इस साल की शुरुआत किंग खान की फिल्म पठान से हुई थी. पठान की जिस तरह से ओपनिंग रही, उसने वाकई में महफिल लूट ली और फिल्म का वर्ल्डवाइड कलेक्शन 1000 करोड़ के पार जा पहुंचा. इसके बाद सत्यप्रेम की कथा, जरा हटके-जरा बचके जैसी छोटे बजट की फिल्मों ने भी उम्मीद से बेहतर बिजनेस किया था. वहीं गदर 2 की रिलीज ने तो ड्राई चल रहे बॉलीवुड की दशा-दिशा ही बदल दी.
इस फिल्म के साथ ओएमजी 2 ने भी टक्कर का बिजनेस किया. अब शाहरुख खान की फिल्म जवान रिलीज के तर्ज पर है. बादशाह की फिल्म रिलीज होने से पहले ही पठान का एडवांस बुकिंग रिकॉर्ड तोड़ चुकी है. एडवांस बुकिंग का जोर देख उम्मीद है वो 50 करोड़ तक का आंकड़ा क्रॉस कर जाए.
सिंगल थिएटर्स कल्चर की हो रही वापसी
जाने माने ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श कहते हैं, हां बिलकुल पठान के वक्त ऐसा था, जब लगा था कि शायद बॉलीवुड अपने ट्रैक पर आ जाएगा. हालांकि एक खालीपन सा ही था. फिल्में नहीं चल रही थीं. लेकिन अभी देखें, तो एक कतार में फिल्में हिट होती जा रही हैं. शुरुआत केरल स्टोरीज, जरा हटके-जरा बचके, रॉकी और रानी की प्रेम कहानी, गदर 2, ओएमजी 2, अभी ड्रीमगर्ल 2 भी बाउंड्री पार सिक्सर मार रही है. वो कहते हैं न, पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त, जवान क्या कमाल करने वाली है. जिस तरह से एडवांस बुकिंग का रिकॉर्ड बनता दिख रहा है, उम्मीद यही है कि यह बहुत बड़ी माइलस्टोन साबित हो सकती है. एक लंबे समय से इंडस्ट्री के बारे में कहा जा रहा था कि बीमार है, आईसीयू में है.. वेंटिलेटर पर है..अब पटरी पर आ गई. अच्छे दिन फिर से आ गए हैं.
कोरोना के दौरान वाकई बहुत बुरा हाल था. फिल्में रिलीज नहीं हो रही थीं. थिएटर्स नहीं खुले थे, जब खुले, तो 50 पर्सेंट की क्षमता के साथ खुले थे. इसके बाद कई फिल्में आने शुरू हुईं. फिर कई फिल्में तो फ्लॉप ही हो गईं. पर अब राहत की सांस ले सकते हैं, जो कतार में फिल्में हिट हो रही हैं. गदर की वजह से एक शानदार वापसी हुई है. खासकर सिंगल स्क्रीन और थ्री टियर जैसे शहरों में एक मार्केटिंग की आस जगी है. इसका सबसे बड़ा कारण यही है कि सिंगल थिएटर में जिस तरह से एक कम्यूनिटी व्यूअरशिप को एंजॉय किया जाता है. अब लोग उससे दोबारा कनेक्ट करना चाहते हैं. यही वजह है, जब गदर 2 सिनेमाघरों में लगी, तो लोगों की कतारें दिखने लगी. इतना ही नहीं लोग हैंडपंप जैसी चीजें लेकर थिएटर पहुंचे थे. ये बिलकुल ऐसा ही था जैसा आज से 20 साल पहले सिनेमाघरों में हुआ करता था.
अब ओटीटी के नीश कंटेंट से ऊब चुके हैं दर्शक
तरण आगे कहते हैं, इस साल के फ्यूचर की बात करें तो बेहतरीन पीरियड वापस आ रहा है. लोग कह रहे थे कि ओटीटी ने सिनेमा को खत्म कर दिया है. कई लोगों का कहना था कि साउथ की फिल्में देखना चाहते थे लेकिन ये सब बातें झूठी साबित हुई हैं. दर्शक हमेशा से आना चाहते थे, बशर्तें हम उन्हें क्वालिटी कंटेंट दें. ओटीटी में दिखाए जा रहे कंटेंट जहां अर्थपूर्ण सिनेमा से भरी होती हैं, जो कहीं न कहीं मास ऑडियंस से कनेक्ट नहीं कर पा रही थी. अब देखें, मास कनेक्शन वाली ही फिल्में, जहां आपके दिमाग को बहुत स्ट्रेस लेने की जरूरत नहीं होती है, वैसी ही फिल्मों ने कमाल का बिजनेस किया है. मतलब कि कंटेंट के नाम पर बस एंटरटेनमेंट..एंटरटेनमेंट और एंटरटेनमेंट भी हो, तो काम चल जाएगा.
पिछले दो सालों में 5000 करोड़ का नुकसान !
जाने माने ट्रेड एनालिस्ट गिरीश जौहर इंडस्ट्री के लॉस पर बात करते हुए बताते हैं, इस बात में कोई दो राय नहीं है कि पैनडेमिक ने बॉलीवुड इंडस्ट्री की कमर तोड़कर रख दी थी. एक तो थिएटर्स नहीं खुल रहे थे, जितनी भी फिल्में रिलीज हुईं उनके हश्र से हर कोई वाकिफ है. वहीं दूसरी ओर ऐसी कई फिल्में भी रहीं, जो रिलीज ही नहीं हो पाईं और कितनी तो बीच में ही डिब्बा बंद हो गई थीं. इन पूरे दो सालों में बॉलीवुड को बहुत बड़ा घाटा हुआ था. अगर फिगर की बात करें, तो लगभग 5000 करोड़ का नुकसान झेलना पड़ा था.
हालांकि इस साल जिस तरह से 2023 उम्मीदें लेकर आया है और छोटी-बड़ी दोनों ही बजट की फिल्मों ने कमाल का काम किया है. तो जाहिर है इस साल उम्मीद है कि 20 प्रतिशत का प्रॉफिट तो हम जरूर अचीव कर पाएंगे. देखो, जो लॉस की वजह से खाई आ गई थी, उसे हम 20 प्रतिशत के प्रॉफिट से ही भर पाएंगे. पहले तो इस साल के बिजनेस की बैलेंस शीट बराबर करनी है, उसपर अगर प्रॉफिट आता है, तो वो डैमेज हुए लॉस की भरपाई पर ही जाएगा. इसे रिकवर करने में आने वाले एक से दो साल और लग सकते हैं. बस दर्शकों का फुटफॉल बना रहे, तो हम अपने इस लॉस की भरपाई करने में ज्यादा दूर नहीं होंगे.
पठान और गदर2 ने साबित किया स्टार पावर अभी भी जिंदा है
गिरीश आगे कहते हैं, बॉलीवुड के चल रहे बिजनेस में पठान को टर्निंग पॉइंट माना जा सकता था. मुझे लगता है कि पठान इसका गेमचेंजर रहा है. जिस मास लेवल पर इस फिल्मों ने दर्शकों को थिएटर में बुलाया है, वो बाकी फिल्मों ने नहीं किया था. वहीं अब गदर 2 ने भी उसी तरह से मैडनेस क्रिएट की है. अब जवान के बाद भूकंप आने की उम्मीद तो है. यह साबित करता है कि स्टार पावर का क्रेज आज भी फैंस के बीच वैसा ही है. अब देखें, जवान में जिस तरह से किंग खान ने अपने नाम पर इतनी एडवांस बुकिंग करवा ली है, वो शायद ही किसी और स्टार द्वारा संभव हो.
छोटी बजट फिल्मों के लिए बिग बजट फिल्म का चलना जरूरी
गिरीश जौहर इस बात को जोड़ना नहीं भूलते हैं कि एक बड़ी बजट की फिल्म में पूरी इंडस्ट्री की नजरें टिकी होती हैं. इससे बहुत से छोटे बजट और इंडिपेंडेंट फिल्मों को लेकर भी उम्मीदें जगती हैं. अमूमन यह धारणा बन जाती है कि अगर कोई बड़ी फिल्म अच्छा नहीं कर रही है, तो जाहिर सी बात है कि छोटी बजट की फिल्मों को तो कोई पूछेगा भी नहीं. ऐसे में बड़ी बजट वाली हिट फिल्में उनके लिए Confidence Building Messure का काम करती हैं. अभी गदर 2 की सक्सेस पार्टी ही देखें, पूरी इंडस्ट्री वहां मौजूद थी. पठान की सक्सेस के बाद तू झूठी मैं मक्कार, मिसेज चैटर्जी, केरल स्टोरी, सत्यप्रेम की कथा, ड्रीमगर्ल 2, जैसी फिल्मों ने अच्छा बिजनेस किया है. इसका पूरा कारण पठान, गदर 2, ओएमजी जैसी फिल्मों का सुपरसक्सेस होना है. अब जवान के बाद यही उम्मीद है कि द ग्रेट इंडियन फैमिली, वैक्सीन वार, फुकरे जैसी फिल्मों को भी अच्छा विंडो मिलेगा.
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