14 घंटे पहले
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सुष्मिता सेन ने हाल ही में बताया कि फिल्म मैं हूं ना में उन्हें कम जगह देने के लिए डायरेक्टर फराह खान ने उनसे माफी मांगी थी। ह्यूमंस ऑफ बॉम्बे को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि फिल्म की फाइनल एडिटिंग के बाद उनका रोल काफी छोटा कर दिया गया था। हालांकि, इसके बाद भी फिल्म में उनकी अदाकारी के लिए उन्हें काफी तारीफ मिली। उन्होंने ये भी बताया कि लेट फिल्ममेकर यश चोपड़ा ने भी फिल्म में उनके किरदार के लिए उन्हें सराहा था।
फिल्म मैं हूं ना में शाहरुख खान के कॉलेज कैंपस में सुष्मिता रेड शिफॉन साड़ी पहनकर एंट्री करती हैं। फिल्म में शाहरुख उन्हें देखते रह जाते हैं।
बातचीत के दौरान सुष्मिता सेन ने ये भी कहा कि शाहरुख खान ने फिल्म में उनकी एंट्री पर अपना सिग्नेचर पोज करके इस सीन को और भी बेहतर बना दिया था। उन्होंने ये भी कहा कि एंट्री सीन की शूटिंग के दौरान उन्हें बहुत ठंड लग रही थी और साड़ी पहनने की वजह से वो कांप भी रही थीं जबकि शाहरुख खान स्वेटर पहने हुए थे।
फिल्म में मस्ती में किया था शाहरुख ने अपना सिग्नेचर स्टेप
सुष्मिता ने बताया- फिल्म में ऐसी कई चीजें हैं जो स्क्रिप्ट में नहीं थी लेकिन फिल्म में आपको देखने को मिली। जैसे शाहरुख खान ने मुझे पहली बार देखकर बाहें फैलाकर अपना सिग्नेचर स्टाइल किया, ये स्क्रिप्ट में नहीं था। उन्होंने सिर्फ मस्ती में ऐसा किया था। वो मुझे ये एहसास दिलाना चाहते थे कि मैं बहुत अच्छी लग रही हूं। इसके बाद वो मेरी साड़ी का पल्लू पकड़कर चलते हैं, ये भी प्लान में नहीं था।
ठंड में मैंने शिफॉन साड़ी पहनी थी, फैन भी ब्लो किया गया: सुष्मिता
सुष्मिता सेन ने आगे बताया- फिल्म की शूटिंग बहुत सुंद लोकेशन पर हुई थी। वहां बहुत ठंड थी और शाहरुख जैकेट और स्वेटर पहन सकते थे जबकि मैं कंपकंपाती ठंड में शिफॉन साड़ी में शूट करती थी। उस पर भी फराह खान चाहती थी कि सही इफेक्ट्स के लिए वो मुझपर ब्लोअर फैन यूज कर सकें।
मुझे इतनी ठंड लग रही थी कि मुझे इस बात की चिंता होने लगी थी कि कहीं कैमरे में मेरे शरीर के रोंगटे भी कैप्चर न हो जाएं। डायलॉग डिलीवर करने में भी मेरी आवाज कांप रही थी।
फाइनल एडिटिंग के बाद फराह ने कॉल कर माफी मांगी: सुष्मिता
सुष्मिता सेन ने आगे कहा- फिल्म की फाइनल एडिटिंग के बाद मुझे फराह खान ने कॉल किया और माफी मांगी। उन्होंने मुझसे कहा कि उन्होंने फिल्म का फाइनल कट देखा है जिसमें मैं फिल्म में सिर्फ कुछ ही देर के लिए हूं। उन्होंने कहा कि शाहरुख स्क्रीन पर काफी देर तक दिख रहे हैं, जायद खान भी हैं, अमृता भी दिख रही हैं लेकिन तुम काफी कम जगह पर हो।
इस पर मैंने उनसे कहा कि कोई बात नहीं, आपने अपनी बात रखी और मैंने अपनी। इस बारे में बिल्कुल चिंता न करें लेकिन अंदर से मुझे बहुत बुरा लग रहा था कि मैं फिल्म में हूं ही नहीं।
यश चोपड़ा ने भी मेरी तारीफ की: सुष्मिता
स्क्रीन टाइम कम होने के बावजूद सुष्मिता को उनके किरदार के लिए काफी तारीफ मिली। इस बारे में उन्होंने कहा- फिल्म सिटी में स्क्रीनिंग हुई और मेरा फोन बजना शुरू हो गया। इंडस्ट्री में लगभग सभी ने मुझे कॉल कर बधाई दी।
यश जी का भी कॉल आया था और मैंने डरते-डरते उनका फोन उठाया। उन्होंने मुझसे कहा था- क्या काम किया है बच्चे, मैं तुमसे नजरें नहीं हटा पाया। इंटरवल के बाद काश तुम्हें और भी फ्रेम में जगह मिली होती।
मैं समझ गई थी कि मेरा रोल पॉवरफुल है: सुष्मिता
सुष्मिता ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि इस पल के बाद मुझे ये एहसास हो गया कि मेरे लिए जरूर कुछ बदल गया है। मैं स्क्रीनिंग में नहीं गई थी क्योंकि मुझे इस बात का बुरा लग रहा था कि मैं फिल्म में हूं ही नहीं। मेरा रोल तो तब भी छोटा सा ही था लेकिन वो पॉवरफुल जरूर था, इतना असरदार कि ऑडियंस उसपर रिएक्ट करे।
फिल्म के पोस्टर पर मैं नहीं थी, लोगों ने मेरी चिपका दी: सुष्मिता
सुष्मिता ने ये भी बताया कि ऑडियंस को मेरा रोल इतना पसंद आया था कि कई लोगों ने फिल्म के पोस्टर बदल दिए थे। उन्होंने कहा- फिल्म के ओरिजिनल पोस्टर्स में या तो शाहरुख खान, जायद और अमृता थे या तो अकेले शाहरुख थे। लोग मेरी फोटो भी फिल्म के पोस्टर्स पर चिपका रहे थे।
जल्द ही हर पोस्टर में मैं और शाहरुख दिख रहे थे। फिर फराह ने मुझे कॉल कर कहा कि हमें पुराने पोस्टर्स बदलकर नए पोस्टर लगा दिए हैं, जाओ शहर का एक चक्कर लगाकर आओ। सुष्मिता ने कहा कि ऑडियंस की पॉवर का कोई मैच नहीं है।
फिल्म की शूटिंग दार्जिलिंग के 153 साल पुराने संत पॉल स्कूल में हुई थी। इस फिल्म के साथ फराह खान ने अपना डायरेक्टोरियल डेब्यू किया था।
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