Teachers Day Speech: भारत के उप-राष्ट्रपति, राष्ट्रपति, भारतीय संस्कृति के एक विद्वान राजनयिक, दार्शनिक और शिक्षाविद डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर हर साल 05 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है. उनकी जयंती पर स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है. छात्र अलग-अलग तरीकों से अपने प्रिय शिक्षकों के प्रति अपनी प्रशंसा व्यक्त करते हैं. अगर आप भी अपने स्कूल या कॉलेज या कोचिंग में शिक्षक दिवस पर स्पीच देना चाहते हैं तो यहां बताई बातों का ध्यान रखें, जिनकी मदद से आप प्रभावी भाषण तैयार कर सकते हैं.
शुरुआत अच्छी करें
भाषण की शुरुआत ऐसी होनी चाहिए के हर कोई आपको सुनने को मजबूर हो जाएं और लंबे समय तक उसकी छाप रहे. इसी से श्रोताओं की दिलचस्पी आपको सुनने में बढ़ती है. आप चाहें तो किसी कविता या शायरी से भाषण की शुरुआत कर सकते हैं जैसे, ‘शिक्षा से बड़ा कोई वरदान नहीं है, गुरु का आशीर्वाद मिले, इससे बड़ा कोई सम्मान नहीं.’
सम्मान और प्रेरणा
अपने भाषण की शुरुआत उनके सम्मान और प्रेरणास्त्रोत के साथ करें. शिक्षकों का कठिन काम और उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बात करें. अगर आप चाहते हैं कि आपका भाषण बोरिंग न हो और सभी इसे ध्यान से सुनें, तो अपने श्रोताओं से सीधे जुड़ने का प्रयास करें. इससे सुनने वालों का ध्यान आपकी बातों में बना रहेगा.
शिक्षकों के कुशलता
आप शिक्षकों के शिक्षा क्षेत्र में उनके कुशलता और मास्टरी के बारे में बता सकते हैं. उनके सामर्थ्य को समझें और उन्हें समर्थन दें कि वे अच्छी शिक्षा प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण हैं.
शिक्षा के महत्व
शिक्षकों का समाज में महत्व क्या है, इसके बारे में बताएं. यह बताएं कि शिक्षक आने वाले पीढ़ियों की जिंदगी में कैसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. शिक्षाविद डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के बारे में बता सकते हैं.
शिक्षकों के संघर्ष
शिक्षकों के संघर्षों और चुनौतियों के बारे में भी बताएं. आप अपने किसी शिक्षक के उस समर्थन और मदद के बारे में बता सकते हैं जिसकी आपको बहुत जरूरत थी.
समापन
भाषण के अंत में शिक्षकों का आभार व्यक्त करें कि वे समाज के सीधे रूप से शिक्षा के माध्यम से समृद्धि और सुधार कर रहे हैं.
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