Shri Krishna Janmashtami 2023 Date: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का महापर्व 6 और 7 सितंबर दोनों दिन मनाया जाएगा. हालांकि गृहस्थ जीवन वाले लोग 6 सितंबर को ही जन्माष्टमी मनाएंगे. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, श्रीकृष्ण को भगवान विष्णु का 8वां अवतार माना गया है. भगवान विष्णु को तुलसी बहुत प्रिय है, इसलिए जन्माष्टमी के दिन तुलसी से जुड़ी 5 गलतियां करने से बचना चाहिए. ऐसा करने वालों के पास हमेशा धन का अभाव रहता है.
1. तुलसी स्पर्श– अगर जन्माष्टमी के दिन आप तुलसी की पूजा करते हैं तो ध्यान रहे कि शाम के समय तुलसी के पौधे को स्पर्श बिल्कुल न करें. तुलसी में स्वयं माता लक्ष्मी का वास होता है और शाम के वक्त इसे छूने से देवी लक्ष्मी रुष्ट हो जाती हैं.
2. खुले बाल– ऐसी मान्यताएं हैं कि तुलसी पूजन के समय महिलाओं को अपने बाल कभी खुले नहीं रखने चाहिए. तुलसी पूजा के समय बालों को बांधकर रखें.
3. तुलसी के पत्ते– यदि आप श्रीकृष्ण को तुलसी के पत्ते अर्पित करना चाहते हैं तो इन्हें नाखून से दबाकर झटके से नहीं तोड़ा चाहिए. सर्वप्रथम तुलसी को प्रणाम करें. इसके बाद कोमलता के साथ इसकी पत्तियां तोड़ें.
4. परिक्रमा– तुलसी पूजा या तुलसी को जल अर्पित करने के बाद इसकी परिक्रमा करना न भूलें. तुलसी पूजा के बाद कम से कम तीन बार इसकी परिक्रमा करना अनिवार्य है.
5. चुनरी– कुछ लोग तुलसी को चुनरी ओढ़ाने के बाद उसे बदलते नहीं हैं, जबकि अन्य देवी-देवताओं की तरह तुलसी के वस्त्र भी बदलने चाहिए. तुलसी को नई चुनरी अर्पित करने के लिए जन्माष्टमी एक बड़ा ही शुभ दिन हो सकता है.
कब है जन्माष्टमी?
भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 06 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 37 मिनट से प्रारंभ होगी और इसका समापन 07 सितंबर को शाम 04 बजकर 14 मिनट पर होगा. ज्योतिषविदों का कहना है कि इस बार जन्माष्टमी 6 और 7 सितंबर 2 दिन मनाई जाएगी. गृहस्थ लोग 6 सितंबर को, जबकि वैष्णु संप्रदाय 7 सितंबर को जन्माष्टमी मनाएगा.
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