Prithiviraj Kapoor’s grandson Rajeev Kapoor, why he was angry with father: मनोरंजन की दुनिया में कई परिवार ऐसे हैं, जो सालों से फिल्मी दुनिया पर राज कर रहे हैं. पीढ़ी दर पीढ़ी इन परिवारों के बच्चे फिल्मों के जरिए दर्शकों का मनोरंजन कर रहे हैं. कपूर खानदान (Bollywood Kapoor Family) इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. इस परिवार के हर सदस्य ने फिल्मी दुनिया में जगह बनाई है. हालांकि कुछ बहुत सफल रहे तो कुछ सफलता का स्वाद नहीं चख पाए. कपूर खानदान का एक ऐसा ही बेटा है, जिसके लिए उसकी हिट फिल्म ही मुसीबत बन गई. यहां हम आपको कपूर खानदान के असफल चिराग के बारे में बताने जा रहे हैं…
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कपूर परिवार की बात करें तो पृथ्वीराज कपूर ने फिल्मी दुनिया में खूब नाम कमाया है. उनके काम को आज भी याद किया जाता है. उनके बाद राज कपूर ने कमान संभाली और उन्होंने भी खूब हिट फिल्में दीं. उनके भाई शम्मी कपूर और शशि कपूर ने भी फिल्मी दुनिया में खूब नाम किया.
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कपूर खानदान की तीसरी पीढ़ी में ऋषि कपूर और रणधीर कपूर ने भी कई हिट फिल्में दीं. ‘बॉबी’ के जरिए ऋषि ने शानदार शुरुआत की. वहीं, रणधीर ने 1971 में ‘कल आज और कल’ से शुरुआत की थी. दूसरी, तरह इनके भाई राजीव कपूर की किस्मत ने इनका इतना साथ नहीं दिया. इन्होंने 1983 में ‘एक जान हैं हम’ से फिल्मी दुनिया में कदम रखा था.
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राजीव कपूर ने सबसे पहले फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’ के जरिए हिट फिल्म का स्वाद चखा था. लेकिन उन्हें नहीं पता था कि यह फिल्म रिश्तों में ही कड़वाहट घोल देगी. फिल्म को राज कपूर ने निर्देशित किया था और यह 16 अगस्त 1985 को रिलीज हुई थी. फिल्म में राजीव के अपोजिट मंदाकिनी थीं. सिर्फ डेढ़ करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म ने उस दौर में करीब 19 करोड़ का बिजनेस किया था.
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‘राम तेरी गंगा मैली’ को आपार सफलता मिली लेकिन सारी लाइमलाइट मंदाकिनी ने लूट ली. राज कपूर ने इस तरह से मंदाकिनी को प्रजेंट किया कि उनका खुद का बेटा लाइमलाइट से दूर हो गया. सारा फोकस मंदाकिनी पर चला गया और यही बात राजीव को अखर गई. इसके बाद राजीव चाहते थे कि पापा राज कपूर उन्हें फोकस में रखते हुए एक फिल्म और बनाएं.
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1985 को आई ‘राम तेरी गंगा मैली’ फिल्म के बाद हर जगह सिर्फ मंदाकिनी के ही चर्चे थे. मंदाकिनी ने फिल्म में कई बोल्ड सीन दिए थे, जो उस दौर में चर्चा का विषय बन गया था. फिल्म के बाद हर कोई सिर्फ मंदाकिनी की बात करत था, इससे नाराज होकर राजीव ने कई दफा राज कपूर से बात की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.
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राजीव की इस बात को राज कपूर ने अनसुना कर दिया और उन्हें असिस्टेंट के तौर पर काम करवाया. यह बात राजीव को बुरी लगी और पिता पुत्र के बीच कड़वाहट आ गई. नाराजगी में राजीव ने दूसरे बैनर की फिल्में कीं लेकिन कुछ खास फायदा नहीं हुआ. उन्होंने निर्देशन की दुनिया में भी पैर जमाने की कोशिश की पर विफलता ही हाथ लगी. राजीव का जन्म 25 अगस्त 1962 को हुआ था. वहीं, 9 फरवरी 2021 को राजीव ने दुनिया को अलविदा कह दिया था.
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