उत्तर प्रदेश के बांदा में अदालत ने हत्या के मामले में फैसला सुनाते हुए दोषी को आजीवन कारवास की सजा सुनाई. 2014 में आरोपी ने पांच हजार रुपये के लिए एक शख्स की गोली मारकर हत्या कर दी थी. कोर्ट का फैसला आने पर पीड़ित परिवार ने कहा कि उनके साथ न्याय हुआ है.
दरअसल, बांदा में जोगिंदर ने पड़ोस के रहने वाले पिंटू उर्फ अवधेश की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस मामले में छाबी तालाब के रहने वाले पिंटू के चाचा राकेश कुमार ने 7 फरवरी 2014 को पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. उन्होंने बताया था कि जोगिंदर ने शाम 7 बजे उसके भतीजे की गोली मारकर हत्या कर दी. भतीजे ने जोगिंदर के भाई वीरेंद्र से पांच हजार रुपये कर्ज लिया था. किसी वजह से वो पैसे नहीं दे पाया था.
घर पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा आरोपी
इससे गुस्साया जोगिंदर घर में आकर मारपीट और हंगामा करता था. वो घर पर कब्जा करने की कोशिश भी कर रहा था. इस वजह से दोनों के बीच काफी विवाद हो गया था. फिर जोगिंदर ने उसकी हत्या कर दी. पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर जांच की और आरोपी पाया.
हत्या के नौ साल बाद आया फैसला
इस मामले में सरकारी अधिवक्ता सुशील तिवारी और श्रवण तिवारी ने बताया कि आरोपी ने 5 हजार रुपये के लेनदेन के विवाद में हत्या की थी. ये वारदात 2014 में थाना कोतवाली नगर में हुई थी. इस केस में ट्रायल के बाद कोर्ट से 9 साल बाद फैसला आया.
अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई. साथ ही 15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. केस की सुनवाई के दौरान पांच जज बदल गए, 60 से 70 तारीखें पड़ीं और आठ गवाह पेश किए गए. कोर्ट से फैसला आने के बाद पीड़ित परिवार ने खुशी जाहिर की. उन्होंने कहा कि अदालत ने उनके साथ न्याय किया है.
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