उत्तर प्रदेश के वाराणसी में इस बार रक्षाबंधन के त्योहार पर बाजार में ‘योगी-मोदी’ के साथ ही ‘चंद्रयान-3’ राखी की भी धूम है. यहां की बहनों का कहना है कि इस बार रक्षाबंधन का पर्व इसरो (ISRO) के वैज्ञानिक भाइयों को समर्पित किया है. इसके लिए अपने भाइयों की कलाई पर ‘चंद्रयान-3 राखी’ बांधेगी और ISRO को धन्यवाद भी देंगी.
दरअसल, रक्षाबंधन को भाई-बहन के प्यार का त्योहार कहा जाता है. इसमें बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षासूत्र यानी राखी बांधकर रक्षा का संकल्प दिलाती हैं. इस बार इस त्योहार में चंद्रयान-3 की सफलता की भी एंट्री हो गई है.
रक्षाबंधन ISRO के वैज्ञानिकों को समर्पित
वाराणसी में बहनें न केवल बाजार में आई ‘चंद्रयान-3 राखी’ को बड़े चाव से खरीद रही हैं, बल्कि यह भी बता रही हैं कि इस बार रक्षाबंधन का पर्व ISRO के वैज्ञानिकों को समर्पित करेंगी. वाराणसी के दालमंडी इलाके में लगे राखी बाजार से खरीदारी करने वाली एक बहन ने बताया कि इस बार रक्षाबंधन और देश के गौरव चंद्रयान-3 की सफलता को एक साथ सेलिब्रेट करेंगी.
चंद्रयान-3 मिशन की सफलता गौरव की बात
वहीं, एक अन्य बहन ने कहा कि वो ISRO के भाइयों को धन्यवाद देती है. उन्होंने हम भारतीयों को गौरवान्वित महसूस कराया है. ‘चंद्रयान-3 राखी’ न केवल चंद्रयान-3 को समर्पित है, बल्कि हमारे उन भाइयों के लिए भी है, जो इस मिशन में लगे थे. चंद्रयान-3 मिशन की सफलता हमारे लिए गौरव की बात है.
भाइयों की कलाई पर बांधेंगे ‘चंद्रयान-3 राखी’
एक युवती ने कहा कि वो अपने भाइयों की कलाई पर ‘चंद्रयान-3 राखी’ बांधकर रक्षाबंधन का पर्व मनाएगी. एक राखी दुकानदार ने कहा कि उनकी तरफ से हर बार कोशिश होती है कि बाजार में कुछ नया लाया जाए. इस बार तो चंद्रयान-3 की वजह से चारों ओर गौरव का माहौल है.
‘चंद्रयान-3 राखी’ की कीमत मात्र ₹20
दुकानदार ने आगे कहा कि इससे अच्छा और कोई मौका नहीं हो सकता कि बहनें अपने भाइयों की कलाई पर ‘चंद्रयान-3 राखी’ बांधें. इसीलिए ‘मोदी-योगी राखी’ के बाद सबसे ज्यादा डिमांड चंद्रयान-3 वाली राखियों की है. इसकी खरीदारी न केवल बनारस, बल्कि पूरे पूर्वांचल की बहनें कर रही हैं. इसकी कीमत मात्र 20 रुपये ही है.
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