मध्य प्रदेश की नरसिंगपुर पुलिस ने जेल में बंद आरोपी को छुड़ाने के मामले का बड़ा खुलासा किया है. पुलिस ने बताया कि पूरी घटना साजिश के तहत हुई थी ताकि जेल में बंद दो लोगों को छुड़ाने के लिए पिछले केश के पीड़ित लोगों पर राजीनामा करने दबाब बनाया जा सके. जिस ललित जाटव को गोली लगी थी उसका पहले दोस्तों ने ही इंजेक्शन लगवाकर पैर सुन्न करवाया और फिर एक दोस्त ने गोली मारी.
पुलिस ने बताया कि जब आकाश से इस मामले की जानकारी जुटाई गई तो उसने बताया कि आकाश जाटव, हीरालाल पाली, ललित जाटव और संजू पाली ने योजना बनाई थी कि जेल में बंद राजू पाली और दीपक पाली को जेल से बाहर निकालने के लिए फर्जी गोली कांड करेंगे और सोमू यादव और अभिषेक यादव को इस मामले में फंसा देंगे. जिससे वह राजीनामा कर लेंगे और जेल में बंद राजू और दीपक बाहर आ जाएंगे.
साथियों को छुड़ाने के लिए रची गई थी साजिश
एसपी ने बताया कि साजिश में तय किया गया कि ललित का पैर सुन्न कराकर गोली मारेंगे और सभी सिंहपुर रोड की ओर आए. आकाश पटेल व संजू यादव इंजेक्शन लगानें के लिए कंपाउडर मनोज लोधी को लाए जिसे ललित को इंजेक्शन लगाया उसके बाद आकाश जाटव ने कार में बैठकर ललित की बायीं जांघ पर गोली मारी. उसे समझाया कि तुम संतोष यादव के रिश्तेदार व सोमू व अभिषेक का नाम लिखवा देना. गोली लगने के बाद ललित पैर में कपड़ा बांधकर अपनी बाइक से नरसिंहपुर तरफ आने लगा और फिर योजना अनुसार रास्ते में गिर पड़ा. जिसे अस्पताल लाया गया तो उसने तय योजना अनुसार झूठी रिपोर्ट दर्ज करा दी.
पुलिस इस मामले की गहराई से जांच में जुटी
पुलिस ने बताया कि मामले में आकाश चौधरी, संजय यादव, मनोज लोधी को पकड़ लिया है. ललित का जबलपुर में इलाज चल रहा है जबकि आकाश जाटव, आकाश पटेल व राकेश पाली की तलाश हो रही है. दो आरोपित राजू पाली व दीपक पाली जेल में निरुद्ध हैं.
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