ट्विटर की सबसे बड़ी खूबी थी, उसका ट्विटर होना. यानी, एक ऐसा यूनीक प्लेटफॉर्म जिस पर सीमित शब्दों में सूचनाओं का आदान प्रदान हो. बहस हो. ट्रेंड बने. अपनी क्रिएटिविटी से लोग प्लेटफॉर्म पर अपना सिक्का मनवा रहे थे. लेकिन, जब से एलन मस्क ने इस प्लेटफॉर्म को खरीदा है, इस एप की जिंदगी में भूचाल आ गया है. शॉर्ट मैसेजिंग का यह पब्लिक प्लेटफॉम कई तरह के प्रयोगों का अड्डा बन गया है. मस्क ने सबसे ताजा अनाउंसमेंट किया है X पर ऑडियो और वीडियो कॉलिंग का फीचर शामिल करने को लेकर.
कितनी बड़ी सौगात है X प्लेटफॉर्म पर ऑडियो और वीडियो कॉलिंग फीचर का आना
एलन मस्क ने X पर पोस्ट किया है कि ‘IOS, एंड्रॉयड, मैक और पीसी पर जल्द ही X का ऑडियो और वीडियो कॉलिंग फीचर शुरू होगा. इसके लिए किसी नंबर की जरूरत नहीं होगी. अब X ही दुनिया की ग्लोबल एड्रेस बुक होगा.’ मस्क की इस घोषणा से यूजर्स में अच्छा खासा कौतूहल है. कई लोग उत्साह में कह रहे हैं कि इस फीचर के आने पर वे प्रधानमंत्री मोदी को सीधे कॉल करने के लिए बेताब हैं. तो कोई कह रहा है कि वे X पर अपना पहला कॉल एलन मस्क को ही लगाएंगे. इन प्रतिक्रियाओं से ही ये सवाल उठता है कि X पर कॉलिंग का यह फीचर क्या इतना ही सपाट होगा? किसी को कॉल लगाने के लिए यदि उसका अकाउंट ही एड्रेस होगा, तो यह तो बहुत बड़ी परेशानी बन जाएगा. मोदी को तो कई मिलियन लोग फॉलो करते हैं. क्या ये सभी मोदी को कॉल कर सकेंगे? कॉल करने वालों को कैसे फिल्टर किया जा सकेगा? एक सवाल यह भी हो रहा है कि कॉलिंग का यह फीचर क्या सिर्फ X के ब्लूटिक अकाउंट (सब्सक्राइब्ड अकाउंट) वालों को ही मिलेगा या सभी यूजर्स को? यदि ब्लूटिक अकाउंट वालों को भी यह सुविधा मिलती है, तो भी यह आंकड़ा कम नहीं है. वैसे, इस फीचर पर सवाल इसलिए भी उठ रहा है कि फेसबुक पर यह कॉलिंग फीचर पहले से मौजूद है, एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट वालों को ऑडियो और वीडियो कॉल किया जा सकता है, तो फिर ट्विटर पर कॉलिंग के फीचर में क्या खास होगा?
यदि X पर कॉलिंग फीचर जोड़ने को यह मान लिया जाए कि इस फीचर के आने से इस प्लेटफॉर्म को और पूर्णता मिलेगी, तो यह भी सोचा जाना चाहिए कि क्या इसके यूजर्स को ये चाहिए भी? एलन मस्क ने पिछले कुछ समय में ट्विटर का नाम ही नहीं बदला है, उसकी कई खूबियों को भी हल्का किया है. शॉर्ट मैसेजिंग वाला यह एप अब अपने ही फीचर्स के बोझ तले दबा हुआ दिख रहा है. ‘लंबे मैसेज’ और ‘लंबे वीडियो’ को X पर जगह देने को लेकर बहस होती रही है. एक यूजर जितनी तेजी से पहले एक पोस्ट से दूसरी पोस्ट पर जाता था, अब नहीं जा पाता. कई बार लंबी उबाऊ पोस्ट, उसके लिए मजबूरी बन रही हैं. ट्विटर को लोगों ने ब्लॉग पोस्ट पढ़ने के लिए ज्वाइन नहीं किया था.
सब्सक्रिप्शन मॉडल को लेकर भी कई सवाल हो रहे हैं. बेशक ट्विटर के पिछले मालिकान ने कुछ मामलों में भेदभाव बरतते हुए कुछ यूजर्स को ब्लूटिक दिए और छीने थे. लेकिन, अब तो पैसा देकर कई नाहक यूजर्स ब्लूटिक ले रहे हैं, और कई उपयोगी और योग्य अकाउंट पैसे की कमी के कारण ब्लूटिक से वंचित हैं. खैर, दोबारा लौटते हैं X को लेकर मस्क के मंसूबों पर. वे इस प्लेटफॉर्म को बाजार बना देना चाहते हैं. कॉलिंग के बाद हो सकता है कि वे यहां पर पेमेंट करने के ऑप्शन देने लगें. आप X पर अपना डेबिट या क्रेडिट कार्ड जोड़कर पैसे का लेन-देन करने लगें. मस्क ने फिलहाल कुछ कंटेंट प्रोवाइडर्स को पैसा देना शुरू कर दिया है. फॉक्स न्यूज के जाने माने होस्ट टकर कॉर्ल्सन ने तो चैनल छोड़कर अब X पर ही एक्सक्लूसिव शो शुरू किया है. इस मॉडल की खासियत को आप इसी से समझ सकते हैं कि राष्ट्रपति चुनाव को लेकर होने वाली बहस अकसर CNN, Fox, MSNBC जैसे चैनलों पर आयोजित होती थीं. लेकिन, ऐसा पहली बार हुआ जब रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने ट्विटर पर टकर कॉर्ल्सन को एक्सक्लूसिव इंटरव्यू दिया. यानी, मस्क धीरे धीरे X को सोशल मीडिया से निकालकर एक मेनस्ट्रीम मीडिया का हिस्सा बनाना चाहते हैं. जहां लोग बातें करें, सामान खरीदें बेचें, और मीडिया देखें और शेयर करें. जिस बात की कमी थी, वो कॉलिंग फीचर जोड़ने के साथ पूरी की जा रही है.
सवाल ये है कि इतना सब होने के बाद आखिर X की पहचान क्या होगी? ट्विटर या X, जो भी कह लें, अब ये वो नहीं रहेगा जो इसकी पहचान रही है. मस्क कुछ कुछ उसी दिशा में बढ़ रहे हैं जहां फेसबुक के फाउंडर मार्क जकरबर्ग मेटा को ले गए हैं. प्रयोगों की झड़ी लगाने के बाद अब उन्हें भी समझ नहीं आ रहा है कि मेटा का करें क्या??
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