उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले से बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है. जहां पर नसबन्दी करवाने के छह महीने बाद ही महिला गर्भवती हो गई. फिर जब उसने बच्चे को जन्म दिया तो कुछ देर बाद ही नवजात की मौत हो गई. मामला इकौना थाना क्षेत्र के मजरा मटखनवा गांव का है. परिवार का कहना है कि नसबंदी के 9 महीने बाद उन्हें पता चला था कि महिला 3 माह की गर्भवती है.
उन्होंने इसकी जानकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी दी. लेकिन समय रहते इस बात पर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की तरफ से लापरवाही बरती गई. जब प्रेग्नेंसी के 9 माह बाद महिला ने बच्चे को जन्म दिया तो 6 घंटे बाद ही शिशु की मौत हो गई. परिवार का आरोप है कि उन्हें मुआवजा देने की बात भी कही गई थी. लेकिन अब इस मामले पर अधिकारी चुप्पी साधे बैठे हैं.
जानकारी के मुताबिक, टखनवा गांव की महिला सुशीला ने बीते वर्ष 2022 में जनवरी के महीने में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इकौना में नसबंदी करवाई थी. लेकिन 9 महीने बाद सुशीला के पति राम पूरन को पता चला कि वह 3 माह की प्रेग्नेंट है. इसके बाद पति और पत्नी अस्पताल पहुंचे जहां पर पति ने इस मामले की जानकारी स्वास्थ्य कर्मियों को दी.
वहां परिवार को मुआवजा दिलाने की बात कही गई. प्रेग्नेंसी के 9 महीने बीत जाने के बाद सुशीला की डिलीवरी हुई. उसने लड़के को जन्म दिया. लेकिन पैदा होते ही नवजात की हालत बिगड़ने लगी. जिसके बाद उसे जिला अस्पताल भिनगा रेफर किया गया. करीब 6 घंटे के बाद नवजात शिशु ने दम तोड़ दिया.
‘गलती पाई गई तो स्टाफ के खिलाफ होगी कार्रवाई’
इकौना सीएचसी के अधीक्षक डॉ. राहुल यादव का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में आया है. इसकी जांच करवाई जा रही है. स्टाफ से पूछताछ की जा रही है. जिसकी भी इसमें गलती पाई जाएगी उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से मुआवजा का प्रावधान है. अगर स्टाफ की गलती पाई जाती है तो पीड़ित परिवार को मुआवजा दिया जाएगा.
(श्रावस्ती से पंकज वर्मा की रिपोर्ट)
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