केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने शनिवार को आदित्य-एल1 के सफल प्रक्षेपण की सराहना की और बताया कि गगनयान का अगला परीक्षण अक्टूबर में हो सकता है. आदित्य एल1 के लॉन्च को भारत के लिए एक सुखद क्षण बताते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि यह इसलिए संभव हो पाया है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीहरिकोटा के दरवाजे खोल दिए हैं.
गगनयान की परीक्षण उड़ान अक्टूबर में
उन्होंने कहा, ‘यह भारत के लिए एक सुखद क्षण है। और दूसरी बात, चंद्रयान की तरह, यहां भी पूरा देश शामिल था. और यह संभव हो पाया है क्योंकि प्रधान मंत्री मोदी ने श्रीहरिकोटा के द्वार खोल दिए हैं. वह इन सभी हितधारकों को एक साथ लाए हैं और उन्हें एहसास कराया कि यह मिशन पूरे भारत का है. मुझे लगता है कि अगली गगनयान की पहली परीक्षण उड़ान होगी, जो अक्टूबर महीने में हो सकती है. यानी अगले महीने ही.’
2024 तक भेजा जाएगा चालक दल
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री इसी साल लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया था, ‘पहला परीक्षण यान मिशन (Test Vehicle), TV-D1, 2023 में योजनाबद्ध है. इसके बाद दूसरा परीक्षण यान TV-D2 मिशन और 2024 की पहली तिमाही में होगा, जो गगनयान (LVM3-G1) का पहला मानव रहित मिशन है.’
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा था, ‘अगली योजना, रोबोटिक पेलोड के साथ टेस्ट व्हीकल मिशन (TV-D3 और D4) और LVM3-G2 मिशन की बनाई गई है. सफल परीक्षण यान और चालक दल मिशनों के परिणामों के आधार पर 2024 के अंत तक चालक दल मिशन भेजने की योजना बनाई गई है.’
क्या है गगनयान मिशन
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने पिछले साल ही गगनयान प्रोजेक्ट के लिए 10 हजार करोड़ रुपए जारी किए थे. यह भारत का इकलौता अंतरिक्ष मिशन है. गगनयान स्पेस फ्लाइट मिशन के तहत अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस में भेजा जाएगा. गगनयान मिशन के तहत ISRO अंतरिक्षयात्रियों को पृथ्वी से 400 किमी ऊपर अंतरिक्ष में यात्रा कराएगा. इस मिशन के लिए ISRO ने भारतीय वायुसेना से अंतरिक्षयात्री चुनने के लिए कहा था.
कैसा होगा गगनयान मिशन
गगनयान की लॉन्चिंग में मानवरहित यान को रॉकेट के जरिए अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. सारे सिस्टम्स की जांच की जाएगी. रिकवरी सिस्टम और टीम की तैयारियों की जांच होगी. इस मिशन में भारतीय नौसेना और कोस्ट गार्ड भी शामिल हैं.
अगले साल के शुरुआती महीनों में गगनयान के जरिए व्योममित्र (Vyommitra) रोबोट को भेजा जाएगा. ISRO ने व्योममित्र महिला ह्यूमेनॉयड रोबोट को 24 जनवरी 2020 को पेश किया था. इस रोबोट को बनाने का मकसद देश के पहले मानव मिशन गगनयान के क्रू मॉड्यूल में भेजकर अंतरिक्ष में इंसानी शरीर की हरकतों को समझना. यह फिलहाल बेंगलुरु में है. इसे दुनिया की बेस्ट स्पेस एक्सप्लोरर ह्यूमेनॉयड रोबोट का खिताब मिल चुका है.
व्योममित्र रोबोट इंसानों की तरह काम करती है. वह गगनयान के क्रू मॉड्यूल में लगे रीडिंग पैनल को पढ़ेगी. साथ ही ग्राउंड स्टेशन पर मौजूद वैज्ञानिकों से बातचीत करती रहेगी. इस मानवरहित मिशन के जो परिणाम आएंगे, इसके बाद एक और मानवरहित लॉन्च होगा. तीसरी लॉन्चिंग में भारतीय एस्ट्रोनॉट्स को अंतरिक्ष की यात्रा पर भेजा जाएगा.
सात दिन के बजाय 1 या 3 दिन धरती का चक्कर लगाएगा गगनयान
इसरो की पहले योजना थी कि वो अपने ह्यूमन स्पेसफ्लाइट मिशन (First Human Spaceflight Mission) के दौरान गगनयान (Gaganyaan) से भारतीय अंतरिक्षयात्रियों को धरती के चारों तरफ सात दिन चक्कर लगवाएंगे. लेकिन अब स्थितियों के मुताबिक गगनयान को सिर्फ एक या तीन दिन के लिए धरती के चारों तरफ चक्कर लगाने के लिए लॉन्च किया जाएगा.
इस मिशन में डेवलपमेंट हो रहे हैं. कई बार कमियां भी मिलती हैं, उन्हें ठीक किया जाता है. ये भी हो सकता है कि इस मिशन में तीन के बजाय दो या एक ही अंतरिक्षयात्री जाए. गगनयान के क्रू मॉड्यूल को धरती से 400 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित लोअर अर्थ ऑर्बिट में चक्कर लगाने के लिए भेजा जाएगा.
मिशन में गलती की गुंजाइश नहीं
यह मिशन ऐसा है कि इसमें कोई गलती स्वीकार नहीं की जा सकती. क्योंकि भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के काबिल पायलटों को इसमें भेजा जाएगा. उनकी जान कीमती है. उन्हें भेजने से पहले इस मिशन के कई परीक्षण होंगे. अगले साल लॉन्चिंग की तैयारी है लेकिन यह आगे-पीछे हो सकता है.
आदित्य एल 1 की शनिवार को हुई थी लॉन्चिंग
शनिवार को ही ISRO अपने पहले सूर्य मिशन PSLV-C57/Aditya-L1 मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया. लॉन्चिंग श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर के दूसरे लॉन्च पैड से 2 सितंबर 2023 को 11:50 बजे की गई. यह लॉन्चिंग पीएसएलवी-एक्सएल रॉकेट से की गई है. इस रॉकेट की यह 25वीं उड़ान थी.आदित्य-एल1 सूर्य के व्यापक अध्ययन के लिए समर्पित एक उपग्रह है, जो सूर्य के बारे में अज्ञात तथ्यों का पता लगाएगा.
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