16 घंटे पहलेलेखक: सत्यम सिंघई
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कीनू रीव्स आज हॉलीवुड के सबसे बड़े एक्शन एंटरटेनर में से एक हैं। उन्होंने स्पीड, मैट्रिक्स जैसी सुपरहिट फिल्मों में काम किया। उन्हें ज्यादातर लोग उनकी फिल्म जॉन विक के लिए जानते हैं। हालांकि, जॉन विक, जिसके अब तक चार पार्ट्स बनाए जा चुके हैं, का मूल नाम जॉन विक नहीं था।
मेकर्स ने फिल्म को Scorn टाइटल दिया था, लेकिन फिल्म की मेकिंग के दौरान जॉन विक का किरदार काफी पॉपुलर हो गया। इसके बाद कीनू रीव्स के कहने पर फिल्म का नाम Scorn से बदलकर जॉन विक कर दिया गया।
आज कीनू रीव्स के 60वें जन्मदिन पर जानते हैं , उनसे जुड़े कुछ ऐसे ही दिलचस्प किस्से
ड्रग एडिक्ट थे पिता, मां के साथ करते थे मारपीट
कीनू रीव्स का जन्म 2 सिंतबर 1964 को लेबनान के बेरूत में हुआ। उनके पिता सैमुअल नॉलिन रीव्स जूनियर एक जियोलोजिस्ट थे, वह मूल रूप से हवाई के रहने वाले थे। उनकी मां पैट्रिसिया टेलर ब्रिटेन से हैं और पेशे से एक फैशन डिजाइनर हैं।
रीव्स को बचपन से ही बहुत सी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। उनके जन्म के बाद पेरेंट्स सिडनी, ऑस्ट्रेलिया में रहने लगे। रीव्स के पिता ड्रग एडिक्ट थे, वे आए दिन उनकी मां और उनके साथ मारपीट करते थे। कभी-कभी झगड़ा इतना बढ़ जाता था कि रीव्स और उनकी मां को कार में रात गुजारनी पड़ती। रीव्स जब मात्र तीन साल के थे, तब उनकी मां ने पिता से तलाक ले लिया और न्यूयॉर्क शिफ्ट हो गईं। उनके पिता भी हवाई लौट गए।
पिता को हो गई जेल, मां ने कर ली दूसरी शादी
1994 में कीनू के पिता को दस साल जेल की सजा सुना दी गई। कीनू आखिरी बार जब अपने पिता से मिले तो मात्र 13 साल के थे। साल 2018 में 75 साल की उम्र में उनके पिता की मौत हो गई।
न्यूयॉर्क में रीव्स की मां ने स्टेज शो डायरेक्टर पॉल आरोन से शादी कर ली। इसके बाद रीव्स का परिवार टोंरटो, कनाडा शिफ्ट हो गया। जहां उन्हें कनाडा की नागरिकता मिली। हालांकि टेलर और आरोन की शादी एक साल भी नहीं चली और वे दोनों अलग हो गए। इसके बाद टेलर कुछ और रिलेशनशिप्स में रहीं बाद में उन्होंने रॉबर्ट मिलर से शादी कर ली।
डिस्लेक्सिया से पीड़ित थे कीनू रीव्स
कीनू रीव्स बचपन में डिस्लेक्सिया से पीड़ित थे। जिसके चलते उन्हें चीजों को सीखने में आम बच्चों से ज्यादा समय लगता था, इसलिए उनकी पढ़ाई में ज्यादा रुचि नहीं थी। उनका मन स्पोर्ट्स में लगता था। कीनू आइस हॉकी खेलते थे। वे एक अच्छे गोलकीपर थे, इसलिए उन्हें टीम मेंबर्स The Wall के नाम से बुलाते थे।
एक्टिंग सीखते हुए घर खर्च उठाने के लिए करते थे मामूली नौकरी
हॉकी छोड़ने के बाद रीव्स का मन थियेटर में लगने लगा। एक्टिंग सीखने के लिए रीव्स ने 17 साल की उम्र में घर छोड़ दिया। उन्होंने टोरंटो स्कूल ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स में एडमिशन लिया और साथ में पार्ट टाइम जॉब करने लगे।
कीनू को पहला बड़ा ब्रेक 1986 में कनाडाई फिल्म ‘यंगब्लड’ से मिला। इस फिल्म में उन्होंने आइस हॉकी टीम के गोलकीपर का रोल निभाया। इस फिल्म के बाद रीव्स अपने सौतेले पिता पॉल आरोन की मदद से हॉलीवुड में मौका तलाशने US चले गए।
लुक के चलते रिजेक्ट हुए, फिर पहचान छिपाने के लिए बदल लिया नाम
USमें भी कीनू का सफर आसान नहीं रहा। उन्होंने कई ऑडिशन दिए लेकिन नॉन अमेरिकन लुक्स की वजह से उन्हें कई बार रिजेक्ट कर दिया गया। कनाडियन पहचान छिपाकर काम ढूंढने के लिए कीनू रीव्स ने अपना नाम बदलकर केसी रीव्स कर लिया।
लंबे स्ट्रगल के बाद कीनू रीव्स को हॉलीवुड में साइड रोल मिलने लगे। 1986 की ‘रिवर्स ऐज’ और 1989 की ‘बिल एंड टेड्स एक्सिलेंट एडवेंचर’ से कीनू रीव्स को तारीफ तो मिली लेकिन अभी भी वो अपने आप को एक हीरो के तौर पर स्थापित नहीं कर पाए थे।
फिल्म पॉइंट ब्रेक से मिली हॉलीवुड में पहचान
1991 में कैथरीन बिगेलो की फिल्म ‘पॉइंट ब्रेक’ ने कीनू रीव्स के स्ट्रगल को स्टारडम में बदल कर रख दिया। इस फिल्म में रीव्स ने एक FBI एजेंट का रोल प्ले किया। उनके स्टंट और एक्शन सीन्स की तारीफ आज भी की जाती है।
हालांकि पॉइंट ब्रेक के मेकर्स लीड रोल के लिए कीनू रीव्स को लेकर कॉन्फिडेंट नहीं थे। फिल्म के को-राइटर जेम्स कैमरून ने यह बात एक मैगजीन को दिए एक इंटरव्यू में कही। कैमरून बताते हैं कि कैथरीन कीनू रीव्स की कास्टिंग के लिए मेकर्स और पूरी टीम से भिड़ गईं। उन्होंने ना सिर्फ रीव्स को लीड रोल के लिए फाइनल किया, बल्कि कैरेक्टर के लिए उनकी ट्रेनिंग कोच के रूप में भी काम किया।
स्पीड 2 के लिए मना किया तो स्टूडियो ने 14 सालों तक ब्लैकलिस्टेड रखा
‘पॉइंट ब्रेक’ में कीनू रीव्स की परफॉर्मेंस देखने के बाद मेकर्स ने उन्हें फिल्म स्पीड के लिए अप्रोच किया। इस फिल्म में रीव्स ने पुलिस ऑफिसर का किरदार निभाया है, जो एक तेज रफ्तार बस को ब्लास्ट होने से बचाता है। स्पीड दर्शकों को बेहद पसंद आई।
इस फिल्म से ना सिर्फ कीनू रीव्स को बल्कि फिल्म के मेकर्स को भी फायदा हुआ। फिल्म मात्र तीस मिलियन डॉलर में बनाई गई थी और इसकी कुल कमाई करीब 350 मिलियन डॉलर रही। सक्सेस देखते हुए फिल्म के निर्माता फॉक्स स्टूडियो ने फिल्म का सीक्वल अनाउंस किया। इस बार फिल्म का प्लॉट एक क्रूज पर बेस्ड था। इसकी स्टोरी कीनू रीव्स को सुनाई गई। रीव्स को स्टोरी पसंद नहीं आई और उन्होंने फिल्म करने से मना कर दिया।
साल 1997 में स्पीड का सीक्वल स्पीड 2 के नाम से रिलीज किया गया। फिल्म में रिव्स की जगह जेसन पैट्रिक को लीड रोल में कास्ट किया गया। फिल्म फ्लॉप साबित हुई।
स्पीड के सीक्वल के लिए मना करने के बाद फॉक्स स्टूडियो ने कीनू रीव्स को ब्लैकलिस्टेड कर दिया। करीब 14 साल तक रीव्स ने फॉक्स स्टुडियो की किसी भी फिल्म में काम नहीं किया। साल 2008 में फिल्म द डे द अर्थ स्टुड स्टिल से रीव्स ने फॉक्स स्टूडियो के साथ वापसी की।
फिल्म मैट्रिक्स आज भी है बेस्ट साइंस फिक्शन फिल्म्स में शामिल
फॉक्स स्टूडियो से बैन का रीव्स पर कोई खास असर नहीं पड़ा। 1999 में आई फिल्म मैट्रिक्स के साथ रीव्स ने अपने स्टारडम को जारी रखा। मैट्रिक्स को कमाई के साथ दर्शकों का भी प्यार मिला। इसे आज भी बेस्ट साइंस फिक्शन मूवीज में गिना जाता है। फिल्म को लाना और लिली वेचोव्स्की ने डायरेक्ट किया था।
हालांकि, फिल्म के लिए रीव्स पहली पसंद नहीं थे। फिल्म के प्रोड्यूसर रहे लोरेंजो डी बोनावेंटुरा ने एक इंटरव्यू में बताया कि वे चाहते थे फिल्म का लीड कैरेक्टर नियो रीव्स से पहले कई और एक्टर्स को ऑफर किया गया, लेकिन सभी ने फिल्म के लिए मना कर दिया। इसके बाद फिल्म के लिए कीनू रीव्स को चुना गया। फैसला सही साबित हुआ फिल्म ने करीब 450 मिलियन डॉलर की कमाई की। इसके बाद फिल्म के दो और पार्ट बनाए गए, वो भी हिट साबित हुए।
शूटिंग में हुए हादसे से पैरालाइज्ड हुए, गर्दन की सर्जरी हुई
मैट्रिक्स की शूटिंग के लिए रीव्स ने कड़ी मेहनत की। कैरेक्टर के शेप में आने के लिए उन्होंने 15 पाउंड (6.8 KG) वजन घटाया। इसके लिए रीव्स ने 6 महीनों तक मार्शल आर्ट्स की ट्रेनिंग भी ली।
इसी फिल्म की शूटिंग के दौरान रीव्स की रीढ़ की हड्डी में चोट लगी थी। चोट इतनी गंभीर थी कि रीव्स के शरीर का आधा हिस्सा पैरालाइज्ड हो गया था। बाद में उन्हें गर्दन की सर्जरी भी करवानी पड़ी। यही कारण रहा कि मैट्रिक्स के बाद के दो पार्ट्स के मुकाबले रीव्स ने पहले पार्ट में कम एक्शन सीन्स किए।
ड्रग एडिक्शन से दोस्त की मौत से सदमे में थे कीनू
फिल्मी करियर की सफलता बाद भी कीनू रीव्स की पर्सनल लाइफ स्ट्रगल खत्म नहीं हुआ। उन्हें एक बाद एक कई हार्टब्रेक झेलने पड़े। हॉलीवुड के स्ट्रगल के दिनों में फिल्म पेरेंटहुड के सेट पर उनकी मुलाकात रिवर फीनिक्स से हुई। जल्दी ही दोनों अच्छे दोस्त बन गए।
इसके बाद दोनों ने 1991 में फिल्म माई ऑन प्राइवेट इडाहो में काम किया। इन दोनों की दोस्ती इतनी गहरी हो गई थी कि रिवर फीनिक्स इस फिल्म के लिए लगभग मना कर चुके थे, लेकिन कीनू रीव्स उन्हें मनाने के लिए ड्राइव करके कनाडा से फ्लोरिडा गए और जिसके बाद रिवर इस रोल के लिए राजी हो गए।
माई प्राइवेट इडाहो में दोनों एक्टर्स आखिरी बार एक साथ नजर आए। फिल्म में रिवर ने एक ड्रग एडिक्ट का रोल प्ले किया। जिसके बाद उन्हें ड्रग की आदत लग गई और वे ड्रग एडिक्ट बन गए। साल 1993 में ड्रग ओवरडोज के कारण रिवर फीनिक्स की मौत हो गई।
जब फीनिक्स की मौत हुई तब कीनू रीव्स फिल्म स्पीड की शूटिंग कर रहे थे। फिल्म में उनके साथ काम करने वाली सैंड्रा बुलक ने एक इंटरव्यू में बताया कि स्पीड के सेट पर कीनू रीव्स अपने दुख को छिपा नहीं पाते थे और अपने दोस्त को याद करके रोने लगते थे।
पहला बच्चा मृत पैदा हुआ तो सदमे में गए कीनू
कीनू रीव्स की लव लाइफ भी आसान नहीं रही। 1998 में रीव्स ने हॉलीवुड प्रोडक्शन असिस्टेंट के तौर पर काम करने वालीं जेनिफर साइम को डेट करना शुरू किया। दोनों अपने रिश्ते को लेकर काफी सीरियस थे। 1999 में जेनिफर ने एक मृत बच्चे को जन्म दिया।
कार एक्सीडेंट में हुई गर्लफ्रेंड की मौत
इस घटना से दोनों को गहरा सदमा लगा और दोनों ने एक दूसरे से अलग होने का फैसला कर लिया। हालांकि, दोनों अच्छे दोस्त बने रहे। फिर साल 2001 में जेनिफर की एक कार एक्सीडेंट में मौत हो गई। इस घटना से ठीक एक दिन पहले ही रीव्स की मुलाकात जेनिफर से हुई थी। रीव्स पर इस एक्सीडेंट का ऐसा असर हुआ कि वे लंबे समय तक किसी के साथ भी रिलेशन में नहीं रहे।
बहन को ब्लड कैंसर हुआ तो फिल्मों से लिया ब्रेक
पर्सनल लाइफ में भी कीनू रीव्स को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। साल 1991 में उनकी बहन किम रीव्स को ल्यूकेमिया यानि ब्लड कैंसर होने का पता चला। इसके बाद रीव्स ने अपने आगे बढ़ते फिल्मी करियर से ब्रेक ले लिया।
वह अपना घर बेचकर अपनी बहन किम के साथ रहने लगे। अपना पूरा समय किम की देखभाल लगाते थे। उनके इलाज के लिए कीनू रीव्स ने अपनी सारी सेविंग्स लगा दी। दस साल तक जूझने के बाद किम कैंसर से पूरी तरह ठीक हो सकीं। वह अपनी नई जिंदगी का क्रेडिट केवल कीनू रीव्स को देती हैं।
मैट्रिक्स फिल्म की कमाई ल्यूकेमिया रिसर्च के लिए दान की
इतना ही नहीं कीनू रीव्स ने अपनी फिल्म मैट्रिक्स से करीब 45 मिलियन डॉलर की कमाई की। इस कमाई का 70 फीसदी उन्होंने ल्यूकेमिया के रिसर्च के लिए डोनेट कर दिया। इसके अलावा कीनू रीव्स का फाउंडेशन समय समय पर कैंसर के साथ अन्य स्वास्थ्य सेवाओं के लिए लोगों की मदद करता है।
इसके अलावा भी कीनू रीव्स ने कई मौकों पर अपनी जिंदादिली दिखाई है। 1997 में आई फिल्म द डेविल्स एडवोकेट में अल पचीनो को कास्ट किया जा सके इसलिए रीव्स ने अपनी सैलरी कट कर दी। उन्होंने कुछ ऐसा ही फिल्म द रिप्लेसमेंट्स के समय भी किया जिसके चलते फिल्म के मेकर्स वॉर्नर ब्रदर्स फिल्म में जेन हैकमेन को कास्ट कर सकें।
3000 करोड़ रूपए से ज्यादा है कीनू रीव्स की नेटवर्थ
कीनू रीव्स अब तक लगभग 80 फिल्मों में काम कर चुके हैं। साल 2013 में उन्होंने फिल्म मैन ऑफ ताई ची में बतौर एक्टर डायरेक्टर काम किया। इसके अलावा साइड बाय साइड (2012), एक्सपोज्ड (2016) और रेप्लिकास (2018) को प्रोड्यूस भी किया।
रीव्स की कुल नेटवर्थ 380 मिलियन डॉलर है, जो इंडियन करेंसी में 3,000 करोड़ रूपए से भी ज्यादा है। उन्हें अपनी डेब्यू फिल्म यंगब्लड के लिए तीन हजार डॉलर की फीस मिली थी। कीनू की पहली सुपरहिट फिल्म स्पीड के लिए उन्हें 1.2 मिलियन डॉलर मिले थे। जबकि स्पीड 2 के लिए 11 मिलियन डॉलर का ऑफर मिला था, लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया था। फिल्म मैट्रिक्स दूसरे और तीसरे पार्ट के लिए उन्हें कुल 30 मिलियन डॉलर मिले थे। वहीं इस साल के शुरुआत में आई फिल्म जॉन विक चैप्टर 4 के लिए कीनू रीव्स ने 15 मिलियन डॉलर चार्ज किए थे।
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