंट्रल बैंक को नए नोट छापने होते हैं जिनकी लागत करोड़ रुपए होती है। वित्त वर्ष 2021-22 में RBI ने 4.19 लाख अतिरिक्त नोट छापे थे। जबकि डिजिटल करेंसी मामूली लागत में जारी किया जा सकता है।
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