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- Tata Sons’ N Chandrasekaran At B20 Summit India 2023, Said India Stands As A Beacon Of Growth To Achieve 7% Growth
नई दिल्ली3 घंटे पहले
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टाटा संस के चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखरन ने शुक्रवार (25 अगस्त) को ‘B20 समिट इंडिया 2023’ में कहा कि भारत 10 साल में 7% की एवरेज ग्रोथ हासिल करने की राह पर है। ग्लोबल वैल्यू चैन में महत्वपूर्ण भूमिका के लिए भारत बहुत अच्छी स्थिति में है। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि भारत की विकास यात्रा ही दुनिया का भविष्य तय करेगी।
नटराजन चंद्रशेखरन ने कहा, ‘भारत में ऐसी कई चीजें हैं जो उसके पक्ष में जाती हैं। PM गति शक्ति, PLI स्कीम्स, कॉर्पोरेट टैक्सों में कटौती, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर और स्टार्टअप्स भारत को G20 देशों के बीच सबसे बेस्ट बनाए रखने में मदद कर रहे हैं। हम सभी स्थिरता और इनोवेशन के लिए प्रतिबद्ध हैं। भारत की विकास यात्रा यानी ग्रोथ जर्नी दुनिया के भविष्य (फ्यूचर) को आकार (शेप) देगी।’
अगले 10 सालों में 7% की एवरेज ग्रोथ हासिल करने की राह पर भारत
चंद्रशेखरन ने कहा, ‘भारत अगले 10 सालों में 7% की एवरेज ग्रोथ हासिल करने की राह पर है। दुनिया तीन महत्वपूर्ण बदलावों डिजिटल और इंटेलिजेंस ट्रांजिशन, एनर्जी ट्रांजिशन और ग्लोबल वैल्यू एंड सप्लाई चैन ट्रांजिशन से गुजर रही है। ग्लोबल वैल्यू चैन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए भारत बहुत अच्छी स्थिति में है। सरकारी रियायतों और टैक्स में कटौती से जी-20 में भारत का कद बढ़ रहा है।’
B20 समिट इंडिया 2023 शुक्रवार को दिल्ली में हुई। दिसंबर 2022 में चंद्रशेखरन को B20 इंडिया का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।
टाटा ग्रुप के चेयरमैन ने आगे कहा, ‘हमारे पास लगभग 110 पॉलिसी एडवोकेसी सेशन हैं। मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि हमारे पास रिकमेंडेशंस यानी सिफारिशों का एक बहुत मजबूत सेट है – 54 रिकमेंडेशंस, 9 टीमों में 172 पॉलिसी एक्शंस।’
उन्होंने कहा, ‘रिकमेंडेशंस पर सबसे पहले जो विषय के रूप में सामने आया वो कॉन्सेप्ट ऑफ इंक्लूजन था, जिसमें फाइनेंस, इक्विटेबल डेवलपमेंट और एजुकेशन तक पहुंच शामिल है। हम जेंडर डायवर्सिटी पर उल्लेखनीय प्रगति देखना चाहते हैं। हमने ग्लोबल रिकवरी के लिए फाइनेंसिंग की सिफारिश की है, MSMEs को सहायता प्रदान की है ताकि वे ग्लोबल ग्रोथ में योगदान दे सकें।’
चंद्रयान-3 की सफलता और ISRO की उपलब्धि पर क्या बोले चंद्रशेखरन?
चंद्रयान-3 की सफलता और ISRO की उपलब्धि का जिक्र करते हुए चंद्रशेखरन ने कहा, ‘चंद्रमा लंबे समय से सिंबल ऑफ एस्पिरेशन यानी आकांक्षा का प्रतीक रहा है। आज हम चंद्रमा को एक अलग रोशनी में देखते हैं।
कई भारतीयों के लिए चंद्रयान 3 की लैंडिंग ने चंद्रमा को केवल एस्पिरेशन का नहीं, बल्कि उपलब्धि का प्रतीक भी बना दिया है। यह हमें दिखाता है कि एक राष्ट्र के रूप में हमने क्या हासिल किया है और हम भविष्य में क्या हासिल करने में सक्षम हैं।’
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