इंडिया टुडे ग्रुप का किसान तक चैनल छ्त्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में ‘किसान तक समिट’ आयोजित कर रहा है. इस समिट में फसलों के उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ किसानों की आय इजाफा करने के तरीकों पर विस्तार से बातचीत हुई. इस दौरानम केंद्र सरकार से एमएसपी बढ़ाने की भी मांग उठी . इसके दूसरे सेशन में ‘विविधता में एकता’ विषय पर चर्चा के दौरान डॉ. विवेक त्रिपाठी, डायरेक्टर, रिसर्च सर्विसेज ने कहा कि हम वैज्ञानिकों की मांग है कि सरकार कम से कम 25 प्रतिशत तक फसलों की एमएसपी बढ़ाए क्योंकि किसानों को अभी उनकी उपज पर कम पैसे मिल रहे हैं.
किसानों के लिए कितना फायदेमंद क्रॉप डाक्टर ऐप
डॉ. विवेक त्रिपाठी (डायरेक्टर, रिसर्च सर्विसेज) ने इस दौरान उनकी टीम द्वारा हाल ही में लॉन्च किए गए क्रॉप डाक्टर ऐप के बारे में भी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इसके लिए भारत सरकार ने इसके लिए हमें गोल्ड मेडल दिया है. क्रॉप डाक्टर का प्रयेाग छत्तीसगढ़ के 6 लाख किसान कर रहे हैं. इस ऐप के जरिए किसान 50 फसलों के बारे में जानकारी ले सकते हैं. अपनी फसल की तस्वीर खींच कर किसान उसकी बीमारी के इलाज के लिए सलाह ले सकते हैं.
लंपी वायरस से निपटना अभी भी बड़ा चैलेंज
इसी सेशन ‘विविधता में एकता’ चंदन त्रिपाठी, डायरेक्टर, राज्य के वेटनरी और कृषि विभाग ने भी हिस्सा लिया. उन्होंने कहा कि गौठान योजना से पशुपालकों को बहुत लाभ मिला है. इसमें पशुओं के वैक्सीनेशन पर सबसे अधिक फोकस है. इसमें 92 लाख वैक्सीनेशन किया जा चुका है. गर्माधान में सुधार लाने पर काम हो रहा है. पशुओं के दूध की मात्रा बढ़ाने पर जोर है ताकि छह से सात लीटर तक एक पशु से दूध मिल सके. इसके अलावा उन्होंने आगे कहा कि लंपी बीमारी अभी बड़ा चैलेंज है जिस पर छत्तीसगढ़ में बड़ा काम हो रहा है. मुख्यमंत्री के निर्देश पर बड़ी कार्ययोजना पर काम हो रहा है. लंपी यानी कि एलएसडी से निपटने के लिए बड़े स्तर पर काम हो रहा है. इसमें यह भी ध्यान दिया जा रहा है कि पशु व्यापार पर कोई असर नहीं पड़े. चंदन त्रिपाठी ने कहा, पशुधन से किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने पर काम हो रहा है.
बागवानी फसलों की खेती में भी हुआ इजाफा
किसान समिट में आर. स कुरील (वीसी, महात्मा गांधी बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय) भी शामिल हुए. उन्होंने बताया कि किसान धान की खेती पर अधिक ध्यान देते, लेकिन पिछले 10 वर्षों में बागवानी का क्षेत्र दोगुना से भी अधिक हो गया है. फिलहाल, राज्य में 11 लाख 40 हजार हेक्टेयर में बागवानी की फसल लगाई गई है. बागवानी को बढ़ावा देने के लिए हाल-फिलहाल में कई योजनाएं लागू की गईं हैं. इसके अलावा सब्जी के सेल्फ लाइफ को बढ़ाने और उसके प्रोसेसिंग पर भी हम ध्यान दे रहे हैं.
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