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नई दिल्ली9 मिनट पहले
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दुनिया के सबसे बड़े इन्वेस्टर वॉरेन बफे आज 93 साल के हो गए हैं। उनका जन्म 30 अगस्त 1930 को अमेरिका के नेब्रास्का में हुआ था। उन्होंने 11 साल की उम्र में पहला शेयर खरीदा और 13 साल की उम्र में उन्होंने पहली बार टैक्स फाइल किया।
फोर्ब्स रियल टाइम बिलियनेयर्स के अनुसार, अभी वह 118.9 बिलियन डॉलर (9.83 लाख करोड़) की नेटवर्थ के साथ दुनिया के पांचवे सबसे अमीर व्यक्ति हैं। वह बर्कशायर हैथवे नाम से अपनी कंपनी चलाते हैं, जिसे फाइनेंशियल ईयर 2023-24 की दूसरी तिमाही में 10.4 बिलियन डॉलर का रिकार्ड ऑपरेटिंग प्रॉफिट हुआ है।
65 साल से पुराने घर में रहते हैं वॉरेन बफे
दुनिया के पांचवे सबसे अमीर व्यक्ति होने के बावजूद भी वॉरेन बफे ओमाहा में 65 साल पुराने घर में रहते हैं, जिसे उन्होंने 31,500 डॉलर में खरीदा था। वह इसे सबसे अच्छे निवेश में से एक मानते हैं। याहू फाइनेंस के मुताबिक, वॉरेन बफे के घर की कीमत 44.44 गुना बढ़कर 1,439,000 मिलियन डॉलर हो गई है।
बफे मानते हैं कि घर उन्हें खुशी देता है, लेकिन किराए पर घर लेना आर्थिक रूप से ज्यादा बेहतर कदम हो सकता है। साल 2009 में BBC को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था,’मैं इससे बेहतर घर की कल्पना नहीं कर सकता हूं। बफे के पोर्टफोलियो में यह एकमात्र अचल संपत्ति है।
₹4.21 लाख करोड़ दान कर चुके हैं वॉरेन बफे
वॉरेन बफे अब तक 51 बिलियन डॉलर (₹4.21 लाख करोड़) दान कर चुके हैं। उन्होंने ज्यादातर दान गेट्स फाउंडेशन और अपने बच्चों को दिया है। बफे ने अपनी 99% से अधिक संपत्ति दान करने का वादा किया है।
2010 में वॉरेन बफे और बिल गेट्स ने मिलकर गिविंग प्लेज लॉन्च किया, जिसमें बिलियनेयर से अपनी संपत्ति का कम से कम आधा हिस्सा धर्म से जुड़े कामों के लिए दान करने के लिए कहा गया है।
एक रिजेक्शन ने वॉरेन बफे की जिंदगी बदली
गर्मियों का मौसम था। यूनिवर्सिटी ऑफ नेब्रास्का से ग्रेजुएशन करने के बाद वॉरेन बफे ने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में एडमिशन के लिए अप्लाई किया। उन्हे बताया गया कि इंटरव्यू शिकागो के करीब एक जगह होगा। वो इंटरव्यू के लिए गए जो करीब 10 मिनट तक चला। उससे कहा गया ‘भूल जाओ… आप हार्वर्ड नहीं जा सकते।’ वो काफी परेशान हो गए और सोचा कि अपने पिता को क्या जवाब देगें?
लेकिन इस रिजेक्शन ने उनकी जिंदगी बदल दी। रिजेक्शन के बाद वो किसी और यूनिवर्सिटी में एडमिशन के बारे में सोचने लगे। तभी कोलंबिया बिजनेस स्कूल के कैटलॉग को देखते हुए उसकी नजर दो प्रोफेसरों के नामों पर पड़ी: बेंजामिन ग्राहम और डेविड डोड। तब उन्होंने ने इन प्रोफेसर्स की लिखी बुक ‘सिक्योरिटी एनालिसिस’ पढ़ी थी। ऐसे में अगस्त के मिड में बफे ने उन प्रोफेसरों को एक पत्र लिखा।
‘डियर प्रोफेसर डोड। मुझे लगा कि आप लोगों की मृत्यु हो चुकी है, लेकिन मुझे पता चला कि आप जीवित हैं और कोलंबिया में पढ़ा रहे हैं। मैं भी कोलंबिया आकर आपसे पढ़ना चाहता हूं।’ इस लेटर के बाद वॉरेन बफे को कोलंबिया बुला लिया गया। आज वह दुनिया का सबसे बड़े निवेशक हैं। बफे को प्रोफेसर ग्राहम ने निवेश के दो नियम सिखाए जिसका वो हमेशा पालन करते हैं।
एटम बम के साथ AI की तुलना
हाल ही में वॉरेन बफे AI की तुलना एटम बम से करते हुए चिंता जता चुकें हैं। उन्होंने दावा किया था कि पुरुषों के सोचने और व्यवहार करने के तरीके को छोड़कर AI दुनिया में सब कुछ बदल सकता है। बफे ने AI के शॉर्ट टर्म बेनिफिट्स के बजाय इसके लॉन्ग टर्म रिजल्ट्स के बारे में सोचने की आवश्यकता पर जोर दिया है।
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