टोयोटा की मशहूर एमपीवी Innova का नया अवतार जल्द लॉन्च होने वाला है. इस नई इनोवा को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी लॉन्च करेंगे. ये नई Toyota Innova रेगुलर पेट्रोल के बजाया प्योर ईथेनॉल (Ethanol) पर दौड़ेगी. नितिन गडकरी ने कहा कि, वो आगामी 29 अगस्त को 100 प्रतिशत इथेनॉल पर चलने वाली नई इनोवा कार को लॉन्च करेंगे. केंद्रीय मंत्री लंबे समय से वाहन निर्माताओं को पारंपरित फ्यूल के बजाया दूसरे ईंधन विकल्पों और ग्रीन मोबिलिटी की तरफ रूख करने की बात कर रहे हैं.
पिछले साल नितिन गडकरी ने हाइड्रोजन पावर्ड Toyota Mirai कार को लॉन्च किया था. मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि जैव ईंधन (Bio Fuel) चमत्कार कर सकता है और पेट्रोलियम के आयात पर खर्च होने वाली बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा बचा सकता है. “अगर हम आत्मनिर्भर बनना चाहते हैं तो हमें इस तेल आयात पर खर्च होने वाली रकम को शून्य करना होगा, जो कि वर्तमान में 16 लाख करोड़ के आसपास है. यह अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा नुकसान है.”
ईथेनॉल फ्यूल का फायदा:
ईथेनॉल फ्यूल का इस्तेमाल न केवल पर्यावरण को फायदा होगा बल्कि ड्राइविंग के लिए लोगों के जेब पर पड़ने वाला बोझ भी कम होगा. इस समय देश के कई हिस्सों में पेट्रोल-डीजल की कीमत तकरीबन 100 रुपये के आस-पास है, जबकि इथेनॉल की कीमत (Ethanol Price) अभी मात्र 63 रुपये से लेकर 65 रुपये प्रति लीटर है. इस तरह यह पारंपरिक ईंधनों डीजल और पेट्रोल से प्रति लीटर करीब 40 रुपये सस्ता है. यह पेट्रोल के मुकाबले 50 फीसदी तक कम प्रदूषण फैलाता है. हालांकि इथेनॉल यूज करने पर माइलेज (Ethanol Mileage) पेट्रोल की तुलना में कुछ कम हो जाती है, लेकिन इसके बावजूद भारी बचत होती है.
प्रधानमंत्री ने लॉन्च किया था E20 फ्यूल:
ईथेनॉल के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है. हालांकि नितिन गडकरी जो कार लॉन्च करने जा रहे हैं वो 100 प्रतिशत ईथेनॉल पर चलेगी. लेकिन बीते दिनों प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने बेंगलुरु में E20 फ्यूल लॉन्च किया था, जो कि 20% इथेनॉल के साथ आने वाला मिक्स पेट्रोल है. “E20” 20 प्रतिशत इथेनॉल और 80 प्रतिशत पेट्रोल मिश्रण को इंगित करता है. “E20” में संख्या “20” पेट्रोल मिश्रण में इथेनॉल के अनुपात को दर्शाती है.
उस वक्त प्रधानमंत्री ने कहा था कि, “आज भारत विंड पावर कैपेसिटी के मामले में दुनिया में चौथे नंबर पर है. हम इस दशक के अंत तक 50 परसेंट नॉन फॉसिल फ्यूल कैपेसिटी का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं. बीते 9 वर्षों में पेट्रोल में इथेनॉल ब्लेंडिंग को हम डेढ़ परसेंट से बढ़ाकर 10 प्रतिशत कर चुके हैं. अब हम 20 प्रतिशत इथेनॉल ब्लेंडिंग के लक्ष्य की तरफ आगे बढ़ रहे हैं.”
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