विश्व के सबसे बड़े चावल निर्यातक देश भारत के चावल निर्यात पर प्रतिबंध से कई देशों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. पिछले हफ्ते ही यह खबर आई थी कि सिंगापुर, इंडोनेशिया और फिलीपींस ने भारत से अपील की है कि उन्हें चावल निर्यात प्रतिबंध में छूट दी जाए. अब भारत ने सिंगापुर को चावल निर्यात की अनुमति देने का फैसला किया है.
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि सिंगापुर के साथ विशेष संबंधों को देखते हुए भारत ने उसकी खाद्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए चावल निर्यात की अनुमति देने का फैसला किया है.
मंगलवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने मीडिया के एक सवाल के जवाब में कहा, ‘भारत और सिंगापुर के बीच एक बेहद करीबी रणनीतिक साझेदारी है जो साझा हितों, आर्थिक संबंधों और दोनों देशों के लोगों के बीच जुड़ाव की विशेषता है. इस विशेष रिश्ते को देखते हुए भारत ने सिंगापुर की खाद्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए चावल निर्यात की अनुमति देने का फैसला किया है.’
बागची ने कहा कि इस संबंध में औपचारिक आदेश जल्द ही जारी किया जाएगा.
मोदी सरकार ने घरेलू कीमतों पर अंकुश लगाने और घरेलू खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 20 जुलाई से गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. यह प्रतिबंध बासमती चावल और उबले चावल पर नहीं था.
लेकिन अब सरकार ने बासमती चावल के निर्यात पर भी कुछ पाबंदियां लगा दी हैं. 27 अगस्त को सरकार ने कहा कि 1200 डॉलर प्रति टन वाले बासमती चावल को निर्यात की अनुमति नहीं दी जाएगी.
बीते रविवार को सरकार ने कहा कि उसे गैर-बासमती सफेद के अवैध निर्यात को लेकर कई रिपोर्टें मिली हैं. सरकार ने कहा कि गैर-बासमती चावल का गलत वर्गीकरण कर उसे विदेश भेजा जा रहा है.
सरकार ने एक बयान में कहा, ‘हमें यह बताया गया है कि गैर-बासमती सफेद चावल को उबले हुए चावल और बासमती चावल के एचएस कोड के तहत निर्यात किया जा रहा है.’
चावल निर्यात प्रतिबंध से भारतीय चावल पर निर्भर देशों की हालत खराब
जुलाई में जब यह खबर आई कि भारत सरकार ने गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा आदि देशों में लोग चावल की पैनिक खरीददारी करने लगे. लोगों में यह बात फैल गई कि जल्द ही चावल महंगा हो जाएगा. इस वजह से लोग सुपरस्टोर्स और दुकानों से एक साथ कई पैकेट चावल खरीदकर स्टोर करने लगे.
अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा से सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो वायरल हुए जिसमें लोग चावल की खरीददारी के लिए लंबी लाइनों में खड़े दिखे. इसे देखते हुए दुकानों ने चावल खरीद की सीमा भी तय कर दी थी.
जरूरतमंद देशों की मदद कर रहा भारत
गैर-बासमती सफेद चावल पर प्रतिबंध से वैश्विक स्तर पर चावल की कीमतें काफी बढ़ गई हैं. कई देशों में चावल की किल्लत हो गई है और वो चावल की महंगाई को लेकर बेहद परेशान हैं. सिंगापुर, इंडोनेशिया और फिलीपींस की तरह ही भूटान और मॉरीशस ने भी भारत से आग्रह किया था कि वो उसे निर्यात प्रतिबंध में छूट दे. अगस्त की शुरुआत में भूटान ने भारत से 90 हजार चन चावल के लिए अनुरोध किया था.
इसके बाद बीते हफ्ते ही यह खबर आई कि भारत भूटान को गैर-बासमती सफेद चावल का निर्यात करेगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत मानवीय मदद के रूप में भूटान को 79,000 टन गैर-बासमती सफेद चावल का निर्यात करेगा. यह भी कहा गया कि भारत मॉरीशस को 14,000 टन गैर-बासमती सफेद चावल भेजेगा. चावल का सबसे बड़ा निर्यातक भारत लगभग 125 देशों को चावल का निर्यात करता है.
www.aajtak.in
Source link